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महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव: महाआघाडी को मिली महा जीत, गढ़ में हारी भाजपा!

मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद की छह सीटों पर हुए चुनाव में विपक्षी दल भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा अपनी परंपरागत सीटें भी नहीं बचा पाई है। जबकि सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी को बड़ी सफलता मिली है। विधान परिषद की छह सीटों में से भाजपा महज एक सीट पर सिमट कर रह गई है। राकांपा और कांग्रेस को दो-दो सीटों पर जीत मिली है। जबकि एक सीट पर निर्दलीय ने कब्जा जमा लिया है। वहीं सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना को एक सीट भी नहीं मिली। गुरुवार से शुरु विधान परिषद की दो शिक्षक और तीन स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के सीटों की मतगणना प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हुई। जबकि धुलिया-नंदूरबार स्थानीयप्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के जीत की घोषणा पहले ही की जा चुकी थी।

गढ़ में मिली भाजपा को मात
कांग्रेस ने भाजपा का गढ़ माने जाने वाली नागपुर विभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर सेंध लगा दिया है। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार अभिजीत वंजारी ने भाजपा के प्रत्याशी संदीप जोशी को शिकस्त दी है। जोशी की हार पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि इस सीट पर पांच दशक से भी ज्यादा समय से भाजपा का कब्जा रहा है।
औरंगाबाद विभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर राकांपा के उम्मीदवार सतीश चव्हाण ने हैट्रिक लगाई गई है। चव्हाण ने भाजपा के उम्मीदवार शिरीष बोरालकर को बड़े वोटों के अंतर से हराया है। राकांपा ने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखा। इस सीट पर भाजपा से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले रमेश पोकले कुछ खास कमाल नहीं कर पाए। बोरालकर को जीताने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहब दानवे और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने काफी जोर लगाया था लेकिन बोरालकर को लगातार दो चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव से पहले भाजपा नेता तथा पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री जयसिंहराव गायकवाड पाटील राकांपा में शामिल हो गए थे। माना जा रहा है कि भाजपा को पार्टी नेताओं की बगावत और नाराजगी के कारण नुकसान उठाना पड़ा है।
पुणे विभाग स्नातक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर राकांपा के उम्मीदवार अरुण लाड ने भाजपा के प्रत्याशी संग्राम देशमुख को हराया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने इस सीट को प्रतिष्ठा का मुद्दा बना लिया था। क्योंकि इस सीट पर पाटील पहले लगातार दो बार जीते थे। लेकिन पाटील पर प्रदेश राकांपा अध्यक्ष तथा प्रदेश के जलससांधन मंत्री जयंत पाटील की रणनीति भारी पड़ गई।
विधान परिषद की अमरावती विभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार किरण सरनाईक को जीत मिली है। इस सीट पर शिवसेना ने श्रीकांत देशपांडे और भाजपा ने नितिन धांडे को उम्मीदवारी दी थी। लेकिन निर्दलीय सरनाईक बाजी मार ले गए। इस सीट पर फिलहाल देशपांडे विधायक थे।
पुणे विभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार जयंत आसगावकर ने भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार जितेंद्र पवार को हराया है। इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले वर्तमान विधायक दत्तात्रय सावंत को हार मिली है।
वहीं विधान परिषद की धुलिया-नंदूरबार स्थानीयप्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र की सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी अमरीश पटेल ने कांग्रेस के उम्मीदवार अभिजीत पाटील को भारी मतों से हराया है।
साल 2019 के विधानसभा चुनाव बाद भाजपा से अलग होकर शिवसेना ने धुरविरोधियों राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी। इससे महाविकास आघाड़ी के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट माना जा रहा था। जिसमें सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी को सफलता मिली है।

किसको मिली कितनी सीटें
पार्टी- सीटें
राकांपा – 2
कांग्रेस- 2
भाजपा-1
निर्दलीय -1
शिवसेना- 0
कुल – 6 सीटें

शिर्डी नगरपंचायत के नगराध्यक्ष पद पर भाजपा के शिवाजी गोंदकर निर्विरोध
शिर्डी नगर पंचायत की नगराध्यक्ष अर्चना कोते ने अपने पद का इस्तीफा देने पर रिक्त पद पर 7 दिसंबर को चुनाव होना था और 4 दिसंबर को पर्चा वापस लेने की अंतिम तारीख थी शुक्रवार को अंतिम दिन अनीता जगताप और जगन्नाथ गोंदकरने अपने नाम निर्देशन पत्र वापस लेने से मूल भाजपा के गोंदकर का एकमात्र पर्चा बचने से शिरडी नगरपंचायत के नगराध्यक्ष पद का चुनाव निर्विरोध हुआ और नगरपंचायत पर भाजपा का झंडा लहराएगा। नगरपंचायत के नगर अध्यक्ष पद के साथ साईं संस्थान का विश्वस्त पद भी मिलने से सभी की निगाहें इस ओर लगी हुई थी। लेकिन अंतिम समय मे शिवाजी गोंदकर का नाम सामने आया और इसकी औपचारिक घोषणा 7 दिसंबर को होगी।