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मप्र: 3 जनवरी को होगा शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार, सिंधिया के करीबियों को जगह मिलने की संभावना

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार 3 जनवरी को होगा। राजभवन में शपथ ग्रहण को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। शपथ ग्रहण समारोह दिन में 12:30 बजे होने की संभावना है। नए मंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ दिलाएंगीं। इस विस्तार में ज्योतिरादित्य सिंधिया के ‘करीबियों’ को जगह मिलने की संभावना है।
शिवराज सिंह चौहान के मार्च 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद तीसरा मौका होगा, जब उनके मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद, मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तकरीबन दोपहर तीन बजे शपथ लेंगे। रफीक इस समय उड़ीसा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और उन्हें मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस पद पर ट्रांसफर किया गया है।

चुनाव के नतीजों के बाद ही होने लगी थी सुगबुगाहट
मध्य प्रदेश के विधानसभा उपचुनाव के लिए तीन नवंबर को वोटिंग करवाई गई थी। इसके बाद 10 नवंबर को नतीजे आने के बाद से ही शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट होने लगी थी। उपचुनाव में बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस को 9 सीटों पर सफलता मिली। इसके चलते, बीजेपी की मध्य प्रदेश विधानसभा में संख्या बढ़कर 126 हो गई है। कांग्रेस के 96 विधायक हैं। बीजेपी के 19 जीते हुए विधायक वे थे, जिन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

मंत्रिमंडल में सिंधिया के करीबियों की होगी वापसी?
मंत्रिमंडल विस्तार में माना जा रहा है कि ज्योतिरादितय सिंधिया के करीबियों की वापसी हो सकती है। दरअसल, सिंधिया के दो करीबियों- तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को चुनाव में देरी की वजह से इस्तीफा देना पड़ा था। माना जा रहा है कि कैबिनेट में दोनों की वापसी होनी तय है। मालूम हो कि एदल सिंह कंसाना, इमरती देवी और गिरिराज को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा भी देना पड़ा।

कई बार सिंधिया ने की थी शिवराज से मुलाकात
मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट उसी समय शुरू हो गई थी, जब नवंबर-दिसंबर में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तीन बार शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। 30 नवंबर को सबसे पहले सिंधिया ने शिवराज से मुलाकात की। इसके बाद, 11 दिसंबर और फिर 26 दिसंबर को मुलाकात की थी। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है।