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कांग्रेस का दामन थाम, कन्हैया कुमार बोले- कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी, वो नहीं बची, तो देश नहीं बचेगा!

नयी दिल्ली: मंगलवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए. गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस का हाथ तो थामा, लेकिन अभी उन्होंने औपचारिक रूप से कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है. इसके बाद कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कन्हैया कुमार ने कहा कि कांग्रेस बचेगी तभी देश बचेगा. वहीं, जिग्नेश मेवानी ने कहा कि आज हमारा संविधान, लोकतंत्र खतरे में है, हमें उसे बचाना है.
कन्हैया कुमार ने कहा, मुझे महसूस होता है कि इस देश में कुछ लोग, वो सिर्फ लोग नहीं है, वो एक सोच है. इस देश की चिंतन परंपरा, संस्कृति, मूल्स, इतिहास, वर्तमान और भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. कहीं मैंने पढ़ा था कि आप अपने दुश्मन का चुनाव कीजिए, दोस्त अपने आप बन जाएंगे. तो मैंने चुनाव किया है. लोकतांत्रिक पार्टी में हम इसलिए शामिल होना चाहते हैं क्योंकि अब लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बचा तो देश नहीं बचेगा.
उन्होंने कहा, मैं आपको स्पष्ट कर देता हूं कि देश में प्रधानमंत्री अब भी हैं, पहले भी थे और आगे भी होते रहेंगे, लेकिन आज जब हम लोग राहुल गांधी की उपस्थिति में फॉर्म भर रहे थे तो साथी जिग्नेश ने संविधान की कॉपी दी और हमने गांधी-अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर दी. क्योंकि आज इस देश को भगत सिंह की साहत की जरूरत है. अंबेडकर की समानता की जरूरत है और गांधी की एकता की जरूरत है.
कन्हैया ने कहा, जो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, उसे नहीं बचाया गया तो देश नहीं बचेगा. बड़े जहाज को नहीं बचाया गया तो छोटी-छोटी कश्तियां भी नहीं बचेंगी. मैं जहां पैदा हुआ, जिस पार्टी में पला-बढ़ा, उसने मुझे सिखाया, लड़ने का जज्बा दिया है. मैं उस पार्टी के साथ लाखों-करोड़ों लोगों को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जो किसी पार्टी से नहीं थे, लेकिन जब किसी पार्टी की ओर से हमारे ऊपर अनावश्यक आरोप लगाए गए थे, तब वो वॉट्सऐप पर हमारे लिए लड़ रहे थे. इस देश को कांग्रेस ही नेतृत्व दे सकती है.
आगे उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस जो अपने आपको लोकतांत्रिक पार्टी कहती है, वो सत्ता से सवाल पूछने और लोगों के संघर्ष के लिए लड़ने में हमारा साथ देगी. कन्हैया ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा कि ये संघ परिवार नहीं है. वो क्या परिवार है कि अपना परिवार छोड़कर परिवार बनाना पड़े. महात्मा गांधी अपनी पत्नी के साथ अंग्रेजों से लड़े. आप इतिहास उठाकर देख लीजिए सब लोग अपने परिवार के साथ रहते थे.

जिग्नेश बोले- संविधान, लोकतंत्र खतरे में…
वहीं, गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा, जो कहानी गुजरात से शुरू हुई, उसने 6-7 साल में जो उत्पात मचाया है, वो आप सबके सामने है. हमारे संविधान पर हमला है. हमारे आइडिया ऑफ इंडिया पर हमला है. लोकतंत्र पर हमला है. आज भाई-भाई एक-दूसरे का दुश्मन बन जाए, उतना जहर, नफरत सोची-समझी साजिश के तहत नागपुर और दिल्ली फैला रहे हैं. कुछ भी करके इस मुल्क के संविधान, लोकतंत्र और आइडिया ऑफ इंडिया को बचाना है और इसके लिए मुझे उसके साथ खड़े होना है जिसने अंग्रेजों को खदेड़ कर दिखाया है, इसलिए मैं आज कांग्रेस के साथ खड़ा हूं.
उन्होंने कहा कि मैं एक निर्दलीय विधायक हूं, इसलिए औपचारिक रूप से कांग्रेस ज्वॉइन नहीं कर सकता. लेकिन 2022 के चुनाव में कांग्रेस के सिंबल पर ही चुनाव लड़ूंगा और उसके लिए कैंपेन करूंगा. आज राष्ट्रीय स्तर पर जो हो रहा है, वो सब हम गुजरात में झेल चुके हैं.
जिग्नेश ने कहा, मैं बड़ी चिंता के साथ ये कहना चाहता हूं कि 3 हजार किलो का ड्रग्स 15-20 हजार बेरोजगार युवाओं को नशे के चंगुल में फंसाने के लिए अदानी के एयरपोर्ट पर उतर रहा था. आज जब महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है, तब रोजगार देने के बजाय ये फासीवादी ताकतें चाहती हैं कि उन्हें रोजगात तो न मिले, उन्हें नशे की हालत में छोड़ दिया जाए. इन सारी परिस्थितियों में अगर बाबासाहेब अंबेडकर के संविधान को बचाना है, ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ को बचाना है.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सेंट्रल विस्टा साइट पर जाने पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जब अमेरिका से वापस आते हैं तो देखने जाते हैं कि विस्टा का काम ठीक से चल रहा है या नहीं. किसान को मिलने के लिए नहीं जाते. तो किसानों, महिलाओं, दलितों, मजदूरों पर जो हमला हो रहा है, उसे रोकने के लिए मैं सबसे अपील करता हूं…कूद पड़िए, एक नया आंदोलन छीड़ने वाला है. वो जो स्वतंत्रता के लिए आंदोलन चला था, वो हमें रिक्रिएट करना होगा. वो सभी लोग जो इस देश को बचाना चाहते हैं, वो कांग्रेस के साथ जुड़िए.