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महाराष्ट्र में 15 जून तक लॉकडाउन लागू, ज़रूरी सामान की दुकान खोलने का वक्त बढ़ाया गया

मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोना संकट के बीच रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की जनता को संबोधित किया। सीएम ने राज्य में जारी लॉकडाउन को 15 दिनों के लिए बढ़ाने का ऐलान किया। सीएम ने कहा कि राज्य में अब 15 जून तक लॉकडाउन लागू रहेगा। इस बार भी लॉकडाउन के दौरान राज्य में जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को पहले की तरह आवाजाही की इजाज़त होगी। हालांकि, जरूरी सामानों से जुड़े दुकान जो अभी सुबह 7 बजे 11 बजे तक खोले जा रहे हैं, उन्हें 1 जून से 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक खोलने की अनुमति होगी।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कहा कि लॉकडाउन 15 जून तक बढ़ा दिया गया है। समीक्षा के बाद सरकार कुछ जिलों में छूट पर फैसला करेगी। कई लोग अनलॉक की घोषणा नहीं होने पर आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। मैं उनसे धैर्य रखने का अनुरोध करता हूं। सीएम ने कहा कि मुझे प्रतिबंध लगाने में मजा नहीं आ रहा, लेकिन यह समय की मांग है, क्योंकि कोरोना का संकट टला नहीं है। तीसरी लहर को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि ये कब आएगी, इसकी हमें सटीक तारीख नहीं पता। पहली लहर से दूसरी लहर में वायरस बहुत बदल चुका है। म्यूटेशन हुए हैं। यह वायरस बहुत तेजी से फैल रहा है, ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ गई है। इसीलिए अस्पताल, बेड्स आदि की संख्या बढ़ाने पर जोर है। सीएम ने कहा कि हर दिन मिलने वाले मामलों में कमी के बावजूद ये पिछली लहर के पीक के पास हैं।
महाराष्ट्र में रविवार को 18,600 नए केस मिले हैं। ये मिड मार्च के बाद सबसे कम हैं। इस बीच 24 घंटों में 402 मरीजों की मौत भी हुई है। इससे पहले 16 मार्च को राज्य में 17,864 मामले दर्ज किए गए थे। बता दें कि कोरोना से देश के सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब तक कुल 57.31 लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। यहां 94,844 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। 53.62 लाख लोग रिकवर हुए हैं। राज्य में रिकवरी रेट 93.55% और डेथ रेट 1.65% पहुंच गया है। अभी पूरे प्रदेश में 2.71 लाख एक्टिव केस हैं।

छूट कम करने पर बढ़ रहे कोरोना केस
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि लोग लगातार सवाल पूछ रहे हैं। कोरोना के केसेस कम हुए तो क्या लॉकडाउन हटेगा? हम बस यही कोशिश कर रहे हैं कि हमारा राज्य सुरक्षित रहे। कड़क लॉकडाउन नहीं बल्कि कड़क नियम इस बार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अभी भी कई जिले ऐसे हैं, जहां नियम हल्के किए गए और वहां केसेस बढ़ने लगे। शहर से ज्यादा गांवों में ऐसी स्थिति देखने को मिली।