अमरावतीदिल्लीपुणेब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य महाराष्ट्र के विदर्भ में खतरा हुआ डबल, कोरोना के साथ ‘बर्ड फ्लू’ ने दी दस्तक! 2nd March 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this महाराष्ट्र में जहां कोरोना संक्रमण का खतरा सरकार और स्थानीय प्रशासन के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। वहीं अब बर्ड फ्लू का खतरा भी राज्य पर मंडराने लगा है। यह खतरा महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में दस्तक दे रहा है। बता दें कि विदर्भ इलाका पहले से ही कोरोना का हॉटस्पॉट बना हुआ है। विदर्भ में खतरा हुआ डबलमहाराष्ट्र के विदर्भ इलाके में ‘बर्ड फ्लू’ ने दस्तक दे दी है। अब तक विदर्भ के अमरावती, यवतमाल, वाशिम और हिंगोली जैसे इलाकों कोरोना का खतरा तेजी से पैर पसार रहा है। अब अमरावती में बर्ड फ्लू की भी पुष्टि हुई है। यह जानकारी तब सामने आई जब भोपाल की लैब से आई रिपोर्ट ने प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें पैदा कर दीं। 90 रुपये का मुआवजास्थानीय अधिकारी उदय सिंह राजपूत के मुताबिक बर्ड फ्लू की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर 33 हज़ार मुर्गियों को नष्ट कर दिया गया है। मुर्गियों के बदले प्रशासन ने पोल्ट्री फॉर्म मालिकों को प्रति मुर्गी 90 रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा है। जिन इलाकों से बर्ड फ्लू कि शिकायत आ रही है। उन इलाकों में पोल्ट्री फॉर्म मालिकों को यह मुआवजा दिया जा रहा है। 32 टीमें काम मे जुटीफिलहाल प्रशासन की 32 टीमें बर्ड फ्लू के खतरे से निपटने के लिए मुस्तैद हैं। पूरे इलाके में तकरीबन डेढ़ सौ अधिकारियों की तैनाती की गई है। प्रशासन की ई-मेल हर गांव में जाकर बर्ड फ्लू के खतरे का आंकलन कर रही हैं। मुर्गियों को जमीन में केमिकल लगाकर दफनाया जा रहा है। बर्ड फ्लू: जानिए-क्या है बचाव और लक्षणइसका सबसे कारगर उपाय है कि आप पक्षियों से सीधे संपर्क में न आएं। उनकी बीट को न छुएं। जहां पक्षी रहते हैं, वहां बिल्कुल न जाएं। जो लोग अंडा या मुर्गी-मुर्गा खाते हैं, वे इसे खरीदने जाएं तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। खरीददारी के वक्त और मीट काटने के दौरान ग्लव्ज पहनें। इसके तुरंत बाद हाथ सैनिटाइज करें या साबुन से हाथ धोएं। नॉनवेज अच्छे से पकाकर ही खाएं, इससे रिस्क खत्म हो जाता है। क्या अंडा और चिकन खाने से बर्ड फ्लू का खतरा है?बर्ड फ्लू और अंडे/चिकन खाने के बीच कोई संबंध नहीं है। हालांकि, डॉक्टर लोगों को अधपके पोल्ट्री प्रोडक्ट और मांस नहीं खाने का सुझाव देते हैं।WHO के मुताबिक अभी तक ये सबूत नहीं मिले हैं कि पके हुए पोल्ट्री फूड से किसी इंसान को बर्ड फ्लू हो सकता है। ये वायरस तापमान के प्रति संवेदनशील है और अधिक कुकिंग टेंपरेचर में नष्ट हो जाता है।केंद्र सरकार ने भी कहा है कि पोल्ट्री उत्पाद खाने से इंसान में बर्ड फ्लू वायरस के फैलने को कोई प्रमाण नहीं है। हालांकि, साफ-सफाई और खाना बनाने के दौरान सावधानी बरतना जरूरी है। क्या इंसानों में भी बर्ड फ्लू का खतरा है?H5N1 पहला बर्ड फ्लू वायरस है, जिसने पहली बार किसी इंसान को संक्रमित किया था। इसका पहला मामला साल 1997 में हॉन्गकॉन्ग में आया था।H5N1 आमतौर पर पानी में रहने वाले पक्षियों में होता है, लेकिन ये पोल्ट्री फार्म में पलने वाले पक्षियों में भी आसानी से फैल सकता है।WHO के मुताबिक बर्ड फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ट्रांसमिट हो सकता है, ऐसा संभव है, लेकिन दुर्लभ है। बर्ड फ्लू का इलाज क्या है?नई दिल्ली एम्स से डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. संजय कहते हैं कि स्वाइन फ्लू (H1N1) में ओसेल टामीविर (टॉमीफ्लू) नाम की दवा इस्तेमाल होती। यही दवा बर्ड फ्लू के इलाज में भी इस्तेमाल हो रही है, लेकिन इस दवा से आप पूरी तरह से ठीक हो जाएंगे, यह निश्चित नहीं है। एक और दवा भी है, इसका नाम जानामि-वीर (रेलेंजा) है। ये दवाएं बीमारी के खतरे को कुछ हद तक कम कर देती हैं। बर्ड फ्लू कितना खतरनाक है?बर्ड फ्लू अब तक दुनिया में चार बार बड़े पैमाने पर फैल चुका है। यह 60 से ज्यादा देशों में महामारी का रूप भी ले चुका है।2003 से अब तक लगातार यह किसी न किसी देश में अपना असर दिखाता रहा है। H5N1 बर्ड फ्लू वायरस सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इससे संक्रमित होने वालों में से आधे से ज्यादा की मौत हो जाती है।2003 से अब तक H5N1 वायरस से कुल 861 लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 455 की मौत हुई है, यानी मृत्युदर 52.8 फीसदी है। यह कोरोनावायरस से होने वाली मृत्युदर से करीब 50 गुना ज्यादा है। दुनिया में कोरोना से होने वाली मृत्युदर 3% और भारत में 1.5% है।अमेरिकी हेल्थ एजेंसी FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) ने कुछ साल पहले इसके लिए एक वैक्सीन डिजाइन को मंजूरी दे दी थी, लेकिन अभी वह लोगों के लिए उपलब्ध नहीं है। Post Views: 202