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कानपुर शूटआउट: गैंगस्टर विकास दुबे के एक गुर्गे को मुंबई एटीएस ने किया गिरफ्तार

गैंगस्टर विकास दुबे के साथ अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी (फाइल फोटो)

मुंबई/कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2-3 जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर में ढेर होने के बाद पुलिस ने उसके गुर्गों की धरपकड़ तेज कर दी है।
आज मुंबई से सटे ठाणे से मामले में वांछित आरोपी अरविन्द उर्फ़ गुड्डन त्रिवेदी को मुंबई एटीएसए ने गिरफ्तार कर लिया। मामले की जानकारी यूपी एसटीएफ को दी गई है।
महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने शनिवार को बताया कि 11 जुलाई को उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि 8 पुलिसकर्मियों की हत्या मामले का एक वांछित (वॉन्टेड) आरोपी छिपने के लिए ठिकाने की तलाश में ठाणे में है। इसके बाद पुलिस सतर्क हो गई। 50 हजार के इनामी गुड्डन त्रिवेदी और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी के ठाणे में छिपे होने की गुप्त खबर पर एटीएस ने उसे घेरकर धर दबोचा। एटीएस की जुहू यूनिट ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट दया नायक के नेतृत्व में कोल्शेट रोड में जाल बिछाकर आरोपी अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी तथा उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को गिरफ्तार किया।

महाराष्ट्र एटीएस के चीफ देवेन भारती के निर्देश पर मुंबई एटीएस के पुलिस इंस्पेक्टर दया नायक की टीम को शुक्रवार रात को सूचना मिली कि यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के कुछ साथी मुंबई में छिपे हैं। सूचना मिलने के बाद विकास दुबे के सहयोगी मोस्ट वांटेड अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी (46) एवं उसके ड्राइवर सुनीलकुमार उर्फ सोनू तिवारी (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है।
मुंबई एटीएस के मुताबिक, कानपुर पुलिस के एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे का अरविंद करीबी सहयोगी है। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या में वह भी शामिल था।

अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी

संतोष शुक्ला हत्याकांड में था शामिल
इसके अलावा मुंबई एटीएस ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला कि गुड्डन विकास दुबे के साथ कई आपराधिक मामलों में साझीदार रहा है। इनमें साल 2001 में राज्यमंत्री संतोष शुक्ला हत्याकांड भी शामिल है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बदमाश की गिरफ्तारी पर 50 हजार का ईनाम भी रखा है।

एटीएस के पुलिस अधीक्षक विक्रम देशमाने ने कहा कि अरविंद उर्फ गुड्डन रामविलास त्रिवेदी (46) और उसके चालक सुशीलकुमार उर्फ सोनू तिवारी (30) को ठाणे शहर के कोलशेट इलाके से गिरफ्तार किया गया।
एटीएस अधिकारी ने बताया कि त्रिवेदी की गिरफ्तारी से कानपुर में विकास दुबे और उसके गिरोह की गतिविधियों के बारे में कुछ अहम् जानकारी मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि पूछताछ के दौरान त्रिवेदी ने दावा किया कि वह पंचायत समिति का सदस्य है और अपने गृह राज्य में एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि बिकरू गांव में घात लगाकर किये गए पुलिसवालों पर हमले के बाद अन्य के साथ त्रिवेदी भी फरार हो गया था।
त्रिवेदी और तिवारी द्वारा अपनाये गए मार्ग पर, उन्होंने कहा कि कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के एक दिन बाद दोनों कार में कानपुर से निकले थे और मध्य प्रदेश में दतिया पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, दतिया से दोनों महाराष्ट्र के पुणे की ओर जा रहे एक ट्रक में सवार हो गए। पुणे में कुछ समय बिताने के बाद, वे दूसरे ट्रक में सवार होकर मुंबई पहुंच गए।
एटीएस अधिकारी ने कहा कि त्रिवेदी विकास दुबे का बहुत करीबी साथी था और नियमित रूप से उसके निवास पर जाता था। उन्होंने कहा कि वह कानपुर में मारे गए अपराधी की गतिविधियों के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकता है।