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महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री बोले- अब चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करेगा विभाग

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले साल बिजली गुल होने के पीछे चीन के शामिल होने के दावे पर हाहाकार मचा हुआ है। केंद्र सरकार ने जहां इन दावों से इनकार किया है, तो वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें सही बताया है। महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा है कि आगे से उनका विभाग किसी भी चाइनीज सामान का इस्तेमाल नहीं करेगा।
मंत्री राउत ने बुधवार को कहा कि एसएडीए यूनिट जो कि सप्लाई और डिमांड के हिसाब से बैलेंस लोड करती है, उसमें चीन, ब्रिटेन और अन्य जगहों से 8 ट्रोजन होर्स मालवेयर का पता चला है। 8 जीबी डेटा भी चोरी हो गया। अब आगे से हमारा डिपार्टमेंट किसी भी चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करेगा।
पिछले दिनों अमेरिका की एक साइबर सिक्योरिटी फर्म ने अपने रिपोर्ट में कहा था कि चीनी सरकार द्वारा आश्रय प्राप्त ग्रुप्स ने भारत में ब्लैकआउट की कोशिश की थी। पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में ग्रिड फेल हो गया था, जिसके परिणामस्वरूप शहर अंधेरे में डूब गया। ट्रेन सेवाओं को बाधित कर दिया। स्टॉक मार्केट को बंद कर दिया।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा था कि पिछले साल मुंबई में 12 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर बिजली गुल होने की घटना का कारण साइबर हमला हो सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीनी साइबर अटैक की वजह से ऐसा हुआ था। नितिन राउत ने भी उसके बाद कहा था कि न्यूयॉर्क टाइम्स के दावे में सच्चाई है। हमने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यों की कमिटी का गठन किया था। हमें साइबर डिपार्टमेंट से विस्तृत जांच रिपोर्ट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया था कि महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने मालवेयर अटैक का पता लगाया है। एनवाईटी रिपोर्ट में कहा गया कि जब भारत और चीनी सैनिकों के बीच एलएसी पर तनातनी चल रही थी तो चीनी साइबर हमले के जरिए देशभर में बिजली आपूर्ति करने वाले कंट्रोल सिस्टम में मालवेयर डालने का प्रयास किया जा रहा था। इसी मालवेयर हमले की वजह से मुंबई में बिजली गुल हो गई थी।