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पंजाब के बाद महाराष्ट्र में भी कर्फ्यू, CM ठाकरे बोले- लोग नहीं मान रहे, इसलिए लिया फैसला…

मुंबई: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के बाद कर्फ्यू लगाने का ऐलान किया है। पंजाब के बाद महाराष्ट्र कर्फ्यू लगाने वाला दूसरा राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कर्फ्यू का ऐलान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की सभी सीमाएं सील रहेंगी। जरूरी सामान की सेवाएं खुली रहेंगी। उन्होंने सभी धार्मिक स्थलों को बंद करने का भी आग्रह किया है। महाराष्ट्र सरकार ने यह फैसला तब लिया है, जब ‘जनता कर्फ्यू’ के अगले दिन महाराष्ट्र की जनता अचानक से सड़कों पर उमड़ पड़ी।
वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को नागरिकों से अपील की वे कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर अपनी सुरक्षा के लिए घरों में रहें। राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 के बावजूद कई लोगों को सोमवार को सड़कों पर देखा गया और कई मुख्य सड़कों पर वाहनों के कारण यातायात बाधित रहा। इसके मद्दनेजर ठाकरे ने कहा, लोगों को कोविड-19 के खिलाफ इस जंग को गंभीरता से लेना चाहिए। सीआरपीसी की धारा 144 इसलिए लगाई गई ताकि आवश्यक सेवाएं जारी रहें जबकि शेष सेवाएं 31 मार्च तक निलंबित हैं। लोगों को सड़कों पर भीड़ लगाकर नियमों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।

ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कल हमने प्रदेश की सभी सीमाएं सील कर दी थीं और आज हम जिले की सीमाएं सील कर रहे हैं। हम इस वायरस को उन जिलों में नहीं फैलने देंगे जो अभी तक प्रभावित नहीं हैं।
सरकार लोगों से घर से बाहर नहीं निकलने की अपील कर रही है। कुछ लोग सरकार की अपील को अनसुना कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के नासिक में जमावबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले 45 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

महाराष्ट्र में 540 मामले दर्ज
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये जारी किये गये आदेशों का उल्लंघन करने को लेकर करीब 540 मामले दर्ज किये गये हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इन मामलों में बंद के आदेश का पालन नहीं करना, पिछली यात्रा की जानकारी छिपाना या उसकी गलत जानकारी देना, संक्रमण के बारे में अफवाह फैलाना और महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थिति में फायदा उठाने के लक्ष्य से उत्पादों का विज्ञापन करना आदि शामिल हैं।

लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे लोग: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों के रवैये से नाराजगी जताते हुए कहा कि लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे और वे मजबूरीवश कर्फ्यू की घोषणा करने पर मजबूर हुए हैं। पूरे राज्य में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। इसी के साथ एक जिले से दूसरे जिले में ट्रांसपोर्ट भी बंद हो गया है। हालांकि जरूरी चीजें ले जाई जा सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर हम उस बिंदू पर खड़े है कि अगर हम एहतियात का पालन नहीं करेंगे तो हम भी वैसा ही झेलने को मजबूर हो जाएंगे जैसा दुनिया के कई दूसरे देश झेल रहे हैं। उद्धव ने कहा कि हमने राज्य की सीमाएं सील कर दी है अब हम जिले की सीमाएं भी सील कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्फ्यू का आवश्यक सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। राज्य में दवा की दुकानें, दवाओं की सप्लाई, बेकरी, भोजन दुकान, पालतू जानवरों के क्लिनिक और फूड स्टोर, कृषि कार्य से जुड़े दुकान, खाद और बीज के दुकान खुले रहेंगे।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में से एक है। यहां पर 89 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं। इनमें 5 लोगों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है, जबकि 3 लोगों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है।

पंजाब में भी कर्फ्यू लागू
इससे पहले पंजाब सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सोमवार को कर्फ्यू लागू कर दिया। ऐसा बड़ा कदम उठाने वाला देश का यह पहला राज्य है। अधिकारियों ने बताया कि लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे, इसलिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कर्फ्यू की घोषणा की। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, मुख्य सचिव एवं डीजीपी के साथ मिलकर हालात की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने बिना किसी ढील के पूर्ण रूप से कर्फ्यू लगाए जाने की घोषणा की है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, लोग अब भी बड़ी संख्या में घरों से निकल रहे थे इसलिए कर्फ्यू लागू किया गया। इसका मकसद लोगों को घरों में रखना है। प्रवक्ता ने बताया कि उपायुक्तों को आवश्यक आदेश देने को कहा गया है। प्रवक्ता ने कहा कि यदि कोई प्रतिबंध से छूट चाहता है तो उसे एक तय अवधि और काम के लिए यह छूट दी जाएगी।