दिल्लीब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य

महाराष्ट्र से ट्रेन चलाने को लेकर राज्य सरकार और रेलवे आमने-सामने!

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार और रेल मंत्रालय के बीच ट्रेनों के संचालन को लेकर विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। रेलवे ने मंगलवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार यात्रियों के बारे में जानकारी नहीं उपलब्ध करा रही है, जिसकी वजह से कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा।
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि रेलवे ने मंगलवार को 145 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी लेकिन अभी तक सिर्फ 27 ट्रेनें चल सकीं क्योंकि यात्री कम थे।
रेल मंत्री ने ट्वीट किया- ‘महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध पर हमनें आज 145 श्रमिक विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की। यह ट्रेन सुबह से तैयार खड़ी हैं। दोपहर 3 बजे तक 50 ट्रेनों को रवाना हो जाना था लेकिन यात्रियों की कमी की वजह से सिर्फ 13 रवाना हुईं। मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि यह सुनिश्चित करने में पूर्ण सहयोग दें कि परेशान प्रवासी श्रमिक अपने घर पहुंचे और श्रमिकों को समय पर स्टेशन पहुंचाया जाए और विलंब न करें। इससे समूचा नेटवर्क और योजना प्रभावित होगी।’

पीयूष गोयल ने आगे कहा कि रेलवे कर्मचारी दिन-रात एक करके लोगों को गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। ट्रेनों को सात से नौ दिन लगता है, ये आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। महाराष्ट्र सरकार ने झूठ बोला है कि उन्होंने 80 ट्रेनों की मांग की थी लेकिन 30-40 ही मिली। हमने उन्हें 125 ट्रेनों का ऑफर दिया। वे कल की ट्रेनों की डीटेल नहीं दे पाए। उन्होंने केवल 41 ट्रेनों की डीटेल दी है।

रेलवे ने कहा कि उसने 25 मई को महाराष्ट्र से प्रवासी मजदूरों को निकालने के लिए 125 ट्रेनों की योजना तैयार की थी लेकिन राज्य सरकार देर रात 2 बजे तक सिर्फ 41 ट्रेनों के लिए ही जानकारी दे पाई। रेलवे की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, इन 41 ट्रेनों में से सिर्फ 39 ट्रेन ही चलाई जा सकीं क्योंकि स्थानीय अधिकारी यात्रियों को नहीं ला पाए और इन दो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा।
बयान में आगे कहा गया, काफी प्रयासों और सावधानीपूर्वक योजना के बाद रेलवे बेहद कम समय में अपने संसाधनों को तैयार करता है और उसने 26 मई को महाराष्ट्र से 145 श्रमिक ट्रेनों के संचालन की योजना तैयार की थी। दोपहर 12 बजे तक महाराष्ट्र से 25 ट्रेनों को रवाना करने की योजना थी लेकिन कोई भी ट्रेन रवाना नहीं हुई क्योंकि यात्री नहीं आ सके थे। पहली ट्रेन में यात्रियों को बैठाने का काम साढ़े बारह बजे शुरू हो सका।

रेलवे के मुताबिक 68 ट्रेनों को उत्तर प्रदेश, 27 को बिहार, 41 को पश्चिम बंगाल के अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड, उत्तराखंड और केरल के लिए एक-एक ट्रेन तथा ओडिशा व तमिलनाडु के लिए दो-दो ट्रेन चलाने की योजना है।
बता दें कि ‘श्रमिक विशेष ट्रेनों’ को लेकर बीते दो दिनों से रेल मंत्री पीयूष गोयल और महाराष्ट्र सरकार के बीच सियासी बयानबाजी जारी है और राज्य का आरोप है कि उसे पर्याप्त ट्रेन मुहैया नहीं कराई जा रही हैं।