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नारायण राणे बोले- दिशा सालियान की रेप के बाद हुई हत्या, सुशांत ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या हुई, अब तक FIR क्‍यों नहीं?

मुंबई: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के कथित आत्महत्या का मामला लगातार सुर्खियों में बना हुआ है। मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पुलिस की ओर से प्राथमिकी दर्ज करने में 50 दिन से अधिक की देरी किए जाने पर सवाल उठाया। साथ ही उन्होंने दिवंगत अभिनेता की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की आत्महत्या के मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बकायदा बीजेपी दफ्तर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया है कि दिशा सालियान ने आत्महत्या नहीं कि है बल्कि उसकी हत्या हुई है!

बीजेपी नेता राणे ने बताया कि 8 तारीख को हुई पार्टी में दिशा के साथ बलात्कार हुआ और फिर उसकी हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें यह जानकारी दिशा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चली है। रिपोर्ट में यह उल्लेख है कि दिशा के प्राइवेट पार्ट में चोट के निशान हैं। दिशा ने 8 तारीख को आत्महत्या की और 11 तारीख को उसका पोस्टमार्टम किया गया। सच्चाई जल्द सबके सामने आएगी।

सरकार मुंबई पुलिस की छवि खराब कर रही है
इस दौरान नारायण राणे ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में भी सवाल किया कि सरकार किसके दबाव में काम कर रही है और किसको बचाने के लिए मुंबई पुलिस की छवि को बर्बाद किया जा रहा है। जिस मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड यार्ड से की जाती रही है। आज उसकी यह दुर्गति सरकार की वजह से हो रही है।

सुशांत सिंह की हत्या हुई है?
नारायण राणे ने कहा कि सरकार सुशांत सिंह राजपूत के मामले में ध्यान नहीं दे रही है। सुशांत ने आत्महत्या नहीं कि है बल्कि उसकी हत्या हुई है। सरकार जिस तरह से मामले की जांच करवा रही है उससे यह साफ लगता है कि किसी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
सुशांत के घर के पास ही डिनो मोरिया का बंगला है। उसके घर पर रोज मंत्री आते हैं। ये मंत्री क्यों आते हैं और क्या करते हैं तीन-तीन या चार-चार घंटे रुककर इसकी जांच क्यों नहीं हुई। 13 जुलाई को डिनो मोरिया के बंगले हुई पार्टी में लोग इकट्ठा हुए और बाद में सुशांत के घर गए। इस पूरी घटना में जो मंत्री होंगे क्या वो सीसीटीवी में नहीं आये होंगे, मंत्री का नाम क्यों छुपाया जा रहा है। पुलिस द्वारा सच छिपाने का जो प्रयास किया जा रहा है उसे बंद करें। विपक्ष चुप नहीं बैठेगा।

राणे ने आगे कहा कि सुशांत की मौत के कुछ 20 दिन पहले से उसको धमकियां आ रही थी। यह धमकियां कौन दे रहा था। कौन है पुलिस को नहीं पता? रिया चक्रवर्ती गायब हैं लेकिन पुलिस को उसका पता नहीं चल रहा है। सुशांत क्यों इतने सिम कार्ड बदल रहे थे? उन्हें धमकियां क्यों मिल रही थी? इस पर पुलिस की जांच क्यों नहीं हुई।

बता दें कि सुशांत मामले में मुंबई पुलिस की जांच से लोग संतुष्ट नहीं है और लगातार सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। अब बिहार सरकार ने आधिकारिक तौर पर केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। अब यह केंद्र के ऊपर निर्भर है कि सीबीआई जांच की मंजूरी कब देता है लेकिन बिहार पुलिस ने इस केस में जांच के लिए अपनी कमर कस ली है और मामले की जांच के लिए कुछ बेहद तेज-तर्रार अधिकारियों को लगाने की तैयारी हो रही है।

DGP ने खुलकर बोला मुंबई पुलिस पर हमला
इस बीच बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कह दिया है कि बिहार पुलिस सुशांत सिंह राजपूत के मामले में न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा है कि अगर मुंबई पुलिस पर जनता को विश्वास नहीं है तो उसका भ्रम दूर करना भी मुंबई पुलिस की ही जिम्मेदारी है। डीजीपी पांडे ने सीधे तौर पर यह भी कहा है कि महाराष्ट्र के अधिकारी जांच में सहयोग करना तो दूर फोन पर भी बात करने के लिए तैयार नहीं हैं।

सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच के लिए बिहार पुलिस अपने डीआईजी लेवल के तेज-तर्रार अधिकारी भेजने पर विचार कर रही है। इस लिस्ट में कुछ आईपीएस अफसरों का चयन भी किया गया है जिसमें मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज और एटीएस के डीआईजी विकास वैभव के नाम की चर्चा हो रही है। बता दें कि ये दोनों ही आईपीएस अधिकारी अपने काम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जाने जाते हैं। मनु महाराज इससे पहले पटना के एसएसपी रह चुके हैं और उन्होंने वहां बेहतरीन काम किया था।