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बिहार विधानसभा चुनाव 2020: बिहार में इतिहास रचने जा रहे तेजस्वी, एग्जिट पोल में भी बल्ले-बल्ले!

बिहार: बिहार चुनाव 2020 को लेकर तमाम एजेंसियों के एग्जिट पोल सामने आ चुके हैं। सभी में तेजस्वी सरकार के संकेत हैं। किसी में तेजस्वी को बंपर सीटें मिली रही हैं, तो कहीं कांटे की टक्कर दिख रही है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर तेजस्वी ने ये कमाल कैसे किया? क्योंकि अभी तक यह कहा जाता रहा है कि आरजेडी के पास अपना कोर वोट बैंक एमवाई समीकरण ही है। एमवाई के सहारे ही बिहार में आरजेडी ने 15 सालों तक राज किया था। इस चुनाव में भी एमवाई तेजस्वी के साथ खड़ा था।

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में अब तक आए एग्जिट पोल में चौंकाने वाले नतीजों के मुताबिक खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान ‘लंका के बजाय अयोध्या में आग’ लगाते हुए दिख रहे हैं।
जी हां, कैसे? आइए इसे समझने की कोशिश करते हैं…

तेजस्वी ने नीतीश कुमार के तिलस्म को सिर्फ एमवाई के सहारे नहीं तोड़ा है। तेजस्वी ने इस बार MY में एक और Y को एड किया है। इस Y का मतलब यूथ है। यानी तेजस्वी का नया समीकरण ‘MY+Y’ है। इसका सीधा मतलब है कि मुस्लिम, यादव और यूथ है। तेजस्वी ने रोजगार के वादे से युवाओं को लुभाया है। एग्जिट पोल के नतीजों की मानें तो तेजस्वी का यह प्लान सफल रहा है। युवा वोटर उनके साथ जुड़े हैं। क्योंकि चुनावी रैलियों में लगातार तेजस्वी सिर्फ कमाई, दवाई और महंगाई की ही बात करते थे। उनकी सभाओं में भीड़ भी खूब उमड़ रही थी। हालांकि यह फाइनल नतीजे हैं। फाइनल नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। लेकिन तमाम एग्जिट पोल में कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है।

नीतीश कुमार काटते रहे बात
वहीं, तेजस्वी की रोजगार की बातों को नीतीश कुमार अपनी हर चुनावी रैली में काटते रहे हैं। नीतीश कुमार यह कहते हैं कि वह नौकरी कहां से देंगे और वेतन देने के लिए पैसा कहां से लाएंगे। लेकिन तेजस्वी इस पर अड़े रहे। उन्होंने कहा कि हम सीएम और विधायकों का वेतन रोक देंगे लेकिन सरकारी कर्मियों को वेतन देंगे।

ABP-CVoter Bihar Exit Poll का विश्लेषण
एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, बिहार में दोनों गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। वोट प्रतिशत में जहां एनडीए बाजी मार सकता है तो महागठबंधन सीटों के मामले में आगे निकल सकता है। CVoter के एग्जिट पोल के मुताबिक नीतीश कुमार की अगुवाई वाली BJP+JDU को 104 से 128 सीटें मिल सकती हैं। वहीं तेजस्वी यादव की अगुआई वाले महागठबंधन को 108 से 131 सीटें मिल सकती हैं। चिराग पासवान की एलजेपी को मात्र 1 से 3 सीटें ही मिल सकती हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि वह नीतीश कुमार को पर्याप्त डैमेज करते हुए दिख रहे हैं। अन्य के खाते में 4-8 सीटें जा सकती हैं।

चिराग ने यूं लगाई ‘अयोध्या में आग’
सी वोटर के प्रमुख यशवंत देशमुख ने बताया कि इस बार का बिहार चुनाव दो रीजन में बंटा था। एक वह जहां बीजेपी के प्रत्याशी थे और दूसरा जहां जेडीयू के उम्मीदवार थे। जिन जगहों पर जेडीयू के प्रत्याशी थे वहां महागठबंधन को करीब 39 फीसदी वोट मिले, वहीं जेडीयू को करीब 34 फीसदी वोट मिलने की संभावना है। यानी करीब पांच फीसदी वोटों से महागठबंधन लीड करता दिख सकता है।
जहां बीजेपी के प्रत्याशी हैं वहां एनडीए को 43 फीसदी वोट मिलने की संभावना है और महागठबंधन को 35 फीसदी वोट मिलते हुए दिख रहे हैं। जिन सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशी रहे वहां एलजेपी के ढाई फीसदी भी वोट नहीं रहने की संभावना है। वहीं जिन सीटों पर जेडीयू के प्रत्याशी हैं वहां एलजेपी 14.5 फीसदी वोट हासिल करती हुई दिख रही है। यानी बीजेपी और जेडीयू के प्रत्याशियों के बीच लगभग 10 फीसदी वोटों का अंतर दिख सकता है। यशवंत देशमुख ने कहा कि चिराग पासवान बिहार के रण में लंका के बजाय अयोध्या में ही आग लगाते हुए दिख रहे हैं।

रिपब्लिक भारत के एग्जिट पोल में भी महागठबंधन आगे
रिपब्लिक भारत-जन की बात के एग्जिट पोल में महागठबंधन को 118 से 138 सीटें मिल सकती हैं। वहीं एनडीए को 91 से 117 सीटों का अनुमान जताया गया है। एलजेपी को 5 से 8 सीट का अनुमान है, अन्य को 3 से 6 सीटें जाने का अनुमान है।

टाइम्स नाउ के एग्जिट पोल में भी तेजस्वी की बल्ले-बल्ले
टाइम्स नाउ-C Voter के सर्वे में कांटे का मुकाबला देखने को मिल सकता है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर टाइम्स नाउ- C Voter के सर्वे में सत्ताधारी एनडीए और आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। सर्वे में एनडीए को 116 और महागठबंधन को 120 सीटों का अनुमान जताया गया है। एलजेपी को 1 सीट और अन्य को 6 सीटें जा रही हैं।

नीतीश-तेजस्वी के बीच कांटे की टक्कर
इन तमाम एग्जिट पोल को देखकर यही लग रहा है कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के कैंडिडेट को काफी नुकसान पहुंचाया है। चिराग खुद को पीएम मोदी का हनुमान बताते हैं, लेकिन उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाले NDA के घटक दल को ही डैमेज किया है।

पिछली बार बनी थी नीतीश की सरकार
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल होकर आरजेडी के साथ चुनाव लड़ा था। आरजेडी को नीतीश के साथ का फायदा मिला था, जिससे आरजेडी को सबसे ज्यादा 80 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं दूसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू थी, जिसे 71 सीटें हासिल हुई थी। वहीं बीजेपी को 54, कांग्रेस को 27, एलजेपी को 2, आरएलएसपी को 2, हम को 1 और अन्य के हिस्से में 7 सीटें गई थी।

लालू के चेहरे का तनाव हुआ कुछ कम
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बताया जा रहा है कि बिहार में तीसरे चरण चुनाव संपन्न हो जाने के बाद और एग्जिट पोल में महागठबंधन को मिल रही बढ़त मिलने की खबर से लालू यादव के चेहरे का तनाव कुछ कम हुआ है, लेकिन जिस तरह से उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 27 नवंबर तक टल गयी है, ऐसी स्थिति में छठ और दीपावली जैसे महत्वपूर्ण पर्व पर अपने परिवार से दूर रहने की चिंता से भी उनके चेहरे पर मायूसी देखी जा रही है।
रांची के रिम्स स्थित केली बंगले में इलाजरत लालू प्रसाद यादव के स्वास्थ्य पर पिछले दो साल से अधिक समय के नजर रखने वाले मुख्य चिकित्सक डॉ उमेश प्रसाद ने शनिवार को उनके स्वास्थ्य पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उनकी किडनी का क्रिएटनीन लेवल बढ़ गया है, जो अभी लेबल-4 पर है जैसे ही यह लेबल-5 पर जाएगा, लालू को किडनी के लिए डायलिसिस पर जाना पड़ सकता है?