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बिहार: मुजफ्फरपुर में मानव कंकाल मिलने पर मंत्री ने दी सफाई

कहा – मीडिया इस पूरे मामले को अलग तरीके से दिखा रहा है
मुजफ्फरपुर में बरामद मानव कंकाल, मंत्री अशोक चौधरी

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल के पीछे जंगल में शनिवार को 100 मानव कंकाल और जले हुए शव बरामद होने के मामले में राज्‍य सरकार ने सफाई दी है। बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कई बार जिन शवों का कोई दावेदार नहीं होता है, उसको जलाने के लिए राज्‍य सरकार पोस्‍टमॉर्टम विभाग को 2 हजार रुपये देती है। उन्‍होंने कहा कि कई बार पोस्‍टमॉर्टम विभाग शवों को जलाता नहीं है। उन्‍होंने कहा कि मीडिया इस पूरे मामले को अलग तरीके से दिखा रहा है।
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मानव कंकाल मिलने की जांच जारी है और सत्‍य जल्‍द ही सामने आएगा। बता दें कि हॉस्पिटल के पीछे जंगल में 100 मानव कंकाल और जले हुए शव पाए गए थे। शनिवार को जिला प्रशासन ने भी स्पष्टीकरण दिया था। उन्‍होंने कहा कि ये कंकाल ऐसे शवों के हैं, जिनके लिए किसी ने कोई दावा नहीं किया है। मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी के मुताबिक, अस्पताल प्रशासन की ओर से सभी कानूनी प्रक्रिया समाप्त होने के बाद इन शवों का निस्तारण किया गया था।
मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने उन रिपोर्ट्स को खारिज किया, जिसमें कहा जा रहा था कि इनमें चमकी बुखार से मरने वालों के शवों के कंकाल भी शामिल हो सकते हैं। जिलाधिकारी ने कहा, जैसे ही कंकाल पाए जाने की सूचना मेरे दफ्तर पहुंची, मैंने तुरंत जांच के आदेश दे दिए। सब-डिविजनल ऑफिसर और एसपी सिटी को मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था।

कानूनी प्रक्रिया के बाद ही हुआ शवों का निस्तारण
जिलाधिकारी के मुताबिक, इन दोनों अधिकारियों की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पाए गए कंकाल उन शवों के हैं, जिनके लिए कोई दावा करने नहीं आया। रिपोर्ट के मुताबिक, इन शवों को कानूनी प्रक्रिया के बाद ही निस्तारित किया गया था। जिलाधिकारी ने यह भी बताया, नियम के मुताबिक, अज्ञात शवों को 72 घंटे तक रखने के बाद उन्हें नष्ट कर दिया जाता है। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए जिला प्रशासन 2000 रुपये भी देता है। जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने यह भी कहा, इस अस्पताल के पीछे अज्ञात शवों को फेंकने की प्रक्रिया काफी समय से चल रही है। शवदाह गृह अस्पताल के बिलकुल पास में ही है इसलिए अकसर कन्फ्यूजन हो जाता है। अब प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से फैसला लिया है कि शवदाह गृह को दादर घाट पर शिफ्ट किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पांच साल के कम उम्र के बच्चों और मुस्लिमों के शवों को दफनाया जाता है जबकि हिंदुओं के शवों को जलाया जाता है। इस मामले में शव हिंदुओं के थे इसलिए उन्हें जलाया गया था।