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बीजेपी नेता ने पीएम मोदी से की ‘आदिपुरुष’ के निर्माता-निर्देशक व फाइनेंसरों पर कार्रवाई करने की मांग

मुंबई: ओम राउत के निर्देशन में बनी हालिया रिलीज फिल्म ‘आदिपुरुष’ के चरित्र और संवादों को निम्नस्तरीय बताते हुए भाजपा महाराष्ट्र उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन गुप्ता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को पत्र लिखकर मांग की है कि ‘आदिपुरुष’ फिल्म के निर्माता निर्देशक व केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के सदस्यों व अधिकारी, जिन्होंने इस फिल्म को मान्यता दी उनकी जांच कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें।

भाजपा नेता ने पत्र में आगे लिखा- सीता माता को कम कपड़ों में दिखाना, हरण के समय आकाश से उल्टा लटका दिखाना इसके पीछे क्या उद्देश्य है…इनकी मानसिकता क्या है? इसकी भी जांच होनी चाहिए। अशोक वाटिका सीन का डायलॉग हनुमान जी को बोला गया- ‘ये लंका क्या तेरे बुआ का बगीचा है…जो हवा खाने चला आया’? ऐसे बहुत सारे सीनस व डायलॉग्स से विवाद फैलाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने ‘आदिपुरुष’ को हिंदू धर्म और संस्कृति के खिलाफ बनाई गई फिल्म बताया है। अर्जुन गुप्ता ने इसकी उच्च स्तरीय जांच कि मांग करते हुए ‘आदिपुरुष’ के निर्माता-निर्देशक व फाइनेंसरों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

‘आदिपुरुष’ के किन-किन डायलॉग्स पर मचा हुआ है बवाल? लोगों के निशाने पर डायरेक्टर और राइटर
1- हनुमान जी जब लंका में जाते हैं, तो एक राक्षस उन्हें देख लेता है और पूछता है- ‘ये लंका क्या तेरी बुआ का बगीचा है, जो हवा खाने चला आया?

2- सीता से मिलने के बाद हनुमान को जब लंका में राक्षस पकड़ लेते हैं, तो मेघनाथ उनकी पूंछ में आग लगाने के बाद पूछता है, जली। इसके जवाब में हनुमान कहते हैं, ‘तेल तेरे बाप का, कपड़ा तेरे बाप का, और जलेगी भी तेरे बाप की!

3- जब हनुमान लंका से लौटकर आते हैं और राम उनसे पूछते हैं कि क्या हुआ? इसके जवाब में हनुमान कहते हैं- बोल दिया, जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे, उनकी लंका लगा देंगे!

4- लक्ष्मण पर वार करते हुए इन्द्रजीत एक जगह कहते है- मेरे एक सपोले ने तुम्हारे इस शेष नाग को लंबा कर दिया। अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है।