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महाराष्ट्र: परमबीर के ‘लेटर बम’ से खतरे में ठाकरे सरकार? मुंबई से लेकर दिल्ली तक हो रही हाईलेवल मीटिंग!

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार पर लग रहे आरोपों के बीच शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा है कि सचिन वाजे और परमबीर सिंह के मामले में राज्य सरकार पर लगातार आरोप लग रहे हैं. इसलिए अब सरकार के मंत्रियों के अपने पैर जमीन पर है या नहीं ये देखने की जरूरत है. सरकार में सभी पर आत्मपरीक्षण करने का समय आ चुका है.
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना नेता राउत ने कहा कि पुलिस विभाग हर सरकार की रीड की हड्डी होती है. यही सरकार को मजबूत बना कर रखती है पर फिलहाल जो परिस्थिति हैं, उसे देखते हुए लगता है कि जल्द ही परिस्थितियों में सुधार करने की जरूरत है.
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार के माध्यम से अच्छे काम करने का प्रयास कर रहे हैं. मगर कुछ अधिकारियों के हाथों से कुछ ऐसे काम हो गए हैं, जिसके बाद सभी पर नजर रखने की जरूरत पड़ने लगी है.

इस मामले में शरद पवार ही सही फैसला ले सकते हैं: राउत
उन्होंने कहा कि सभी को लगता है कि वह बहुत समझदार है पर समय आने पर सच्चाई सबके सामने आती ही है. संजय राउत ने कहा कि इस मामले में शरद पवार ही सही फैसला ले सकते हैं. इसलिए आज दोपहर वे पवार से मिलने दिल्ली जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि परमबीर सिंह एक अच्छे अधिकारी है. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभाई है, पर उनके लिखे खत में कितनी सच्चाई है, इसकी जांच की मांग खुद गृहमंत्री अनिल देशमुख ने की है. इसलिए इस मामले की जांच खुद मुख्यमंत्री करने वाले हैं.
राउत ने कहा कि विरोधी पक्ष की हर मांग को पूरा नहीं किया जा सकता. उनका काम सरकार में उथल-पुथल करने का है. उनके कहे अनुसार सरकार नहीं चलती. राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सभी ने कोशिश की उसमें मैं भी शामिल हूं, इसलिए जब सरकार पर इस तरीके के आरोप लगते हैं तो बुरा लगता है.
बता दें कि शनिवार को परमबीर सिंह ने सीधा मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आरोप लगाया कि गृहमंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपए होटल, रेस्टोरेंट, बार और हुक्कापार्लर से वसूलने का टारगेट दिया था. जिसके बाद सरकार पर विपक्ष आक्रामक हो गया है. रविवार को मुंबई के दादर रेलवेस्टेशन के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने MVA सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और विरोध प्रदर्शन जताया.

मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गंभीर आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई है. इस बीच परमबीर ने कहा कि चिट्‌ठी पूरी तरह सही है. उसे मेरी ही आईडी से भेजा गया है. इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से भी चिट्ठी की सत्यता पर संदेह जताया गया था. यह बात सामने आई थी कि जो चिट्ठी भेजी गई है उस पर परमबीर के साइन नहीं हैं. यह ईमेल परमबीर सिंह का है या नहीं है इसकी जांच की जा रही है.

अनिल देशमुख तुरंत इस्तीफा दें: राज ठाकरे
लोग कहते है पुलिस भ्रष्टाचारी हैं, लेकिन ये देखिए न, उन्हें किसने ये काम करने को कहा. गृहमंत्री पर आरोप अत्यंत ही गंभीर हैं. परमबीर को क्यूं हटाया ये अब तक सरकार ने नहीं बताया. क्या परमबीर का कोई संबध था? क्या उसका इन्वॉल्वमेन्ट था. अगर था तो तबादला क्यूं किया? जांच क्यूं नहीं हुई? अनिल देशमुख तुरंत इस्तीफा दें.

गाड़ी एंटीलिया के बाहर किसने रखी, केंद्र करे जांच
वाजे अम्बानी के घर के बाहर बिना किसी की अनुमति के जिलेटिन रखेगा क्या? बिना किसी के आदेश के वाजे ऐसा नहीं कर सकता. धमकी देने वाला क्या इतने मधुर भाषा में बात करेगा? मैं मीडिया से आग्रह करूंगा कि इसे सही दिशा में रिपोर्ट करें. पुलिस के झगड़े छोड़िए बल्कि गाड़ी किसने एंटीलिया के बाहर रखी उसकी जांच केंद्र सरकार करे.

सवाल खड़े हुए, लेकिन जवाब नही मिला!
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि एंटीलिया के बाहर बम मिला. सवाल खड़े हुए, लेकिन जवाब नही मिला. जिलेटिन कहां से आया? वाजे ख्वाजा यूनिस मामले में 17 साल निलंबित था. वाजे बाद में शिवसेना में शामिल हुआ. देवेंद्र फडणवीस ने कहा, उद्धव ठाकरे ने पैरवी की.

मूल विषय अंबानी के घर के बाहर बम मिलना
राज ठाकरे ने कहा कि गृहमंत्री राज्य का है, लेकिन अलग पुलिस कमिश्नर है. किस-किस को क्या कहा है इसकी जांच भी होनी चाहिए. पुलिस की लॉबी, पुलिस के विवाद, फिर उनके पास से खबरे बाहर आती हैं, लेकिन मूल विषय पीछे रह रहा है. जैसे सुशांत सिंह केस में हुआ. मूल विषय वहां भी पीछे रह गया. इस मामले में मूल विषय अंबानी के घर के बाहर बॉम्ब मिलना है.

महाराष्ट्र के इतिहास में नहीं सुनी ऐसी घटना
राज ठाकरे ने कहा कि मैं आज जो भी कहूंगा उसके बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दूंगा. क्यूंकि इससे जो अहम मुद्दे है वो पीछे रह जाते है. कल परमबीर सिंह ने जो गृहमंत्री पर आरोप लगाए वो घटना महाराष्ट्र ही नहीं देश के इतिहास में कभी घटी होगी. मनसे नेता राज ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र के नाम पर धब्बा बताया. उन्होंने कहा कि इससे महाराष्ट्र का नाम खराब हो रहा है. इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए. विपक्ष के साथ सरकार में शामिल कांग्रेस ने भी अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने गृहमंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग की है. अल्वी ने कहा कि देशमुख पर लगे आरोप गंभीर हैं, उन्हें गृहमंत्री के पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए.

इससे पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी शनिवार को ट्वीट कर परमबीर सिंह के पत्र पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने लिखा था कि परमबीर सिंह का मुख्यमंत्री को लिखा हुआ पत्र बहुत गंभीर है. ये महाराष्ट्र की प्रतिमा को कलंकित करने वाली घटना है. इसके बाद गृहमंत्री अनिल देशमुख को तुरंत अपना इस्तीफा दे देना चाहिए और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच भी होनी चाहिए.

मुंबई महानगरपालिका को कितने पैसे वसूल करने का टारगेट?
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने ट्वीट कर महाराष्ट्र सरकार से सवाल पूछा है कि अगर मुंबई पुलिस को 100 करोड़ का टारगेट सरकार ने दिया है तो मुंबई महानगरपालिका को कितने पैसे वसूल करने का टारगेट है? साथ ही उन्होंने कहा कि यही वह समय है जब वीरप्पन गैंग को हमेशा के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाना चाहिए.

परमबीर की चिट्ठी के बाद NCP प्रमुख शरद पवार सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने पार्टी के दो बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है. इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे. अब देखना यह होगा कि क्या पवार एमवीए को मुसीबत से बाहर निकाल सकते हैं और यह गठबंधन सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.

महाराष्ट्र ATS ने 2 लोगों को किया गिरफ्तार
दूसरी ओर मनसुख हिरेन हत्याकांड मामले में महाराष्ट्र ATS ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. उनकी पहचान विनायक शिंदे और नरेश धारे के रूप में हुई है. विनायक सस्पेंडेड कॉन्सटेबल हैं और लखन भैय्या फेक एनकाउंटर केस में आरोपी रह चुके हैं.