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बीजेपी का ममता पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप, शिकायत दर्ज

मुंबई: पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बैठकर आधा-अधूरा राष्ट्रगान गाकर खुद के लिए एक नई मुसीबत पैदा कर ली। इसको लेकर कई राजनेताओं ने उन पर तंज कैसा है, और उनके इस व्यवहार पर रोष जताते हुए उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि यह ‘राष्ट्रगान’ का अपमान है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तीन दिन के दौरे पर मुंबई पहुंची हैं। इस दौरान उनका काफी व्यस्त कार्यक्रम रहा। उन्होंने राकांपा चीफ शरद पवार, शिवसेना सांसद संजय राउत और मंत्री आदित्य ठाकरे समेत कई सिविल सोसायटी के महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात कीं। इसके अलावा उन्होंने मुंबई में ही एक प्रेस कांफ्रेंस भी किया। इस दौरान उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले बैठे-बैठे ही राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया। दो लाइन गाने के बाद वे उठ गईं और दो लाइन और गाईं। इसके बाद उसे अधूरा छोड़कर प्रेस कांफ्रेंस करने लगीं। जिसे लेकर भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने सीएम ममता के खिलाफ मुंबई के दिंडोशी पुलिस ठाणे में शिकायत दर्ज कराई है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

विरोध करने वाले नेताओं ने इसे राष्ट्रगान का अपमान कहा, और पूछा कि क्या सीएम ममता बनर्जी को राष्ट्रगान की गरिमा नहीं पता है। पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई ने ट्वीट किया- ममता बनर्जी पहले बैठी थीं, फिर खड़ी हुईं और भारत का राष्ट्रगान आधा गाना बंद कर दिया। आज एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने बंगाल की संस्कृति, राष्ट्रगान, देश और गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है।
भाजपा IT सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा, हमारा राष्ट्रगान हमारी राष्ट्रीय पहचान की सबसे शक्तिशाली अभिव्यक्ति में से एक है। कम से कम सार्वजनिक पद धारण करने वाले लोग इसे नीचा नहीं दिखा सकते। यहां बंगाल के सीएम द्वारा गाए गए हमारे राष्ट्रगान का एक विकृत रूप है। क्या भारत का विपक्ष इतना गर्व और देशभक्ति से रहित है?

भाजपा पश्चिम बंगाल के अध्यक्ष डॉ सुकांत मजूमदार ने ट्वीट किया- बंगाल की सीएम @MamataOfficial ने एक संविधानिक पद धारण करने के बाद मुंबई में राष्ट्रगान का अपमान किया है। क्या उन्हें राष्ट्रगान के बारे में ठीक से पता नहीं है या जान-बूझकर अपमान कर रही हैं?

शिवसेना सांसद ने कसा तंज, बोले- मैं चाहता हूं उद्धव ठाकरे बनें प्रधानमंत्री पद का चेहरा!
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) अध्यक्ष शरद पवार से उनके ‘सिल्वर ओक’ बंगले में करीब एक घंटे चली बैठक में ममता बनर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की बात कही। एक ओर बनर्जी ने टिप्पणी की कि ;अब संप्रग जैसा कुछ नहीं है’ और ‘ज्यादातर समय’ विदेश में रहकर कोई कुछ भी हासिल नहीं कर सकता है, वहीं, पवार ने कहा कि वर्तमान में नेतृत्व कोई मुद्दा नहीं है और भाजपा के खिलाफ लड़ाई में समान विचार रखने वाली सभी पार्टियों का स्वागत है।
इस मुलाकात पर शिवसेना सांसद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाया जाना चाहिए। मैं चाहता हूं कि वह पीएम बनें।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने इस मुलाकात को एक ‘शो’ बताया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिस तरह की एक के बाद एक राष्ट्रीय नेताओं से ममता बनर्जी मुलाकात कर रही हैं, उससे यह साफ झलकता है कि वह अगले लोकसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं।

वहीँ ममता बनर्जी के बयान के बाद कांग्रेस नेताओं ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी ने पागलपन शुरू कर दिया है।
चौधरी ने कहा है कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता UPA क्या है? ममता बनर्जी को लगा कि पूरा भारत ममता-ममता करना शुरू कर दिया है। भारत का मतलब बंगाल नहीं है और बंगाल का मतलब भारत नहीं है। बंगाल में ममता बनर्जी और भाजपा ने जो सांप्रदायिक खेल खेला था, वह अब उजागर हो रहा है।
चौधरी ने तो ममता बनर्जी और बीजेपी में सांठगांठ का भी आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने एनआरसी पर अपना रुख बदला, यह चुनाव के साथ समाप्त हुआ। एनआरसी का डर दिखाकर वे चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे। इसलिए, ममता बनर्जी जो कुछ भी कहती हैं, बीजेपी उससे सहमत है। बीजेपी को खुश रखने के लिए आज ममता बनर्जी का रुख ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा’ वाला है।