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कोरोना संकट: सरकार का फैसला- नागपुर की बजाय मुंबई में होगा विधानमंडल का शीतकालीन सत्र

मुंबई,(राजेश जायसवाल): कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार ने इस बार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित करने का फैसला लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई विधानमंडल कामकाज समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया।
आगामी 7 दिसंबर से शुरु होने वाला यह अधिवेशन अब मुंबई में होगा। सरकार की तरफ से कहा गया है कि शीतकालीन सत्र का आयोजन नागपुर में ही किया जाना था। लेकिन राज्य में कोरोना की परिस्थिति को देखते हुए अधिवेशन मुंबई में आयोजित करने का फैसला लिया गया है। अधिवेशन कितने दिनों का होगा इस बाबत इस महीने के अंत तक होने वाली कामकाज सलाहकार समिति की बैठक में फैसला लिया जाएगा।
बैठक के दौरान कई नेताओं ने कहा कि कोरना संकट में नागपुर में अधिवेशन आयोजित होने पर बहुत से लोगों को यात्रा करनी पड़ेगी। इससे संक्रमण और फैल सकता है। इसलिए नागपुर की बजाय मुंबई में ही सत्र आयोजित करना ठीक रहेगा।

बैठक में विधानपरिषद सभापती रामराजे निंबाळकर, विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, विधानपरिषद उपसभापति डॉ. नीलम गोर्हे, विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरी झिरवाल, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस (वीडियोकांफ्रेंस द्वारा) संसदीय कार्यमंत्री अनिल परब, राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात आदि शामिल थे।

2018 में भी नागपुर में नहीं हो सका था सत्र
55 साल बाद 2018 में राज्य की तत्कालीन फडणवीस सरकार ने शीतकालीन सत्र नागपुर की बजाय मुंबई में आयोजित किया था। बाद में विधानमंडल का मानसून सत्र जुलाई महिने में नागपुर में आयोजित किया गया था। हालांकि यह प्रयोग सफल नहीं रहा था। भारी बरसात से विधानभवन जलमग्न हो गया था। महाराष्ट्र विधान मंडल का शीतकालीन सत्र राज्य की उपराजधानी नागपुर में दिसंबरके महिने में होता रहा है। 1963 के बाद 2018 में पहली बार मुंबई में शीतकालीन सत्र हुआ था। 1963 में 9 दिसंबर से 20 दिसंबर तक मुंबई में शीतकालीन सत्र चला था। अब कोरोना संकट के चलते एक बार फिर से मुंबई में शीतकालिन सत्र का आयोजन होने जा रहा है।

गिरीश महाजन ने की नागपुर में बजट सत्र आयोजित करने की मांग
उधर भाजपा विधायक गिरीश महाजन ने कहा कि विपक्ष ने शीतकालीन अधिवेशन 15 दिन का करने की मांग की लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि 1 दिसंबर को दोबारा कोरोना की स्थिति की समीक्षा होगी है। उसके बाद अधिवेशन की अवधि के बारे में फैसला लिया जाएगा। महाजन ने कहा कि कोरोना के कारण विपक्ष ने नागपुर के बदले मुंबई में शीतकालीन अधिवेशन बुलाने के सरकार के फैसले पर सहमति दी है, लेकिन हमने साल 2021 में बजट अधिवेशन नागपुर में आयोजित करने की मांग की है। क्योंकि नियमों के अनुसार साल भर में एक अधिवेशन विदर्भ में आयोजित करना जरुरी है। लेकिन सरकार की ओर से कहा गया कि नागपुर में बजट अधिवेशन आयोजित करने के बारे में बाद में विचार किया जाएगा। महाजन ने आरोप लगाया कि विदर्भ अंचल के मंत्री जो कि कामकाज सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं उनका नागपुर में अधिवेशन बुलाने को लेकर विरोध है। विदर्भ के मंत्रियों का कहना था कि नागपुर में अधिवेशन के बारे में बाद में फैसला लिया जाएगा। महाजन ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण, किसानों की समस्या समेत किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार नजर नहीं आ रही है।