राजनीतिशहर और राज्य

मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार, सिधिंया खेमे के दो नेताओं समेत 5 मंत्रियों ने ली शपथ

भोपाल: मध्य प्रदेश में सत्ता में वापसी करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया। 29 दिनों के बाद हुए कैबिनेट विस्तार में 5 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है। इनमें कांग्रेस से भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की शपथ के 29 दिन बाद आज उनके मंत्रियों को राजभवन में शपथ दिलाई गई। शपथ लेने वाले मंत्रियों में बीजेपी के दिग्गज नेता डॉ नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल और मीना सिंह जैसे नाम शामिल हैं।

राज्यपाल ने सबसे पहले डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह 1990 में पहली बार विधानसभा सदस्य चुने गए थे। इसके बाद वे दतिया से 1998, 2003, 2008 और 2013, 2019 में विधायक चुने गए। दूसरे नंबर पर तुलसी सिलावट को राज्यपाल ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। वे कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया का करीबी माना जाता है। तीसरे नंबर पर कमल पटेल ने मध्यप्रदेश के मंत्री के तौर पर शपथ ली। वे मध्यप्रदेश भाजपा के नेता हैं। वह पांच बार- 1993, 1998, 2003, 2008 और 2018 में हरदा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं। चौथे नंबर पर गोविंद सिंह राजपूत ने पद एवं गोपनियता की शपथ ली। वे तीन बार सागर के सुरगी से विधायक रह चुके हैं। वे कमलनाथ सरकार के 22 बागी विधायकों में शामिल थे। पांचवे नंबर पर मीना सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली। अपने पति की मौत के बाद मीना सिंह ने 2008 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।

जिन पांच मंत्रियों ने शपथ ली है, उनमें दो सिंधिया खेमे के हैं। सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत मंत्री बने हैं, इन दोनों लोगों ने कमलनाथ सरकार से इस्तीफा दे दिया था। तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत विधायक नहीं है। ये पिछली सरकार में मंत्री थे। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर कमलनाथ सरकार से इस्तीफा देकर बीजेपी से जुड़ गये। मंत्री पद की शपथ लेने वाले नरोत्तम मिश्रा पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं और बीजेपी की सरकार वापसी में उनकी खास भूमिका है। इसके अलावा कमल पटेल हरदा के विधायक और जाट नेता हैं। साथ ही विधायक मीना सिंह आदिवासी पूर्व मंत्री और महिला कोटे से मंत्री बनीं है। तुलसी सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। वहीं गोविंद राजपूत परिवहन और राजस्व मंत्री रह चुके हैं।

वर्तमान में मध्य प्रदेश भी कोरोना की महामारी से जूझ रहा है। इसी के चलते छोटे मंत्रिमंडल का गठन हुआ है। राज्य में कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा बगावत कर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिए जाने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को 20 मार्च को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था। 23 मार्च की रात को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उसके बाद से ही मंत्रिमंडल गठन के कयास लगाए जा रहे थे।