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महाराष्ट्र कोरोना संकट: 24 घंटे में रेकॉर्डतोड़ 7862 नए केस, पुणे में 13 से 23 तक लॉकडाउन

मुंबई: देश में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों से महाराष्‍ट्र बुरी तरह परेशान है। पिछले 24 घंटों में यहां कोरोना संक्रमण के 7862 नए मामले आए हैं। साथ ही 226 लोगों की मौत भी हुई है। 1 दिन में इतने कोरोना मामले मिलने का यह नया रेकॉर्ड है। राज्‍य में अब कुल 2,38,461 केस हो चुके हैं। इनमें से 9893 लोगों की मौत भी हो गई है। कोरोना के खौफ के चलते मुंबई के कल्‍याण इलाके में 19 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है।
प्राप्त के मुताबिक, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले 24 घंटों में 1337 कोरोना केस आए हैं जबकि 73 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। मुंबई में कुल मामले 90 हजार के पार हो गए हैं। मुंबई में कोरोना के कुल 90,461 मामले हैं जिनमें से 5205 लोगों की मौत हो चुकी है। यहां 1,32,625 लोग इस बीमारी से ठीक होकर अस्‍पताल से घर भी जा चुके हैं। अब तक मुंबई में कुल 12,53,978 लोगों का टेस्‍ट किया जा चुका है।

पुणे में 13 से 23 जुलाई तक फिर से लॉकडाउन
इससे पहले, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक अहम निर्णय लिया गया। पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़ समेत जिले के कई अन्य हिस्सों में 10 दिनों का लॉकडाउन लागू करने की तैयारी की गई है। यह लॉकडाउन 13 जुलाई से शुरू हो रहा है। लॉकडाउन 13 जुलाई की मध्यरात्रि से शुरू होगा और 23 जुलाई को खत्म होगा। जिले में गुरुवार को कोरोना के 1803 नए मामले सामने आए थे।

14 दिन तक लगाया जाए लॉकडाउन
महाराष्‍ट्र सरकार के इस फैसले पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) के डायरेक्‍टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने असहमति जताई है। उनका कहना है कि कम समय के लिए लगाया जाने वाला लॉकडाउन कोरोना की रफ्तार रोक पाने में कोई मदद नहीं कर पाएगा। कम से कम 14 दिनों का लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए, तब कुछ नतीजे मिल सकते हैं।

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अनलॉक के दौरान लोगों ने सोशल डिस्‍टेसिंग का पालन करना बिलकुल कम कर दिया। साथ ही प्रशासन को कोरोना क्‍लस्‍टर्स और कंटेनमेंट इलाकों पर लगातार नजर रखनी चाहिए। लॉकडाउन अगर लगाना ही है तो कम से कम 14 दिन तक लगाया जाए ताकि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर लगाम लगाया जा सके। डॉ. गुलेरिया ने सुझाव दिया कि शहरों में लॉकडाउन लगाने की बजाय सरकार को कंटेनमेंट इलाकों में लॉकडाउन लगाना चाहिए जहां पर कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।

डब्ल्यूएचओ ने की धारावी मॉडल की सराहना
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडहानम गेब्रेयेसेसने कहा, ‘दुनिया भर में कई उदाहरण हैं जिन्होंने दिखाया है कि भले ही प्रकोप कितना भी ज्यादा हो, फिर भी इसे नियंत्रण में लाया जा सकता है और इन उदाहरणों में से कुछ इटली, स्पेन और दक्षिण कोरिया, और यहां तक कि मुंबई में धारावी भी हैं।’

संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य प्रमुख ने कहा कि मुंबई के इस स्लम एरिया में टेस्टिंग, ट्रेसिंग, सोशल डिस्टेंसिंग और संक्रमित मरीजों का तुरंत इलाज के कारण यहां के लोग कोरोना की लड़ाई में जीत की ओर हैं। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने नेतृत्व, सामुदायिक भागीदारी और सामूहिक एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ऐसे देशों से जहां तेजी से विकास हो रहा है, जहां प्रतिबंधों को ढीला कर रहे हैं और अब मामले बढ़ने लगे हैं। हमें नेतृत्व, सामुदायिक भागीदारी और सामूहिक एकजुटता की जरूरत है।