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महाराष्ट्र में सियासी घमसान: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, उद्धव करेंगे कैबिनेट मीटिंग

मुंबई: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह की याचिका पर आज (बुधवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बीच उद्धव सरकार की आज कैबिनेट मीटिंग भी हो रही है. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक आज 3:30 बजे मुंबई के मालाबार हिल के सह्याद्री गेस्ट हाउस में होगी. यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है.

तबादला आदेश रद्द करने की मांग
परमबीर सिंह द्वारा दायर सीबीआई जाँच की याचिका सुनवाई के लिए जस्टिस एस के कौल और आर एस रेड्डी की पीठ के सामने आएगी. परमबीर ने याचिका के जरिए कोर्ट से मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से उनके तबादले को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ होने का आरोप लगाते हुए इस आदेश को रद्द करने की अपील की है. सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने तबादला आदेश पर रोक लगाने और राज्य सरकार, केंद्र तथा सीबीआई को देशमुख के आवास की सीसीटीवी फुटेज फौरन कब्जे में लेने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है.

पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने लागए ये आरोप
गौरतलब है कि पूर्व कमिश्नर परमबीर ने अपनी याचिका में कहा है, अनिल देशमुख ने अपने आवास पर फरवरी 2021 में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अनदेखी करते हुए क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट, सचिन वाझे और सोशल सर्विस ब्रांच, मुंबई के एसीपी संजय पाटिल सहित अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की तथा उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का लक्ष्य दिया था. साथ ही, तमाम कंपनियों और अन्य स्रोतों से भी धन उगाही करने का निर्देश दिया था.

गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सीएम ठाकरे से की मुलाकात
वहीँ इसी सियासी घमसान के बीच आरोपों में घिरे सूबे के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार रात सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. कयास लगाए जा रहे थे कि उद्धव ठाकरे की ओर से देशमुख का इस्तीफा मांगा जा सकता है. इसीलिए अनिल देशमुख ने सीएम के सामने अपनी बातें रखी. अनिल देशमुख और सीएम उद्धव ठाकरे के बीच करीब एक घंटे तक मीटिंग चली. उधर भाजपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामले में कथित भ्रष्टाचार मामले को लेकर केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की थी. साथ ही उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की. केंद्रीय गृह सचिव ने फडणवीस को आश्वासन दिया है कि दस्तावेजों और सबूतों की पड़ताल करेंगे और इस मामले में उचित करवाई की जाएगी.
बैठक से पूर्व चर्चा थी कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री के बीच पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल की रिपोर्ट पर चर्चा हुई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बाद में पता चला कि खुफिया विभाग की तत्कालीन आयुक्त रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर चर्चा हुई है. मालूम हो कि महाराष्ट्र पुलिस में ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार से संबंधित बातचीत को टैप किया गया था.
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक, खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर महाराष्ट्र सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. बताया जाता है कि इस रिपोर्ट में पुलिस अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और नियुक्ति में भ्रष्टाचार से संबंधित बातचीत का ऑडियो है.
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि राज्य सरकार से जरूरी अनुमति लेने के बाद ही तत्कालीन खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला ने फोन टैप किये गये थे. बातचीत में कई पुलिस अधिकारियों के नामों पर चर्चा भी गयी है. इस बातचीत का डेटा भी फडणवीस के पास है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पिछले साल अगस्त माह में ही रिपोर्ट सौंपे जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. फडणवीस ने दावा किया है कि 15 फरवरी से 27 फरवरी के बीच कोरेंटिन रहने के दौरान गृहमंत्री देशमुख मंत्रालय भी गये थे. उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को सह्याद्री अतिथि गृह और 24 फरवरी को मंत्रालय जाने का रिकॉर्ड है, जो वीआईपी लोगों के आवागमन का पुलिस रिकॉर्ड रखती है.
इधर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रमुख जयंत पाटिल ने खुफिया आयुक्त रश्मि शुक्ला के फोन टैप करने पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि उन्हें फोन टैप करने की अनुमति किसने दी. उन्होंने कहा है कि किसके निर्देश पर फोन टैपिंग हुई थी. किसने अनुमति दी थी. मामले की पूरी जांच किये जाने की जरूरत है.
गौरतलब हो कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर व होमगार्ड के डीजी परमबीर सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज बुधवार को सुनवाई होनी है. परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने मुंबई के पुलिस कमिश्नर से होमगार्ड में तबादला किये जाने के आदेश को रद्द करने की मांग की है. इसकी जानकारी भी परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में दी है कि मुंबई कमिश्नर के पद पर निर्धारित न्यूनतम दो साल की अवधि पूरी होने से पूर्व ही मार्च महीने में उनका तबादला होमगार्ड के डीजी के पद पर कर दिया गया.
मालूम हो कि देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो मिलने और बाद में गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन का शव मिलने के बाद मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के कई अधिकारियों का तबादला कर दिया गया था. इनमें आईपीएस से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर भी शामिल थे.

86 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एंटीलिया केस में सचिन वाझे सहित क्राइम ब्रांच के कुछ और पुलिसकर्मियों का नाम सामने आया है. इस बीच राज्य सरकार ने बड़ा फेरबदल करते हुए 86 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर कर दिया है, जिनमें 65 मुंबई क्राइम ब्रांच के थे.

किन अधिकारियों का हुआ ट्रांसफर?
ट्रांसफर किए गए अधिकारियों में वरिष्ठ पीआई, एपीआई और पीएसआई रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं. ट्रांसफर के आदेश पर मुंबई के ज्वॉइंट पुलिस कमिश्नर के हस्ताक्षर हैं.

सचिन वाझे का करीबी होने का शक
मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, क्राइम ब्रांच से ट्रांसफर किए गए पुलिसकर्मियों का सचिन वाझे से करीबी और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करने का आरोप है. वाझे के साथ काम करने वाले एपीआई रियाज़ुद्दीन काजी को लोकल आर्म्स यूनिट में भेज दिया गया है. काजी से एनआईए ने पूछताछ की थी.