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डॉ.पायल तड़वी आत्महत्या मामले में चार आरोपी डॉक्टर सस्पेंड, एक गिरफ्तार

मुंबई, (राजेश जायसवाल) : बीएमसी के नायर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एक रेजिडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की आत्महत्या का मामला गरमाने के बाद कार्रवाई शुरू हो गई है। सोमवार को प्रशासन ने पायल को परेशान करने और उन पर जातिगत टिप्पणियां करने के आरोप में अस्पताल की चार डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया। आरोपियों में से एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि डॉ. पायल तड़वी ने रैगिंग से तंग आकर 22 मई को आत्महत्या कर ली थी। परिवार का कहना है कि सीनियर डॉक्टर आदिवासी होने की वजह से पायल का मजाक उड़ाते थे और उसे जातिसूचक शब्द कहते थे। डॉ. पायल तडवी के मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी की है। मुंबई पुलिस ने रैगिंग और जातीय उत्पीड़न के इस मामले में रेजिडेंट डॉक्टर भक्ति मेहरे को गिरफ्तार किया है। डॉ. तडवी की आत्महत्या के बाद से भक्ति मेहरे फरार चल रही थी। भक्ति मेहरे उन तीन आरोपी डॉक्टरों में शामिल है जिनके ऊपर डॉ. तडवी को जातीय आधार पर उत्पीड़ित करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि उत्पीड़न से परेशान होकर डॉ. तडवी ने आत्महत्या कर ली थी। बहरहाल, मंगलवार को मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने मुंबई के संयुक्त पुलिस आयुक्त विनय चौबे से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने डॉ. पायल तडवी के आत्महत्या मामले के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा।
डॉ. तड़वी के हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार कर फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चलाकर जल्द न्याय दिलाने की मांग की।

डॉक्टर भक्ति मेहरे गिरफ्तारी से पहले डॉ. तडवी के माता-पिता ने मंगलवार को मुंबई में उस सरकारी अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया जहां वह काम करती थीं। अन्य प्रदर्शनकारी भी तडवी की मां आबिदा और पति सलमान के साथ प्रदर्शन में शामिल हुए और तीन वरिष्ठों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जिन्होंने कथित तौर पर रैगिंग और जातीय टिप्पणियां कर उन्हें प्रताड़ित किया और यह कदम उठाने के लिए बाध्य किया। प्रदर्शनकारी वंचित बहुजन अघाड़ी से और दूसरे दलित और जनजातीय संगठनों से संबद्ध हैं और वे तडवी की मौत को लेकर बीवाईएल नायर अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। सलमान ने कहा, हम चाहते हैं कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। यह संभव है कि पायल की हत्या तीन महिला डॉक्टरों द्वारा की गई हो। प्रदर्शनकारियों और तड़वी के परिजनों के साथ अपनी एकजुटता दिखाते हुए भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि अगर हमारी छोटी बहन के लिए न्याय की लड़ाई में जरूरत हुई तो वह भी महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पताल अधिकारियों को नोटिस जारी कर आठ दिन के अंदर यह बताने को कहा है कि उन्होंने रैगिंग विरोधी कानून को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए। डॉ. तड़वी को खुदकुशी के लिए उकसाने की आरोपी तीन महिला चिकित्सकों ने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।

Whatsapp ग्रुप में डॉ. पायल तड़वी को लेकर जातिगत टिप्पणी

जातिगत टिप्पणी का आरोप : डॉ. पायल तड़वी की तीन सीनियर्स डॉ. हेमा आहूजा, डॉ. भक्ति मेहरे और डॉ. अंकिता खण्डेलवाल ने Whatsapp ग्रुप में पायल पर जातिवाद टिप्पणी करते हुए कहा कि “तुम आदिवासी लोग जगंली होते हो, तुमको अक्कल नही होती। तू आरक्षण के कारण यहाँ आई है। तेरी औकात है क्या हम ब्राम्हण से बराबरी करने की ! तू किसी भी मरीज को हाथ मत लगाया कर वो अपवित्र हो जाएँगे। तु आदिवासी नीच जाति की लड़की मरीज़ों को भी अपवित्र कर देगी !”