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महाराष्ट्र: …तो दिल्ली में किसने दी तबलीगी जमात को परमिशन?

मुंबई: दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए तबलीगी जमात के जलसे में शामिल हुए सैकड़ों लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने पूछा है कि नयी दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन के लिए अनुमति किसने दी थी? यह कार्यक्रम देश में कोरोना वायरस के बड़े केंद्र के रूप में उभरा है।
राकांपा चीफ शरद पवार ने फेसबुक पर लोगों के साथ लाइव संवाद में कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले यहां इस तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि इससे पहले महाराष्ट्र में दो बड़ी सभाएं- एक मुंबई के पास और दूसरी सोलापुर जिले में प्रस्तावित थी। पवार ने कहा कि मुंबई के पास वाले कार्यक्रम के लिए अनुमति पहले ही नहीं दी गई जबकि पुलिस ने राज्य की ओर से जारी परामर्श का उल्लंघन करने के लिए सोलापुर कार्यक्रम (आयोजकों) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की।

जब उद्धव ठाकरे रोक सकते हैं तो दिल्ली क्यों नहीं?
उन्होंने पूछा, अगर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ऐसे फैसले ले सकते हैं तो दिल्ली में इसी तरह के कार्यक्रम के लिए अनुमति देने से इनकार क्यों नहीं किया गया और किसने इसके लिए मंजूरी दी?
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार ने निजामुद्दीन कार्यक्रम को मीडिया में जोर-शोर से उछाले जाने पर भी निराशा जाहिर की।
पवार ने कहा, मीडिया के लिए इसको इतना उछालना जरूरी क्यों है? यह बेवजह देश में एक समुदाय को निशाना बनाता है। देश में हुई करीब 15 मौत और कोविड-19 के 400 से ज्यादा मामलों को पिछले महीने तबलीगी जमात के निजामुद्दीन मुख्यालय में हुए धार्मिक कार्यक्रम से जोड़ा गया है।