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‘यास’ चक्रवात समीक्षा बैठक में देरी से आने के विवाद पर सीएम ममता का जवाब-‘मैं नहीं, प्रधानमंत्री 20 मिनट की देरी से आए थे’

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा करने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। कहा गया कि बंगाल में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी करीब 30 मिनट की देरी से पहुंचीं। जब इस मामले में सीएम ममता बनर्जी की चारों तरफ निंदा होने लगी, तब उन्होंने मीडिया के सामने आकर सफाई दी। ममता ने कहा कि वे नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी 20 मिनट की देरी से आए, इसलिए उन्हें इंतजार करना पड़ा।

ममता बनर्जी ने दी सफाई
सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें सूचना दी गई थी कि पीएम मोदी अभी नहीं पहुंचे हैं। इसलिए उन्हें खुद 20 मिनट इंतजार करना पड़ा। प्रधानमंत्री का कार्यक्रम देरी से बना। ममता ने कहा कि वे खुद तूफान प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण के लिए निकली थीं। उनके दौरे की भी प्रशासनिक बैठकें पहले से तय थीं। इसलिए मुख्‍य सचिव के साथ बैठक में पहुंची ममता ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंप दी और यह कहकर चली गईं कि उन्‍हें कुछ दूसरी मीटिंगों में हिस्‍सा लेना है।

जरूरी नहीं कि हर बार प्रधानमंत्री को रिसीव किया जा सके
ममता ने यह भी कहा कि यह जरूरी नहीं कि हर बार प्रधानमंत्री को रिसीव किया जा सके। बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय भी मीटिंग में देरी से पहुंचे थे। ममता के इस रवैये को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कड़ी आलोचना की थी। शुक्रवार शाम को अमित शाह ने एक ट्वीट किया था। इसके बाद मुख्य सचिव को बंगाल से प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली बुला लिया गया।

जनता की भलाई के लिए मोदी के पैर भी छू लूं
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री के पैर भी छूने को तैयार हैं अगर इससे उनके ‘अहम’ को राहत मिलती हो और इससे जनता का भला होता हो। ममता ने राज्‍य के मुख्‍य सचिव अलपन बंदोपाध्‍याय का दिल्‍ली ट्रांसफर रोकने का भी अनुरोध किया और कहा ऐसा करना देश भर के नौकरशाहों का अपमान है।

हमें एक घंटे इंतजार करने को कहा गया
बैठक में देर से पहुंचने पर मुख्यमंत्री का कहना था- ‘जब प्रधानमंत्री और मुख्‍यमंत्री के साथ होने वाली बैठक स्‍थल पर हम पहुंचे तो हमसे कहा गया कि पीएम कुछ देर पहले पहुंच चुके हैं और बैठक चल रही है। हमें बाहर इंतजार करने को कहा गया। कुछ देर इंतजार करने के बाद जब हमने दोबारा अंदर जाने की अनुमति मांगी तो कहा गया अगले 1 घंटे तक कोई अंदर नहीं जा सकता।

विपक्ष को बुलाया गया था मीटिंग में
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि ‘फिर किसी ने हमें बताया कि मीटिंग कॉन्‍फ्रेंस हॉल में शिफ्ट हो गई है। जब मुख्‍य सचिव और हम वहां पहुंचे तो देखा कि पीएम, गवर्नर, केंद्रीय नेताओं और विपक्षी दल के विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे थे। यह मीटिंग केवल राजनीतिक बदला लेने के लिए बुलाई गई थी। ओडिशा और गुजरात में हुई समीक्षा बैठक में तो राज्‍यपाल और विपक्ष के नेताओं को नहीं बुलाया गया था।
इस पर सीएम ममता ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें जो बताया गया यह उसके एकदम उलट था। यह मीटिंग केवल पीएम और सीएम के साथ होनी थी। इसलिए हमने पीएम को रिपोर्ट सौंपने का फैसला किया और दीघा के दौरे की उनसे अनुमति मांगी। मैंने प्रधानमंत्री से तीन बार अनुमति मांगी।

यह बंगाल की जनता के साथ अन्‍याय है
वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट करते हुए लिखा- ‘पीएम चक्रवात से बर्बाद राज्‍य का दौरा करने गए थे। सीएम और पीएम भारत की जनता की सेवा करने वाले संवैधानिक पद हैं। ममता बनर्जी के बर्ताव से दोनों पदों की गरिमा कमतर हुई है। यह बंगाल की जनता के साथ अन्‍याय है।

उनका घमंड दिखता है
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी के व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- ‘उनका व्यवहार शिष्टाचार के दायरे से बाहर था। दीदी को आम जनता से मतलब नहीं है। उनका घमंड दिखता है।

ममता जी ने संविधान की हत्या की
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सीएम ममता बनर्जी के व्यवहार की आलोचना की है।उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- यास चक्रवात के बाद पीएम मोदी पीड़ितों के साथ खड़े दिखे। ममता बनर्जी को भी जनता के लिए अपने व्यवहार का परिचय देना चाहिए था. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होकर संविधान की मूल भावना की हत्या कर दी है।

तृणमूल सांसद का विवादास्पद बयान
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ममता बनर्जी के बचाव में विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 30 मिनट की देरी से इतना हंगामा क्यों मचा है? भारत के लोगों ने तो 7 सालों तक 15 लाख रुपए का इंतजार किया है। एटीएम के बाहर (नोटबंदी) भी लंबी लाइनों में खड़े रहे। वैक्सीन के लिए भी इंतजार किया। थोड़ा आप भी इंतजार कर लीजिए कभी-कभी।

पीड़ितों के लिए 1,000 करोड़ का राहत पैकेज
केंद्र सरकार ने यास चक्रवात से प्रभावित पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इसके पहले पीएम मोदी ने यास प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के इलाकों का हवाई सर्वे किया। पीएम मोदी सबसे पहले ओड़िशा पहुंचे और वहां पर सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात करके रिव्यू मीटिंग की. इसके बाद पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में चक्रवात से पैदा हुए हालात की जानकारी लेने के बाद रिव्यू मीटिंग की। पीएम मोदी ने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति शोक भी प्रकट किया। इसके साथ पीएम मोदी ने चक्रवात यास में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया।