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मुंबई में गिरफ्तार बांग्लादेशी घुसपैठिये 29 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर

मुंबई: मुंबई पुलिस ने पश्चिम बंगाल की सीमा से होकर भारत में घुसपैठ करने वाले तीन बांग्लादेशी नागरिकों को 26 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया। ये घुसपैठिये अँधेरी के साकीनाका इलाके में एक चॉल में रह रहे थे, इन्‍होंने नकली पैन और आधार कार्ड खरीदे थे। अदालत ने उन्हें 29 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
गौरतलब है कि नवी मुंबई के पनवेल और ठाणे तथा विरार, नालासोपारा में भी बांग्‍लादेशी घुसपैठियों की संख्‍या लगातार बढ़ती ही जा रही है। सख्‍त नियमों के बावजूद इन्‍हें आसानी से किराये पर कमरे मिल जाते हैं। इन्‍हें किराये पर कमरा देने वाले मकान मालिक भी इसकी जानकारी पुलिस से छिपाते हैं। पनवेल और उरण क्षेत्र तक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। ये बांग्‍लादेशी बंगाल के किसी न किसी जिले के तहसील और गांव के स्थानीय निवासी होने के नकली दस्‍तावेत दिखा और बताकर खुद के भारतीय होने का दावा करते हैं।

इस संबंध में मिले आंकड़ों के मुताबिक, पनवेल, उरण, तलोजा और नवी मुंबई को मिलाकर इस समय करीब 10 से 15 हजार बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। इनमें से बहुत से तो ऐसे हैं जो पिछले 5 से 10 साल से भी अधिक समय से यहां छिपकर रह रहे हैं। ये लोग यहां मजदूरी करते हैं और कारखानों, होटलों, ढाबों, लॉजिंग व बोर्डिंग होटलों, सड़क आदि बनाने व खुदाई का काम करने वाले ठेकेदारों के यहां नौकरी कर अपनी रोजी रोटी कमाते हैं। अधिकांश मालिकों को मालूम ही नहीं है कि ये अवैध बांग्लादेशी हैं। वाशी की थोक कृषि उपज की पांचों मंडियों, शॉपिंग मॉल, दुकानों और बड़े स्टोरों में भी बांग्लादेशी मजदूर काफी संख्‍या में काम करते हुए दिख जाएंगे। वहीं बांग्‍लादेशी महिलाएं होटलों, डांस बारों और घरों में झाड़ू-पोंछा करती हैं।