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तेजी से बदल रहा मोदी की काशी! आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे घाट, होगी CNG नाव और हेलीपैड की सुविधा

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के नाते वाराणसी (काशी) को अद्भुत तरीके से सजाने और संवारने का काम जोरो से चल रहा है.

विकास की नई ऊंचाइयां चढ़ रही काशी को अब एक नए घाट का तोहफा भी मिलने वाला है. साल 2021 के जुलाई महीने तक खिरकिया घाट के नवनिर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा और ये घाट पर्यटकों का नया केंद्र स्थल होगा.

मोक्षदायिनी गंगा किनारे अर्धचंद्राकार घाटों की मनोहारी छवि निहारने काशी आने वाले दुनिया भर के लोगों के लिए खिरकिया घाट एक नया केंद्र होगा. वाराणसी के नक़्शे में जुड़ रहा यह नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन जल-थल और आकाश तीनों से जुड़ा होगा. जहां घाट तक एयरपोर्ट और स्टेशन से भी पहुंचना बेहद आसान होगा. वहीं, पर्यटकों की गाड़ियां भी सीधे घाट तक पहुंच जाएंगी. सीएनजी बोट से आम लोग अपने वाहन से और हवाई मार्ग से यहां पहुंच सकते हैं. ये इको फ्रेंडली घाट कई मायनों में खास होगा. यहां फूड कोर्ट, पार्किंग, वॉकिंग ग्राउंड और ऐसा सेंटर बन रहा है, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जा सकते हैं. इसके साथ ही इस घाट पर हेलीकाप्टर उतारने की भी सुविधा मिलने जा रही है. लगभग 35.83 करोड़ की लागत से इस घाट का नवनिर्माण युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है.

2021 में बनकर होगा तैयार
नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर अनिल यादव के मुताबिक, करीब 11.5 एकड़ में बन रहे इस घाट की लागत लगभग 35.83 करोड़ है, जो जुलाई 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा. इस प्रोजेक्ट की डिजाइन, इंजीनियरिंग और डीपीआर बनाने वाली कंपनी प्लानर इंडिया ने बताया कि गाबियन और रेटेशन वाल से घाट तैयार किया जा रहा है, यानी देखने में पुराने घाटों की तरह होगा और बाढ़ में घाट सुरक्षित रहेगा. घाट पर ही वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है, जो अन्य घाटों पर नहीं है.

आधुनिक सुविधाओं के साथ होगा जीर्णोद्धार
वाराणसी के डीएम कौशलराज शर्मा ने बताया कि अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक अधिक आते हैं, लेकिन सभी घाटों तक आसानी से गाड़िया नहीं पहुंच पातीं, इसलिए खिरकिया घाट का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जो पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. घाट पर सभी सुविधाएं एक साथ मिलेंगी, जिसके लिए पहले आप को कई जगह भटकना पड़ता था. मसलन, पर्यटक यहां से काशी विश्वनाथ मंदिर का टिकट ले सकते हैं, वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकेंगे, लाइब्रेरी में किताबें पढ़ सकेंगे तो सेहतमंद रहने के लिए सुबह मॉर्निंग वॉक, व्यायाम और योग कर सकेंगे.
यहां जेटी होगी, जहां से बोट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ धाम जा सकेंगे और नौकाविहार के साथ घाटों का नजारा देखा जा सकते हैं. फूड प्लाज़ा, आरओ प्लांट, शिल्पियों के लिए जगह होगी, जहां वे हैण्डीक्राफ्ट के उत्पाद बेच सकेंगे. 1.6 एकड़ में एक बहुउद्देशीय प्लेटफार्म बन रहा है, जिसपर दो हेलीकाप्टर उतर सकते हैं. यह हेली टूरिज्म समेत अन्य कामों में आ सकता है. साथ ही इस प्लेटफार्म को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा दूसरे उपयोग में भी ला सकते हैं. भविष्य में खिरकिया घाट पर ही दूसरे पर्यटक स्थलों की टिकट व्यवस्था (कॉम्बो टिकट) और रेलवे टिकटिंग की व्यवस्था भी होगी.

बन रहा है सीएनजी स्टेशन
गंगा को प्रदुषण मुक्त करने के लिए सीएनजी से चलने वाली नाव के लिए सीएनजी स्टेशन भी खिरकिया घाट पर बन रहा है. खिरकिया घाट पर ही म्यूरल के माध्यम से गोवर्धन पूजा को भी उकेरा जायेगा और आस पास के मंदिरों को भी उनके स्वरूप में ठीक किया जायेगा. पास में ही ऐतिहासिक महत्त्व के धरोहरों को भी खिरकिया घाट से जोड़ा जायेगा और पंचकोशी मार्ग भी सुगम हो जाएगा. मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने बताया कि जल-थल और नभ से जुड़ने वाला ये मल्टी मॉडल, मिनी टर्मिनल देव-दीपावली जैसे अवसरों में क्राउड मैनेजमेंट में भी उपयोगी साबित होगा. राजघाट और भैसासुर घाट का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जो खिरकिया घाट से जुड़ जायेगा. अब काशी के लगभग सभी 84 घाट पक्के घाटों के रूप में जुड़ जायेंगे.

गुजरात की तर्ज पर अब काशी में भी होगा डेयरी उत्पादन
गुजरात की तर्ज पर अब काशी में भी दुग्ध उत्पादन होगा. इसको लेकर पशुपालकों और किसानों का दल ट्रेनिंग के लिए गुजरात रवाना हो गया है. बता दें कि निजी कंपनी ने दुग्ध उत्पादकों को ट्रेनिंग के लिए बुलाया है. केंद्र सरकार की पहल पर दुग्ध उत्पादकों को ये ट्रेनिंग मिलेगी.