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परिवार संग ससुराल गया था छुट्टियां मनाने, इधर दे दी गई ‘श्रद्धांजलि’

लोगों से अपील है कि मुझे शोक संदेश नहीं भेजें…मैं जिंदा हूं – रवींद्र दुसंगे

मुंबई, पत्रकार रवींद्र दुसंगे की मौत की खबर सुनकर लोग गमगीन हो गए। 300 से अधिक लोगों ने उनके लिए शोक संदेश लिख भावभीनी श्रद्धांजलि दे दी, लेकिन बाद में पता चला कि वह मालाड स्थित अपने ससुराल में परिवार के साथ मौज कर रहे हैं। यह दिलचस्प मामला है मुंबई में दहिसर के काजूपाड़ा का। रविवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे जब लोगों को खबर लगी कि 43 वर्षीय रवींद्र दुसंगे का निधन हो गया है, तो लोग उनके परिजन के फोन पर मेसेज कर श्रद्धांजलि देने लगे।
रवींद्र बताते हैं कि इन मेसेज पर पहले तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। जैसे-जैसे सोशल मीडिया में उनकी मौत की खबर फैल रही थी, लोगों के शोक संदेश से भरे फोन आने लगे, तो वह घबरा गये।
दरअसल रविवार को रवींद्र अपनी 38 वर्षीय पत्नी, 6 और 5 साल के दो बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने मालाड स्थित अपने ससुराल गए थे। रवींद्र के परिचित लोगों के बीच उनकी मौत की खबर फैल गई। सिर्फ आधे घंटे में ही उन्हें 50 से अधिक शोक संदेश मिल गए। फेसबुक और वॉट्सऐप पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनकी तस्वीरें वायरल होने लगीं।

“शुभचिंतकों ने पिछले 3 दिन में 300 से अधिक शोक संदेश वाले फोन किए हैं। लोग मुझे भावभीनी श्रद्धांजलि देने वाले फोटो भेज रहे हैं। लोगों से अपील है कि मुझे शोक संदेश नहीं भेजें। मैं जिंदा हूं।”
– रवींद्र दुसंगे

परिचित दोस्त ने ही की शरारत
परेशान होकर इस अफवाह के बारे में जब उन्होंने सच पता किया, तो जानकारी मिली कि इस शरारत के पीछे 35 वर्षीय यूनुस हसन वारिया का हाथ है। रवींद्र ने बताया, ‘यूनुस कालबा देवी में रहता है। हम एक-दूसरे को अच्छे से जानते हैं। उसने मेरे फेसबुक से फोटो लेकर उस पर ‘भावभीनी श्रद्धांजलि’ का संदेश लिखकर हर जगह वायरल कर दिया। इसके पीछे उसका क्या मकसद है, पता नहीं। मैंने फोन पर उससे पूछा, तो उसने फोन काट दिया।
पुलिस में शिकायत दर्ज
आखिरकार परेशान होकर रवींद्र ने यूनुस के खिलाफ दहिसर पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। बताया गया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए यूनुस गोवा भाग गया है, लेकिन उसकी हरकतों से रवींद्र का पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है।