उत्तर प्रदेशब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरशहर और राज्य महाराष्ट्र सरकार प्रवासियों को गावं वापस भेजने के लिए तैयार, लेनी होगी डीएम की अनुमति 30th April 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: महाराष्ट्र में फंसे अन्य राज्यों के प्रवासी लोग अब अपने-अपने राज्यों को वापस लौट सकेंगे। जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे। लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ी का विवरण, राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना अनिवार्य होगा।गौरतलब है कि देशभर में लॉकडाउन लागू है। अलग-अलग राज्यों के मजदूर और लोग दूसरे राज्यों में फंस गए हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख गुरुवार को कहा कि प्रवासी और अन्य फंसे हुए लोग अपने-अपने राज्यों में जिला मजिस्ट्रेट की अनुमति के बाद वापस लौट जाएंगे।जिला मजिस्ट्रेट ही प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने के लिए नोडल अधिकारी की भूमिका में होंगे। लोगों को नाम, मोबाइल नंबर, गाड़ियों का विवरण(अगर हो तो), राज्य में अकेले हैं या साथ में हैं, इन सबका क्रमवार ब्यौरा देना होगा।बता दें कि महाराष्ट्र में लॉकडाउन की घोषणा के बाद 6 लाख से अधिक प्रवासी मजदूर फंसे हैं। ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के हैं। इस वक्त इन मजदूरों के रहने-खाने की जिम्मेदारी महाराष्ट्र सरकार पर है। हालांकि कुछ मजदूर अपने गृह राज्य जाने की मांग कर रहे हैं। अब गृह मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक मजदूर अपने राज्यों को लौट सकेंगे। कई राज्य इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।दरअसल बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, लोगों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है। नई गाइडलाइन के तहत फंसे हुए लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जा सकेगा। Post Views: 218