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…तो क्या भारत में कोरोना वायरस का सेंट्रल पॉइंट बन गया है महाराष्ट्र?

मुंबई: कोरोनावायरस से संक्रमण के कारण मुंबई में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद बीमारी से उबर चुके फिलीपींस के 68 वर्षीय व्यक्ति की मुंबई के एक अस्पताल में मौत हो गई। बीएमसी की ओर से सोमवार को इस बारे में जानकारी दी गई है। यह कोरोना वायरस से संबंधित महाराष्ट्र में तीसरी मौत है। वहीं देश भर में कोरोना के संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों की कुल संख्या 8 हो गई है।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक बयान में बताया कि व्यक्ति शुरु में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था और उसका यहां कस्तूरबा अस्पताल में उपचार किया गया। उसकी जांच रिपोर्ट का नतीजा नकारात्मक आने के बाद उसे एक निजी अस्पताल में भेज दिया गया था और रविवार रात को व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई।
अधिकारियों ने कहा कि इस व्यक्ति को मधुमेह और अस्थमा की शिकायत थी और उसे 13 मार्च को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके गुर्दे खराब हो गए थे और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इससे पहले रविवार को मुंबई में एक शख्स की मौत की पुष्टि हुई थी। रविवार को जान गंवाने वाले शख्स की तबीयत बिगड़ने पर 19 मार्च को मुंबई के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था।

पहले के मरीजों को भी था डायबिटीज
19 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराए गए इस मरीज को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग की परेशानी भी थी। 19 मार्च से ही उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी और 21 मार्च की रात करीब 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। इससे पहले 16 मार्च को भी कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद एक शख्स की कस्तूरबा गांधी अस्पताल में मौत हो गई थी।

महाराष्ट्र में कोरोना के सबसे अधिक मामले
देश में कोरोना मरीज की संख्या 387 हो गई है जिसमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 89 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं। इसके अलावा 3 की मौत भी हो गई है। इसी के चलते पूरे महाराष्ट्र में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 15 नए मामले सामने के बाद राज्य में इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 89 हो गई है।

महाराष्ट्र में लॉकडाउन
महाराष्ट्र में लॉकडाउन के साथ ही धारा-144 लागू हो चुकी है। आइए देखते हैं कि आखिर महाराष्ट्र में किन वजहों से कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है…
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई 26 हजार 357 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर के साथ दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला शहर है। यह आंकड़ा दिल्ली जैसे दूसरे मेट्रो शहर से कहीं अधिक है, जहां की आबादी 11 हजार 320 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
मुंबई दुनिया का सबसे ज्यादा व्यस्त उपनगरीय रेलवे नेटवर्क है। मुंबई उपनगरीय इलाके में चलने वाली लोकल ट्रेन में प्रतिदिन 75 लाख से अधिक पैसेंजर सफर करते हैं, जिसका मतलब यह है कि ट्रेनें अपनी क्षमता से 3 गुना अधिक भरी रहती हैं। वहीं जापान में टोक्यो मेट्रो अपनी क्षमता से दोगुना सवारियों को ढोता है। इसी वजह से सरकार को मुंबई लोकल ट्रेनों पर 31 मार्च तक रोक लगाना पड़ा।
महाराष्ट्र में विदेश से आने के लिए कई सारे अंतर्राष्ट्रीय गेटवे हैं। यहां कुल पांच इंटरनैशनल एयरपोर्ट्स हैं, जिनमें मुंबई, पुणे, नागपुर, शिरडी और औरंगबाद एयरपोर्ट्स शामिल हैं। इसके साथ ही मुंबई में समुद्र पोर्ट भी है। आने और जाने के इतने पॉइंट्स महाराष्ट्र की स्थिति को गंभीर बना देते हैं, जिससे आपदा के समय सबको मॉनिटर कर पाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
मुंबई में ही भारत की सबसे बड़ी आबादी बसी हुई है। यहां काम और रोजगार के लिए बड़ी तादाद में बाहर से लोग आते रहते हैं। इन सबकी वजह से मुंबई में रिस्क फैक्टर में इजाफा हो जाता।
मुंबई इसके साथ ही भारत में आकर काम करने वाले विदेशियों की भी सबसे पसंदीदा शहर है। मुख्य वजह ग्लोबल औसत से अधिक पैसे का मिलना है। अगर तुलना करें तो मुंबई में काम कर रहा विदेशी 217165 डॉलर की कमाई कर लेगा, जबकि वैश्विक औसत 99,903 डॉलर है। वहीं सेन फ्रांसिस्को और लंदन में कमाई क्रमश: 207,227 डॉलर और 107,863 डॉलर है। सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि पुणे में भी बड़ी संख्या में विदेशी बसे हुए हैं।