ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीति दक्षिण मध्य मुंबई का ”Development” मेरी पहली प्राथमिकता होगी: अनिल देसाई 29th April 2024 networkmahanagar 🔊 Listen to this महाराष्ट्र राज्य का ‘मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र’ भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 48 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र जनसांख्यिकी विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह महाराष्ट्र के लोकसभा क्षेत्रों में सबसे रोचक और अहम है। इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोकसभा चुनाव में SHS के प्रत्याशी राहुल शेवाले ने 1,52,139 मतों के अंतर से जीत दर्ज़ की थी। उन्हें 4,24,913 वोट मिले थे। राहुल शेवाले ने कांग्रेस के वरिष्ठ उम्मीदवार एकनाथ गायकवाड को हराया था जिन्हें 2,72,774 वोट मिले थे। गायकवाड अब इस दुनिया में नहीं रहे। 2024 के लोकसभा चुनाव में राहुल शेवाले तीसरी बार इसी लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन इस बार वो शिवसेना शिंदे गुट के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, उनके सामने हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों को अपना ध्येय माननेवाले कट्टर शिवसैनिक अनिल देसाई को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट ने मुंबई दक्षिण मध्य लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। दक्षिण मध्य मुंबई में कुल छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। जिसमें- सायन कोलीवाडा, वडाला, धारावी, चेंबुर, अणुशक्ती नगर और माहिम का समावेश है। इस लोकसभा क्षेत्र में मराठी, हिंदी भाषी और दक्षिण भारतीय सहित दलित समाज का बोलबाला है। इस सीट पर शिवसेना के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी (सर) सांसद रह चुके हैं। मनोहर जोशी बालासाहेब ठाकरे के भरोसेमंद नेताओं में से एक थे। पिछले दो बार से शिवसेना के खाते में यह सीट रही, लेकिन जनता ने पिछले लोकसभा चुनाव में इस लोकसभा सीट से जिसे सांसद चुना था, वह उद्धव ठाकरे की शिवसेना का साथ छोड़कर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हो गये और एक बार फिर इसी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। स्थानीय जनता के मुताबिक, राहुल शेवाले अपने 10 वर्षों के कार्यकाल में कई क्षेत्रों में जनता के बीच पहुँच ही नहीं पाए। जिसके चलते क्षेत्र के तमाम विकास कार्य प्रभावित हुए हैं। आम जनता की समस्याओं को हल करने की बजाय केंद्र और राज्य सरकार तोड़-फोड़ की राजनीति में व्यस्त नज़र आई। क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं सहित तमाम विषयों पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रत्याशी अनिल देसाई से राजेश जायसवाल ने बातचीत की। पेश है इनके कुछ प्रमुख अंश… बालासाहेब ने जिसे खड़ा किया, उसी पार्टी से कुछ लोगों ने गद्दारी किया; जिससे लोग काफी नाराज हैं? शिवसेना से गद्दारी करने वालों से इस लोकसभा क्षेत्र के अलावा पूरे महाराष्ट्र की जनता नाराज है। उनके द्वारा क्षेत्र के विकास में कोई योगदान नहीं होने से उसके खिलाफ लोगों में तीव्र आक्रोश है। मुंबई एक ऐसा शहर है, जहां लोग मेहनत कर अपना घर चलाते हैं। पति-पत्नी मिलकर मेहनत करते हैं और सरकार को टैक्स भी भरते हैं। ऐसे लोगों की अपेक्षाएं सरकार से अलग होती हैं, लेकिन जो लोग मेहनत करते हैं, पर टैक्स नहीं भर पा रहे हैं वे गरीब और मध्यमवर्गीय लोग भी अपने परिवार और बच्चों को बेहतर परवरिश देने की कोशिश करते हैं। वे लोग सोचते हैं कि सरकार उनके विकास में क्या योगदान दे रही है। उस मामले में सरकार से आम लोग अचंभित हैं। सरकार बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर रही है, लेकिन अब तक वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक कोई लाभ नहीं पहुंच पाया है, जिसे लेकर लोगों में काफी नाराजगी है। क्षेत्र के सांसद का काम होता है कि वे क्षेत्रीय जनता को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ने का प्रयास करे पर हमारे क्षेत्र में ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है। लोगों में शिंदे गुट के खिलाफ नाराजगी है। देश में ब़ढ़ी महंगाई, बेरोजगारी पर आपकी क्या राय है? महंगाई तो अपने चरम पर है। लोगों में एडजस्ट करने की क्षमता अब जवाब दे रही है। लोग खुद को कितना एडजस्ट करें, खुद को एडजस्ट करते-करते लोग थक गए हैं। मध्यमवर्गीय समाज के साथ-साथ उच्च दर्जे के लोग भी इस महंगाई से त्रस्त हैं। बेरोजगारी की बात करें तो आज युवाओं को रोजगार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आज रोजगार है, कल का कोई ठिकाना नहीं है। यह भयानक स्थिति लोगों के सामने है, इस भयानक स्थिति को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है। सिर्फ बयानबाजी से काम नहीं चलेगा, अब जनता पूछ रही है कि दस वर्षों में केंद्र सरकार ने कहां, किसे और क्या रोजगार दिया है? आज डॉलर के दाम बढ़ते जा रहे हैं, रुपया लुढ़कता जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम हुए, तब सरकार ने कहा कि उसका लाभ हम जनता को देंगे, लेकिन जनता को इसका कोई लाभ नजर नहीं आया है। कहां लगाया वह पैसा, जनता सवाल पूछ रही है? क्षेत्र में कौन-कौन सी समस्याएं हैं, जिनको पिछले सांसद ने नजरअंदाज किया है? क्षेत्र में प्रदूषण बड़ा मामला है। एसआरए योजना में गड़बड़ी, हालात ये हैं कि एसआरए योजना को लोग अब होरिजेंटल नहीं बल्कि वर्टिकल झोपड़पट्टी कहने लगे हैं। पहले झोपड़ियां ख़ड़ी हुआ करती थीं, अब वह वर्टिकल झोपड़पट्टी में तब्दील हो गई हैं। यहां पर भी लोगों को बिजली, पानी आदि मूलभूत सुविधाएं देनी होंगी, जो पिछले सांसद की ओर से बहुत जगह पर नहीं मिली हैं। बिल्डर घर तो खाली करा लिए परन्तु उन्हें रेगुलर किराया नहीं दे रहे हैं। लोगों को एक गड्ढे से निकालकर दूसरे गड्ढे में डाल दिया जाता है। यह विकास नहीं है। सरकारी अस्पतालों का हाल वही है, वहां पर दवाइयां नहीं हैं, बेड नहीं हैं, आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं, स्वच्छता नहीं है, तमाम समस्याएं हैं। जबकि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करना हमारा दायित्व होता है। आपको जनता किस खास कारण से चुनेगी? पहली चीज है कि मैं यहां से ही हूं, लोगों का अपना हूं और लोगों से हमेशा जुड़ा रहा हूं। मैं शिवसेना भवन में काफी समय से काम कर रहा हूं, मैं कोई और नहीं यहीं के लोगों का बेटा हूं। और हां, मेरे लिए हर चुनाव एक चुनौती है, झूठा वादा करने से काम नहीं चलता है। मतदाताओं को अपना बनाना पड़ता है, उनकी समस्या सुननी पड़ती है। पिछले सांसद के चलते आज की जो स्थिति है उससे यहां के मतदाता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने जो वोट दिया था, उसका सही उपयोग नहीं हुआ। उन्हें लगता है उनका महत्व सिर्फ वोट देने तक रखा गया और बाद में उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। जिस तरह से राज्य में पिछले ढाई-तीन सालों में राजनीतिक समीकरण बदले हैं यहां पर शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस के साथ तोड़-फोड़ की राजनीति की गई है। जिन्हें लोगों ने वोट दिया, वे दूसरी तरफ जाकर खड़े हो गए हैं, इससे लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। मतदाताओं के दिल पर चोट लगी है। इस बार लोगों में जो नाराजगी है, उससे लोग यह सोचकर मतदान करेंगे कि उनके मतदान का सदुपयोग हो। आपके चुनाव क्षेत्र में 70 प्रतिशत झोपड़पट्टी इलाके हैं और इनका विकास अब तक नहीं हो पाया है? केंद्र सरकार की यहां जमीन है। डिफेंस की है, रेलवे, नेवल डॉक विभाग की जमीन है, कुछ कलेक्टर लैंड हैं, जहां पर अतिक्रमण हुआ है। पिछले कई दशक से वहां झोपड़ियां हैं। यह सरकार बड़े-बड़े आंकड़े पेश कर रही है कि गरीबों के सिर पर हम पक्की छत दे रहे हैं। जब आप कहते हैं कि हम हर घर पर पक्की छत देंगे तो ये लोग पिछले 10 सालों में छूट क्यों गए? यहां के लोगों का विकास क्यों नहीं हो पाया? ऐसा नहीं है कि यहां के लोग खुश हैं। आपके सामने लोग परेशान हैं, ऐसे लोगों के लिए विचार कब होगा? ऐसे लोगों को न्याय कब मिलेगा? आज भी मुंबई जैसे महानगर में कई लाख गरीब हैं, जिनके सिर पर पक्की छत नहीं है। इस सरकार को 10 साल तो हो गए न। चुनाव जीतने के बाद आपकी क्या प्राथमिकताएं होगी? देखिए, मैं हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे का सिपाही हूं। उन्होंने जनप्रतिनिधि कैसा हो, उस पर एक सिद्धांत बनाया है। जिसके अनुसार, जनता के बीच का चुना हुआ जनप्रतिनिधि उनकी समस्याओं के निवारण के लिए संघर्ष कर उन्हें न्याय दिलाए। यदि वह विपक्ष में है तो भी सत्ता के खिलाफ संघर्ष कर उन्हें न्याय दिलाए। मैं उनके सिद्धांतों पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुझ पर विश्वास जताया है। उनके मार्गदर्शन में हम सभी सफल होंगे। उद्धव ठाकरे और शिवसैनिकों की आवाज बनकर मैं काम करूंगा। सोमवार को दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे शिवसेना (UBT) के उम्मीदवार अनिल देसाई ने नामांकन दाखिल किया। सोमवार को दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवार राहुल शेवाले ने नामांकन दाखिल किया। Post Views: 226