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भारत ने कोरोना वायरस को लेकर सार्क नेताओं से की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग

नयी दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर हुई सार्क देशों के प्रमुखों की विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इमरान खान के दूरी बनाने पर भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने एक मानवीय मुद्दे के राजनीतिकरण की कोशिश की है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने भारत सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से बताया कि विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में पाकिस्तानी प्रतिनिधि की टिप्पणी इस लायक नहीं है कि उस पर कोई प्रतिक्रिया दी जाए। पाकिस्तान की टिप्पणी दिखाती है कि वह क्या है।
पीएम मोदी की पहल पर सार्क देशों के राष्ट्रप्रमुखों ने शनिवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस की चुनौती पर चर्चा की। इसमें पाकिस्तान को छोड़कर सार्क के बाकी 7 देशों के प्रमुखों ने शिरकत की। पाकिस्तान की तरफ से वहां के स्वास्थ्य मंत्री जफर मिर्जा ने शिरकत की। मुद्दा था कोरोना वायरस से जुड़े साझा खतरे का, लेकिन पाकिस्तान यहां भी कश्मीर राग छेड़ने से बाज नहीं आया।

भारत ने बताया मानवीय मुद्दे के राजनीतिकरण की कोशिश
भारत सरकार के सूत्रों ने बताया, पाकिस्तान ने अपने स्वास्थ्य मंत्री को भेजा था जो बोलने में असहज थे। उन्हें बोलने के लिए स्लिप दिया गया था, यह एक अशिष्ट तरीका था। यह एक मानवीय मुद्दा है, लेकिन पाकिस्तान ने इसके भी राजनीतिकरण की कोशिश की। यहां तक कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भी शिरकत की, जबकि एक दिन पहले ही वह अस्पताल से डिस्चार्ज हुए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अलावा SAARC के हर नेता ने हिस्सा लिया।
पीएम मोदी की SAARC देशों को एकजुट करने वाली इस पहल को इस क्षेत्रीय संगठन में फिर से जान डालने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। लेकिन सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। इसने (विडियो कॉन्फ्रेंसिंग) आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए SAARC नेताओं को एक साथ लाया है। इससे आगे किसी अन्य पहल का रास्ता साफ होगा या नहीं, यह कहना मुश्किल है।

पाकिस्तान की टिप्पणी प्रतिक्रिया लायक नहीं
पाकिस्तान की टिप्पणी को लेकर सरकारी सूत्रों ने बताया कि वह इस लायक नहीं है कि उस पर कोई प्रतिक्रिया दी जाए। यह पाकिस्तान के असली चेहरे को दिखाता है। दरअसल पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने कोरोना वायरस को लेकर बुलाई गई बैठक में कश्मीर के मुद्दे को भी छेड़ दिया। जफर मिर्जा ने आर्टिकल 370 से जुड़े भारत सरकार के फैसले का जिक्र छेड़ा और जम्मू-कश्मीर से प्रतिबंध हटाने की भी मांग की। उन्होंने कहा, यह चिंता का विषय है कि जम्मू-कश्मीर से कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य आपातकाल को देखते हुए, यह जरूरी है कि क्षेत्र से सभी तरह के प्रतिबंध तत्काल हटा लिए जाएं।

जल्द आकार लेगा कोविड-19 इमर्जेंसी फंड
सार्क नेताओं के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 इमर्जेंसी फंड बनाने का भी सुझाव दिया। साथ में उन्होंने भारत की तरफ से इस फंड के लिए 1 करोड़ डॉलर देने का भी ऐलान किया। सरकार ने जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह फंड तत्काल उपलब्ध होगा और इसे दूतावासों के जरिए हैंडल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फंड तेजी से आकार लेगा और इसका कारगर तरीके से इस्तेमाल होगा।