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देश से टल रहा कोरोना का खतरा? 3 महीने में पहली बार 47 हजार से कम नए केस आए सामने!

नयी दिल्ली: लंबे समय से देश में तांडव मचाने वाले कोरोना के दिन अब भरने वाले हैं। कोरोना के केस में तीन महीने में बाद आज इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है!
भारत में जुलाई के बाद ऐसा पहली बार है जब कोरोना के नए केस बीते 24 घंटे में 47 हजार से भी कम मिले हैं। कोरोना के आंकड़ों पर गौर करें तो दिन-प्रतिदिन कोरोना से देश को राहत मिलती दिख रही है। पिछले 24 घंटों में भारत में 46,791 नए मामले और 587 मौत के मामले सामने आए हैं। बता दें कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में पहली बार देश में कोरोना के मामले 24 घंटे में 50 हजार के पार हुए थे।
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में दे में कोरोना वायरस के 46791 नए मामले सामने आए हैं, वहीं 587 लोगों की मौतें हुई हैं। फिलहाल देश में कोरोना वायरस के कुल केस 75,97,064 हैं और एक्टिव केसों की संख्या 7,48,538 है जो कल की तुलना में 23,517 की गिरावट देखी गई है। वहीं, 67,33,329 लोग कोरोना को मात देकर ठीक हो चुकी हैं। कल से आज तक में कोरोना को हराने वालों में करीब 70 हजार की बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं देश में कोरोना से अब तक 1,15,197 लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित पांच राज्यों में पिछले एक महीने से कोविड -19 मामलों की संख्या में गिरावट देखी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस बीमारी के दैनिक मामलों के चलन से सक्रिय मामलों में गिरावट के विभिन्न चरणों का पता चला है। मंत्रालय ने इन पांच राज्यों के मामलों के एक ग्राफ के साथ ट्वीट किया, इसमें देश में सक्रिय मामलों में लगातार कमी आई है, केस लोड लगातार 3 दिनों के लिए 8 लाख से नीचे है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस को लेकर अब लगातार राहत की खबर मिल रही है। वैश्विक महामारी कोविड-19 से प्रभावित दुनियाभर के देशों में कोरोना वायरस से अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है मगर सुकून की बात है कि यह प्रति दस लाख की आबादी पर कोरोना संक्रमण की चपेट में आने और इससे जान गंवाने वालों के औसत मामलों में प्रमुख राष्ट्रों से काफी पीछे है। यानी भारत में मिलने वाले कोरोना के नए मामलों और मौतों की रफ्तार अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। इतना ही नहीं, रिकवरी रेट के मामले में भी भारत दुनियाभर में सबसे आगे है।