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ठाणे: कलवा के इस सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत से मचा हाहाकार; सरकार ने दिए जांच के आदेश

ठाणे: राज्य के मुखिया एकनाथ शिंदे के होमटाउन ठाणे जिले में मौजूद कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में एक ही रात में 18 मरीजों की मौत से हाहाकार मच गया है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद कलवा के इस अस्पताल में राजनीतिक दल के नेताओं ने हाजिरी लगानी शुरू कर दी है। राजनेता अस्पताल प्रशासन से जवाब मांग रहे हैं। पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड, दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे ने भी अस्पताल का दौरा किया। दो दिन पहले भी इसी अपस्ताल में 5 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं 18 लोगों की मौत हो गई इनमें से 13 आईसीयू में थे।
बताया जा रहा है कि इन मौतों से अस्पताल प्रशासन की लापरवाही साफ़तौर पर झलक रही है। केदार दिघे ने आरोप लगाया कि ठेकेदार यहां साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते है। वहीं मंत्री गिरीश महाजन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। पिछले चार दिनों में अस्पताल में मरने वालों की संख्या 22 हो गई है। अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है। बताया जा रहा है कि इन मरीजों की मौत समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण हुई।

अस्पताल के डीन ने बताया कैसे हुईं इतनी मौतें?
इस पूरे मामले पर अस्पताल के डीन ने भी मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। उन्होंने जानकारी दी है कि इतनी मौतें कैसे हुईं? डीन ने बताया कि पिछले 24 घंटे में 18 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें से 6 मरीजों की 24 घंटे के अंदर मौत हो गई है। कुछ मरीजों की मौत आधे घंटे में ही हो गई। इनमें से पांच मरीजों को बुखार और सांस लेने में तकलीफ थी। यहां कुछ मरीज गंभीर हालत में आये थे। एक रोगी को अल्सर फटा हुआ था। उस मरीज का उचित इलाज किया गया लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।
डीन ने बताया कि एक चार साल के बच्चे ने केरोसिन पी लिया था। उसके पेट में काफी मात्रा में केरोसिन चला गया था। काफी कोशिश के बाद भी हम उसे बचा नहीं पाए। एक मरीज को सांप ने काट लिया था उसे भी बचाया नहीं जा सका। उन्होंने कहा कि हम 24 घंटे काम कर रहे हैं। पांच सौ बेड में 600 मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हम कभी भी किसी मरीज को ना नहीं कहते। हम जानते हैं कि यहां आने वाला मरीज गरीब होता है। उन्होंने यह भी कहा है कि हम गंभीर मरीजों को नहीं बचा सके। हालांकि, हम आखिरी उनकी सांस तक कोशिश कर रहे थे। अचानक मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह बात सही है कि डॉक्टर पर्याप्त हैं लेकिन मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या बढ़ने और मरीजों की गंभीर स्थिति के कारण हम उन्हें बचा नहीं सके।