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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: इन 5 सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला…

नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका हैं। 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए पार्टियों ने उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है। उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिए बड़े-बड़े नेताओं का ताँता लगा है। मतदाताओं को रुझाने के लिए लोक-लुभावने वादे किये जा रहे हैं। जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है, पार्टियों में बैचेनी बढ़ती जा रही है। इस बार महाराष्ट्र चुनाव एक नया इतिहास लिखेगा। पहली बार शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे परिवार से कोई चुनावी मैदान में उतर रहा है। बालासाहेब के पोते और उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य वर्ली सीट से मैदान में हैं। चुनाव में गठबंधन भी देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने भाजपा-शिवसेना को रोकने के लिए शरद पवार की पार्टी एनसीपी से हाथ मिला लिया है। इधर शिवसेना और बीजेपी के बीच चल रहे मनमुटाव के बावजूद दोनों पार्टियां एक साथ होकर चुनावी रणभूमि में उतरी हैं। भाजपा जहां 150 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस में भी विधानसभा चुनाव से पहले आंतरिक कलह खुलकर सामने आ गई है। कांग्रेस के दिग्गज नेता संजय निरुपम ने पार्टी के खिलाफ बगावत शुरु कर दी है। जबकि एनसीपी के भी कई बड़े नेताओं ने भाजपा और शिवसेना का दामन थाम लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कुल 288 सीटों पर लड़ा जाएगा। लेकिन इस बार पांच ऐसी सीटें हैं, जिस पर सबकी निगाहे तिकी टिकी हुई हैं। इन सीटों पर नेताओं की किस्मत दांव पर लगी है।

नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट: सीएम देवेंद्र फडणवीस की सीट पर सबकी नजरें होंगी। इस सीट से फडणवीस दो बार चुनाव जीत चुके हैं। साल 2009 के विधानसभा चुनाव में देंवेंद्र फडनवीस ने कांग्रेस उम्मीदवार विकास पांडुरंग ठाकरे को हराया था। वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विनोद गुडधे पाटिल को 58,942 मतों से हराया था। इस बार कांग्रेस ने देवेंद्र फडणवीस के सामने आशीष देशमुख को टिकट दिया है।

पर्ली सीट: पर्ली विधानसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे को उतारा है। पंकजा को टक्कर देने एनसीपी ने एक बार फिर बड़ा दांव खेला है। एनसीपी ने उनके भाई धनंजय पंडितराव मुंडे को टिकट दिया है। पर्ली विधानसभा सीट पर भाई-बहन के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। 2014 के विधानसभा चुनाव में पकंजा ने अपने भाई धनंजय को 25895 वोटों से हराया था।

बारामती सीट: बारामती सीट पर एनसीपी का कब्जा रहा है। इस सीट से चुनाव जीतना भाजपा-शिवसेना दोनों के लिए मुश्किल है। बारामती से वर्ष 1967 से लेकर 1990 तक शरद पवार एमएलए रहे हैं। वहीं 1991 से अजीत पवार विधायक है। 2014 के विधानसभा चुनाव में बारामती से एनसीपी उम्मीदवार अजीत पवार ने भाजपा के प्रभाकर दादाराम गावड़े को 89,791 वोटों से हराया था।

बीड सीट: बीड सीट पर भी इस बार परिवारवाद देखने को मिलेगा। यहां शिवसेना ने मंत्री जयदत्त क्षीरसागर को उम्मीदवार बनाया है। वहीं एनसीपी ने एक कदम बढ़ते हुए उनके भतीजे संदीप क्षीरसागर को उनके खिलाफ उतारा है।

वर्ली सीट: महाराष्ट्र चुनाव में वर्ली सीट पर सबकी निगाहे रहेंगी। यहां से शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं। ठाकरे परिवार से पहली बार कोई चुनाव लड़ने जा रहा है। यह सीट शिवसेना आराम से निकाल भी लेगी। आदित्य को मैदान में उतार शिवसेना उन्हें मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। वहीं उद्धव ठाकरे ने भी साफ कह दिया है कि चुनाव में सीएम शिवसेना का ही होगा।