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कोरोना वायरस का कहर, लॉकडाउन के कारण ईद पर भी बंद रहा मुंबई का माहिम दरगाह…

आजादी के बाद से अब तक भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब ईद के दिन सभी मस्जिदें बंद रहीं !

मुंबई: यूं तो मुंबई में सूफी संतों की कई दरगाहें है, पर महिम इलाके में मख्दूम अली माहिमी की दरगाह का अपना महत्व है। वे बड़े सूफी थे। कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते ईद उल फितर के खास मौके पर भी मुंबई के मशहूर माहिम दरगाह को बंद रखा गया है।
गौरतलब है कोरोना वायरस के लगातार बढ़ रहे कहर ने महाराष्ट्र ही क्‍या पूरे देश में इस बार मीठी ईद का स्‍वाद फीका कर दिया है, लॉकडाउन में सभी मुस्लिम भाई घर में रहकर ही अपने परिवार संग ईद मना रहे हैं घर की छतों पर नमाज पढ़कर एक दूसरे को दूर से ही ईद की मुबारकबाद दे रहे हैं।
मुस्लिम परिवारों का कहना है कि ये देश की पहली ऐसी ईद है जिसमें हम मस्जिद नही जा पाएंगे और घरों में रहकर नमाज पढ़ेंगे, न ही गले मिल पाएंगे और न ही हाथ मिला पाएंगे। आजादी के बाद से अब तक भारत के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ जब ईद के दिन मस्जिद बंद रहे।
बता दें कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते देश के सभी धार्मिक स्‍थल बंद कर दिये गये हैं इसी के चलते ईद के खास मौके पर भी जामा मस्जिद समेत देश की सभी मस्जिदें बंद हैं। इसलिए लोग अपने घर और घर की छतों पर ही ईद की नमाज पढ़कर घर में रहकर ही परिवार संग त्‍योहार मना रहे हैं।
इस्लाम धर्म में सबसे पाक महीना माह ए रमजान के आखिरी जुमा में अलविदा की नमजा के साथ ही रूख्सत होने का ऐलान किया गया। शुक्रवार शाम को आखिरी जुमे की नमाज अदा की गई। दिल्ली की जामा मस्जिद में गिने चुने लोगों ने ही नमाज अदा की। इस दौरान शाही इमाम काफी भावुक भी हो गए। जामा मस्जिद में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पहली बार इस कदर सन्नाटा देखकर जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी की आंखे नम हो गईं थीं। इमाम ने सभी मुस्लिमों से अपील की थी कि ईद का त्‍योहार घरों में रहकर ही मनाएं घरों के बाहर भीड़ न जुटाएं।
गौरतलब है कि ईद के खास मौके पर नमाज अदा करने का समय सुबह 7 बजे से शुरु होकर 11.15 बजे तक था। इस बीच मुस्लिम समुदाय कोरोना वायरस लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ईद मना रहा है। जबकि अगर सब कुछ सामान्‍य होता तो इस खास मौके पर मस्जिदों और बाजारों में काफी रौनक देखने लायक होती नये कपड़ों में खिलखिलाते बच्‍चे माहौल को खुशनुमा बनाते। एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद देते।