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महाराष्ट्रः यरवदा सेंट्रल जेल में कंचन नानेवर की मौत!माओवादी हरकतों के लिए UAPA के तहत हुई थी गिरफ़्तारी

पुणे: माओवादी आंदोलन में कथित भागीदारी के लिए साल 2014 में गिरफ्तार किए गए एक छात्र अधिकार कार्यकर्ता कंचन नानवरे का लंबी बीमारी के बाद 24 जनवरी को महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में निधन हो गया. नानवरे 37 साल की थी और कुछ हफ्ते पहले से मस्तिष्क संबधी बीमारी से जूझ रही थीं.
कंचन नानवरे उर्फ ​​भूमि, आदिवासी समुदाय से थीं. उन्हें पढ़ना पहुत पसंद था. खुद डबल पोस्ट ग्रेजुएट होने के साथ-साथ उसने भारत के लिए मुफ्त सुलभ शिक्षा का सपना भी देखा था. उन्होंने साल 2004 में एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में किसानों की आत्महत्याओं को लेकर सरकार को लक्ष्य बना लिया था. नानवरे को जन्म से ही हृदय संबंधी बीमारी थी और वह अपने निधन से कुछ समय पहले के हफ्तों में मस्तिष्क संबधी बीमारी से जूझ रही थीं.
नानवरे भारतीय जेलों में बंद कई कार्यकर्ताओं में से एक थी. उसके निधन के बाद परिवार और वकीलों का आरोप है नानवरे जेल में काफी समय से बीमार थी लेकिन उसके वकील को इस बात की जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने आरोप लगाया है कि 16 जनवरी को ब्रेन सर्जरी होने तक उसके बीमार रहने की बात गुप्त रखी गई.

बार-बार की जा रही थी जमानत याचिका खारिज
बीते दो सालों में नानवरे ने अपने वकील के जरिये जमानत के लिए कई बार सेशन कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. उनके वकील पार्थ शाह का कहना है, उसकी जमानत याचिका हर बार खारिज कर दी जाती थी. उसने बताया कि नानवरे ने बॉम्बे हाईकोर्ट के समक्ष अक्टूबर में एक याचिका दायर की, जिसमें मेडिकल आधार पर और उनकी लगातार खराब हो रही तबीयत की वजह से जमानत दिए जाने की मांग की गई थी. डॉक्टरों ने उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट का सुझाव दिया था, जिसे भी अदालत के समक्ष रखा गया लेकिन यह याचिका अब भी लंबित है.
वहीं यरवदा सेंट्रल जेल के अधीक्षक यूटी पवार ने कहा कि ये आरोप बेबुनियाद है. नानवरे लंबे समय से दिल की बीमारी से पीड़ित थी और हाल ही में मस्तिष्क की सर्जरी के बाद उसकी सर्जरी हुई थी. धीरे धारी वो बीमार होती जा रही थी.

पति के साथ हुई थी गिरफ्तार
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नानवरे को छह सालों में महाराष्ट्र की विभिन्न जेलों में रखा गया था. नानवरे की गिरफ्तारी के वक्त उसका पति भी साथ था. दोनों को एक साथ गिरफ्तार किया गया था और यूएपीए के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. वकील ने कहा कि वह गंभीर रूप से बीमार थीं लेकिन फिर भी उनके परिवार को तत्काल इसकी सूचना नहीं दी गई.