दिल्लीदेश दुनियाब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिशहर और राज्य मालदीव के राष्ट्रपति ने PM मोदी को ‘निशान इज्जुद्दीन’ से किया सम्मानित 8th June 2019 networkmahanagar 🔊 Listen to this सर्वोच्च सम्मान पर पीएम मोदी बोले- भारत के लिए गौरव की बात पीएम मोदी की क्रिकेट डिप्लोमसी: मालदीव के राष्ट्रपति को गिफ्ट किया टीम इंडिया के हस्ताक्षर वाला बैट माले, पड़ोसी देश मालदीव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शनिवार को देश के सबसे बड़े सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से सम्मानित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मालदीव की पिछली सरकार के चीन के करीब जाने की तरफ इशारा करते हुए कहा कि राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के पद ग्रहण करने के बाद से द्विपक्षीय सहयोग की गति और दिशा में मौलिक बदलाव आया है। दरअसल, पिछले साल चुनाव से पहले मालदीव सरकार ने चीन के प्रभाव में आकर भारत विरोधी रुख अपना लिया था। हालांकि शनिवार को जब पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति गले मिले तो दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों में गर्मजोशी साफ दिखी। मैं यह दोहराना चाहता हूं कि भारत मालदीव की हर संभव सहायता के लिए प्रतिबद्ध है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भी कहा कि मुझे खुशी है कि मेरे दूसरे कार्यकाल के पहले विदेश दौरे पर आपके सुंदर देश मालदीव में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे देशों ने कुछ दिन पहले ही ईद का त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया है। मेरी शुभकामनाएं हैं कि इस पर्व का प्रकाश हमारे नागरिकों के जीवन को हमेशा आलोकित करता रहे। पीएम ने कहा, आज मुझे मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके आपने मुझे ही नहीं बल्कि पूरे भारत को एक नया गौरव दिया है। निशान इज्जुदीन का सम्मान मेरे लिए हर्ष और गर्व का विषय है। यह मेरा ही नहीं बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और घनिष्ठ संबंधों का सम्मान है। मैं इसे बड़ी विनम्रता के साथ सभी भारतीयों की ओर से स्वीकार करता हूं। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर की लहरों ने हजारों साल से हमें घनिष्ठ संबंधों में बांधा है। 1988 में बाहरी हमला हो या सुनामी जैसी कुदरती आपदा या हाल में पीने के पानी की कमी, भारत हमेशा मालदीव के साथ खड़ा रहा है और मदद के लिए हमेशा आगे आया है। उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय और मालदीव में राष्ट्रपति और मजलिस के चुनावों के जनादेश से साफ है कि दोनों देशों के लोग स्थिरता और विकास चाहते हैं। ऐसे में पीपल सेंट्रिक और समावेशी विकास तथा सुशासन की हमारी जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2018 की आपकी भारत यात्रा के दौरान लिए गए निर्णयों को ठोस और समयबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। सोलिह की भारत यात्रा के दौरान घोषित 1.4 अरब डॉलर के वित्तीय पैकेज से मालदीव की तत्कालीन वित्तीय जरूरतें तो पूरी हुई हैं साथ ही सामाजिक प्रभाव के कई प्रॉजेक्ट शुरू किए गए हैं। 1800 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट के अंतर्गत विकास कार्यों के नए रास्ते भी खुले हैं। भारत और मालदीव के बीच विकास साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मालदीव के आम नागरिकों को लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। पीएम मोदी ने बताया कि विभिन्न द्वीपों पर पानी और सफाई की व्यवस्था, छोटे और लघु उद्योगों के लिए पयाप्त वित्त, बंदरगाहों का विकास, कॉन्फ्रेंस और कम्युनिटी सेंटर का निर्माण, क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण, ऐंम्बुलेंस सेवा, तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करना, कृषि और मत्स्य पालन, पर्यटन जैसे अनेक भारतीय सहयोग के प्रॉजेक्ट से मालदीव के लोगों को सीधा फायदा पहुंच रहा है। दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए हम भारत में कोच्चि और मालदीव में कुल्तुफुशी और माले के बीच नौका सेवा शुरू करने पर सहमत हुए हैं। मालदीव में रुपे कार्ड जारी करने से भारतीय पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। इसबारें जल्द कार्यवाही होगी। रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा हुई है। आज हमने संयुक्त रूप से मालदीव डिफेंस फोर्सेज के कंपोजिट ट्रेनिंग सेंटर और तटीय निगरानी की निगरानी प्रणाली का उद्घाटन किया है। यह मालदीव की समुद्री सुरक्षा को और बढ़ाएगा। भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को सबसे अधिक महत्व देता है। हम एक दूसरे के साथ गहरी और मजबूत साझेदारी चाहते हैं। एक समृद्ध, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण मालदीव पूरे क्षेत्र के हित में है। हम दोहराना चाहते हैं कि भारत मालदीव की हरसंभव सहायता करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। आखिर में उन्होंने कहा, भारत-मालदीव दोस्ती अमर रहे। पीएम ने बताया, मैंने अभी राष्ट्रपति सोलिह के साथ विस्तृत और उपयोगी विचार-विमर्श किया। हमने आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग की विस्तार से समीक्षा की है। हमारी साझेदारी की भावी दिशा पर हमारे बीच पूर्ण सहमति है। राष्ट्रपति सोलिह के पद ग्रहण करने के बाद से द्विपक्षीय सहयोग की गति और दिशा में मौलिक बदलाव आया है। Post Views: 189