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दिल्ली अनाज मंडी अग्निकांड: घटना स्थल पर पहुंचे CM केजरीवाल किया 10-10 लाख मुआवजे का ऐलान

बीजेपी मृतकों के परिजनों को देगी 5-5 लाख आर्थिक सहायता: मनोज तिवारी

नयी दिल्ली: नयी दिल्ली के जिस अनाज मंडी इलाके में आज भीषण आग लगी, वहां की गलियां बहुत ही संकरी हैं। साथ ही, आसपास पानी का साधन भी नहीं है, जिस कारण दमकल की गाड़ियों को दूर-दूर से पानी लाना पड़ा। मौके पर पहुंचे डेप्युटी चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि उन्हें जब आग लगने की जानकारी दी गई तो सिर्फ यह बताया गया था कि एक बिल्डिंग में आग लग गई है, यह नहीं बताया गया कि वहां लोग फंसे हैं। बहरहाल, बिल्डिंग मालिक के भाई को हिरासत में ले लिया गया है। कहा जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। इस भयावह घटना में अब तक 43 लोगों की जानें जा चुकी हैं जबकि कई अन्य पीड़ितों की हालत नाजुक है। ज्यादातर लोगों की मौत धुएं में दम घुटने हुई है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने अनाज मंडी क्षेत्र में लगी आग के मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया है कि सात दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।

बचाओ-बचाओ की चीखें आ रही थीं: फायर ऑफिसर
डेप्युटी फायर चीफ सुनील चौधरी ने बताया कि 600 स्क्वैयर फीट के प्लॉट में आग लगी। यहां अंदर से बेहद अंधेरा है। यहां फैक्ट्री है जहां स्कूल बैग, बोतलें और कई अन्य सामान रखे गए थे।’ उन्होंने कहा कि रिहाइशी इलाके में अवैध तरीके से फैक्ट्री चल रही थी। उन्होंने कहा कि जब दमकल टीम मौके पर पहुंचीं तो कमरों के अंदर से बचाओ-बचाओ की चीखें आ रही थीं। जब कमरों के दरवाजे खोले गए तो कुछ लोग अंदर से निकल सके। मारे जाने वाले लोगों में ज्यादातर बिहार के बेगुसराय, समस्तीपुर जैसे जिलों से हैं। वहीं, कुछ मृतक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बताए जा रहे हैं।

दमकल टीम को लोगों के फंसे होने की जानकारी नहीं थी
उन्होंने कहा, अगर हमें बताया जाता कि यहां इतनी बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं तो हम और ज्यादा दल-बल के साथ यहां पहुंचते। उस स्थिति में ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी। चीफ फायर ऑफिसर के मुताबिक, 50 से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है, उनमें से ज्यादातर लोगों की जान बच जाएगी। हालांकि, जिन्हें निकालने में देर हो गई, उनके बचने की उम्मीद काफी कम है क्योंकि धुआं इतना गहरा गया था कि दम घुटने की आशंका बहुत ज्यादा है।

दरअसल, जिस बिल्डिंग में आग लगी, उसमें फैक्ट्री के साथ-साथ लोगों की रिहाइश भी थी। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में बेकरी गोदाम चल रहा था और लोग वहीं सोते भी थे। यहां पैकेजिंग का काम भी होता था। चूंकि फैक्ट्रियां आपस में जुड़ी हुई हैं, इसलिए आग जल्दी-जल्दी फैलती गई। इलाके की गलियां बेहद संकरी हैं, इसलिए एक बार में एक ही गाड़ी अंदर जा सकती है। इससे भी राहत कार्य को तेजी से अंजाम नहीं दिया जा सका। यही वजह है कि धुएं का गुबार फैलता गया और लोग बेहोश होने लगे।
बहरहाल, निकाले गए लोगों को एलएनजेपी, सफदरजंग, हिंदूराव और आरएमएल अस्पतालों में पहुंचाया गया है। कहा जा रहा है कि इन अस्पतालों का बर्न वॉर्ड घटना के शिकार लोगों से भर चुका है। इनके इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों से भी डॉक्टरों को बुलाया गया है। एलएनजेपी, सफदरजंग समेत चार अस्पतालों में घायलों का इलाज चल रहा है। उधर, नॉर्थ दिल्ली की डीसीपी मोनिका भारद्वाज भी मौके पर पहुंचीं। बिल्डिंग में अवैध रूप से फैक्ट्री चलाने के लिए बिल्डिंग मालिक के भाई को हिरासत में लिया जा चुका है। ऐम्बुलेंस की 70 गाड़ियां लोगों को अस्पताल पहुंचाने में जुटी थीं। वहीं, करीब 35 फायर ब्रिगेड टीमें राहत कार्य में जुट गई थीं। चार घंटे से ज्यादा वक्त से राहत कार्य चल रहा है। दर्जनों लोगों को लोकनायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल, हिंदू राव और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल, लेडी हार्डिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आग सुबह करीब 5 बजे लगी। उस समय मकान में अधिकतर लोग सो रहे थे। बताया जा रहा है कि इस इमारत में छोटी-छोटी फैक्ट्रियां चलती थीं, जिनमें पैकेजिंग और प्लास्टिक बैग आदि बनाने का काम होता था। यहां काम करने वाले कई लोग रात को सोते भी यहीं थे। कई मजदूर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बताए गए हैं।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि आग लगने की जानकारी सुबह 5 बजकर 22 मिनट पर मिली। तुरंत दमकल की 30 गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि मकान में फंसे कई लोगों को बाहर निकालकर अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, कई लोगों ने आग में झुलसकर दम तोड़ दिया तो कइयों का धुएं में दम घुट गया।
घायल लोगों को एलएनजेपी और हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ. किशोर कुमार ने बताया कि कई लोगों की मौत हो गई है। डॉक्टरों की टीम घायलों का इलाज कर रही है। दिल्ली फायर सर्विस के चीफ फायर ऑफिसर अतुल गर्ग भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा, अब तक 50 लोगों को बचाया गया है। ज्यादातर लोग धुएं से प्रभावित हुए हैं।
उधर, डेप्युटी चीफ फायर ऑफिसर सुनील चौधरी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आग बुझा दी गई है। राहतकार्य जारी है। ऑपरेशन में दमकल के 30 वाहन लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा है कि राहत और बचाव कार्य जारी है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, आग लगने की खबर मिली है। बचाव कार्य जारी है और दमकलकर्मी लोगों को बचाने की सर्वश्रेष्ठ कोशिश कर रहे हैं। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में दमकलकर्मी मौजूद हैं और फंसे हुए लोगों को निकालने में लगे हुए हैं। मकान की खिड़कियों से काला धुआं निकल रहा है जिससे जाहिर हो रहा है कि अंदर भीषण आग लगी थी। आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने घटना पर दुख जाहिर किया है।
पीएम मोदी ने इस भयावह घटना पर दुख जाहिर करते हुए ट्वीट किया- दिल्ली के रानी झांसी रोड स्थित अनाज मंडी में लगी आग बेहद भयावह है। अपनों को खोने वाले लोगों के प्रति मैं संवेदना जाहिर करता हूं। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना कर रहा हूं। अथॉरिटी घटनास्थल पर हर संभव सहायता उपलब्ध करा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया- नई दिल्ली में आग लगने की घटना में अनमोल जानों की क्षति हुई है। अपनों को खोने वाले लोगों के प्रति मैं गहरी संवेदना जाहिर करता हूं। घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं। मैंने संबंधित अथॉरिटी को तत्काल हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने दमकलकर्मियों की सराहना करते हुए ट्वीट किया, बेहद त्रासदपूर्ण खबर मिली। राहत कार्य जारी है। दमकलकर्मी बेहतरीन प्रयास कर रहे हैं। घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। उन्होंने आगे ट्वीट किया, मैं घटनास्थल पर जा रहा हूं।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा- दिल्ली के अनाज मंडी में भीषण आग लगने से कई लोगों मौत और अनेक लोगों के घायल होने की खबर से आहत हूं । मृतकों के परिवार के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।