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धनतेरस 2020: तिथि को लेकर है असमंजस, जानें- कब है पूजा का शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन धन और वैभव देने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन लक्ष्मी-गणेश और कुबेर की पूजा की जाती है। इस वर्ष धनतेरस गुरुवार यानी 12 नवंबर और शुक्रवार यानी 13 नवंबर को मनाया जाएगा। ऐसा, धनतेरस की तिथि को लेकर लोगों के बीच असमंजस की वजह से है।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 12 नवंबर को रात 9.30 बजे तक द्वादशी तिथि है। इसीलिए गुरुवार को दिन धनतेरस की पूजा नहीं की जा सकती। वहीं त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस समयानुसार गुरुवार रात 9 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा। जबकि 13 नवंबर शुक्रवार को शाम को 5 बजकर 59 मिनट तक त्रयोदशी है। प्रदोष काल होने के कारण धनतेरस की पूजा 13 नवंबर को करना शुभ है।

महत्व
शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान त्रयो‍दशी के दिन भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है। इस दिन स्वास्थ्य और औषधियों के देवता धनवन्तरी की पूजा कर अपने व परिवार के लोगों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की जाती है। इसके अलावा भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा की जाती है। इन सभी पूजाओं को घर में करने से स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।

ऐसे करें पूजा
धनतेरस पर अपने घर के पूजा गृह में जाकर ॐ धं धन्वन्तरये नमः मंत्र का 108 बार उच्चारण करें। इसके बाद स्वास्थ्य के भगवान धनवंतरी से अच्छी सेहत की कामना करें। धनवन्तरी की पूजा के बाद सबसे पहले प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश की पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले गणेश जी को दिया अर्पित करें और धूपबत्ती चढ़ाएं। इसके बाद गणेश जी के चरणों में फूल अर्पण करें और मिठाई चढ़ाएं।

इसी तरह माता लक्ष्मी का पूजन करें, लक्ष्मी को फूल और अक्षत के साथ चंदन लगाएं। साथ ही कुबेर देवता की पूजा करें। बाद में दक्षिण दिशा की ओर यमराज को जल दें। तिल का तिल जलाकर सभी की आरती करें। पूजा के पश्चात अनाज का दान करें।

पूजा विधि

  1. धनतेरस पूजन के लिए सबसे पहले एक लकड़ी का पट्टा लें और उस पर स्वास्तिक का निशान बना लें।
  2. इसके बाद इस पर एक तेल का दिया जला कर रख दें और दिए को किसी चीज से ढक दें।
  3. दिए के आस- पास तीन बार गंगा जल छिड़कें।
    4.दीपक पर रोली और चावल का तिलक लगाएं।
  4. दीपक में थोड़ी सी मिठाई डालकर मीठे का भोग लगाएं।
  5. दीपक में 1 रुपया रखें, रुपए चढ़ाकर देवी लक्ष्मी और गणेश जी को अर्पण करें
    इसके बाद दीपक को प्रणाम करें और परिवार के लोगों के साथ आशीर्वाद लें।
  6. यह दिया अपने घर के मुख्य द्वार पर रख दें, ध्यान रखें कि दिया दक्षिण दिशा की ओर रखा हो।