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बैंक ऑफ़ इंडिया फर्जीवाड़े के आरोप में CBI ने मोहित कंबोज उर्फ मोहित भारतीय के खिलाफ दर्ज की FIR

मुंबई/वाराणसी: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक ऑफ इंडिया से फर्जी दस्तावेजों के जरिये 67.22 करोड़ रुपये कर्ज लेकर हजम करने के आरोप में भाजपा नेता मोहित कंबोज (भारतीय) और चार अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन सभी को आपराधिक साजिश, ठगी और जालसाजी का संदिग्ध आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई ने एफआईआर में अव्यान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड और केबीजे होटल्स गोवा प्राइवेट लिमिटेड (अब अंजुना प्रॉपर्टीज) का नाम भी शामिल किया है। मोहित फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मुंबई इकाई के महासचिव हैं। इससे पहले वह भाजपा के युवा संगठन भायजुमो के भी मुंबई अध्यक्ष रह चुके हैं। मोहित को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का भी करीबी बताया जाता है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई टीमों ने मुंबई में 5 स्थानों पर कंबोज समेत सभी आरोपियों के आवासों और कार्यालयों पर छापेमारी अभियान भी चलाया है। बैंक की शिकायत पर दर्ज की गई सीबीआई की एफआईआर में कंबोज के साथ जितेंद्र गुलशन कपूर, नरेश मदनजी कपूर (अब मृतक), सिद्धांत बागला और इरतेश मिश्रा को करीब 57.26 करोड़ रुपये के कर्ज के लिए बैंक से धोखाधड़ी करने का आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा बैंक के कई अज्ञात अधिकारियों को भी आरोपी माना गया है।
सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी, 406, 420, 468, 471 और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि छापेमारी के दौरान अपराध से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनमें संपत्ति, कर्ज, विभिन्न बैंक खातों का ब्योरा और बैंक लॉकर की चाबी शामिल है। बैंक का आरोप है कि कंबोज अव्यान ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (अब मैसर्स बागला ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड) में गारंटर और प्रबंध निदेशक हैं। यह कंपनी सोने की दस्तकारी वाले आभूषणों का उत्पादन करने के बाद दुबई, सिंगापुर, हांगकांग आदि देशों को निर्यात करती है। इस कंपनी के जरिये 2013 से 2018 के बीच सभी आरोपियों ने फर्जी विदेशी खरीद बिल, विदेशी बिल व्यवसाय लिमिट और एक्सपोर्ट परचेजिंग क्रेडिट लिमिट के जरिये मुंबई फोर्ट स्थित मिड कॉरपोरेट ब्रांच से करीब 60 करोड़ रुपये हासिल कर लिए। बाद में इसे फर्जी दस्तावेजों के जरिये इधर-उधर कर दिया, जिसके चलते बैंक को करीब 57.26 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। अन्य आरोपी भी इस मामले में गारंटर के तौर पर शामिल थे।
बैंक ने इस कर्ज को 2015 में एनपीए घोषित कर दिया था। इसके बाद बैंक ने लोन देने की प्रक्रिया का फोरेंसिक ऑडिट कराया। ऑडिट कंपनी ने 31 मार्च, 2017 को अपनी रिपोर्ट दाखिल की। रिपोर्ट में बैंक के फंड डायवर्ट किए जाने का मामला सामने आया। इसी आधार पर अब बैंक ने शिकायत दर्ज कराई है। सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा मामले की जांच कर रही है।

कौन है मोहित कंबोज उर्फ मोहित भारतीय?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के सिगरा के गांधीनगर निवासी हीरा और सोने के प्रमुख कारोबारी दीपक कंबोज के बेटे मोहित कंबोज की कहानी फिल्मी रही है। वर्ष 2004 में वाराणसी से मुंबई आये मोहित कंबोज ने गोल्ड और डायमंड के कारोबार में इस तरह बढ़त बनाई कि आज उन्हें ज्वेलरी और डायमंड किंग के नाम से जाना जाता है। शुरुआती दौर में लग्जरी गाड़ियों की खरीद बिक्री में मोहित ने पैसा लगाया लेकिन यह कारोबार अधिक दिन तक नहीं चल पाया। फिर पुश्तैनी व्यापार गोल्ड और डायमंड में हाथ आजमाया, तो सफलता कदम चूमने लगी और इसी में मन रमता गया।
वाराणसी के महमूरगंज इलाके में इनका पहले डायमंड व गोल्ड का शोरूम था, लेकिन पिछले कुछ माह से बंद हो गया है। यहां मोहित के पिता दीपक कंबोज ही बैठते थे। इसके अलावा रथयात्रा स्थित एक अपार्टमेंट में एक रेस्टोरेंट का संचालन किया जा रहा है।
बताया जाता है कि बेटे मोहित से पिता की कम बनती है। इसलिए पिता कभी बेटे के साथ मुंबई में शिफ्ट नहीं हुए। मोहित का बनारस आना-जाना भी बहुत कम ही होता है। मुंबई भाजपा युवा मोर्चा के प्रमुख पदों पर रहने वाले मोहित कंबोज पिछले लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी के प्रचार-प्रसार में वाराणसी पहुंचे थे।

पहले कांग्रेस से थी नजदीकियां 
मोहित की नजदीकियां पहले कांग्रेस के बड़े नेताओं से भी रही है। मशहूर अभिनेता संजय दत्त के साथ भी कई बार उन्हें देखा गया था। फिल्मी जगत के कई चर्चित लोगों से भी मोहित के अच्छे रिश्ते हैं। वहीं करीबी बताते हैं कि पिता दीपक की नजदीकियां समाजवादी पार्टी से पहले हुआ करती थीं। वे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी बताए जाते हैं।

छापेमारी में मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज
CBI मुख्यालय में कार्यरत अधिकारी के मुताबिक इस मामले में बैंक से काफी मात्रा में आरोपियों के खिलाफ सबूत और दस्तावेज सीबीआई की टीम को सौंपे जा चुके हैं। अब उन दस्तावेजों को खंगालने में टीम जुटी हुई है। इसके साथ ही कई स्थानों पर हुई छापेमारी के दौरान सीबीआई को आरोपियों के आवास और दफ्तरों से काफी महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किये जा चुके हैं। सीबीआई की टीम अब जल्द ही आरोपियोंं से पूछताछ करेगी।

भाजपा नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया-‘NO DUES CERTIFICATE’
मोहित कंबोज ने अपने फेसबुक पर बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा 16 मार्च 2019 को दिए गए ‘अदेयता प्रमाणपत्र’ पोस्ट करते हुए लिखा है- ‘मैंने सभी बकाया भुगतान किया है और बैंक में कोई प्रमाण पत्र नहीं है! बकाया भुगतान और खाता बंद करने के 2 और आधे साल के बाद यदि कोई एजेंसी जांच करना चाहती है, तो मैं एक नागरिक के रूप में पूरी क्षमता के साथ सहयोग करूंगा! सत्य प्रबल होगा!’

बता दें कि कोरोना संकट के बीच मोहित कंबोज ने एक ज़िम्मेदार नागरिक का कर्तव्य निभाते हुए बृहन्मुम्बई महानगरपालिका (बीएमसी) को लावारिश शवों के विधिवत अंतिम संस्कार के कार्य की ज़िम्मेदारी लेने का प्रस्ताव दिया था! इस संबंध में उन्होंने बीएमसी अधिकारियों से मुलाकात भी की थी।

मुंबई की दिंडोशी सीट से लड़ चुके हैं चुनाव
करोड़ों के मालिक मोहित कंबोज बीते विधानसभा चुनाव में दिंडोशी सीट से भाजपा के उम्मीदवार थे। दिलचस्प बात यह है कि वे सबसे धनी उम्मीदवार थे।