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मुंबई भाजपा को जल्द मिल सकता है नया अध्यक्ष

मुंबई: महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी संगठन में बदलाव करने की योजना बना रही है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा को हटाकर नया अध्यक्ष बनाये जाने की चर्चा है, जबकि महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील को फिर से मौका देने की कही जा रही है। नया अध्यक्ष देने से पहले प्रदेशभर में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो रही है।
महाराष्ट्र बीजेपी के राज्य अधिवेशन का आयोजन 16 फरवरी को नवी मुंबई में किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन बीजेपी के नवनिर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। यह कार्यक्रम प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में संपन्न होगा। इसमें विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस, विधानपरिषद में विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर, एकनाथ खड़से, सुधीर मुनगंटीवार, पंकजा मुंडे, राधाकृष्ण विखे पाटील सहित पार्टी के सभी प्रदेश पदाधिकारी व केंद्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहेंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में महाराष्ट्र बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का चयन होगा। इस पद पर वर्तमान अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील के फिर चुने जाने की संभावना है। वैसे पार्टी का एक बड़ा तबका चंद्रकांत पाटील की जगह पर पंकजा मुंडे या फिर सुधीर मुनगंटीवार को अवसर देने की जोड़तोड़ में लगा है। लेकिन बदलाव की संभावना कम ही है।

मुंबई अध्यक्ष बदलने पर जोर
मुंबई बीजेपी अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा की जगह पर तेजतर्रार युवा देने की मांग की जा रही है। माना जा रहा है कि लोढ़ा को हटाकर सांसद मनोज कोटक, विधायक पराग अलवणी, योगेश सागर और सुनील राणे में से पार्टी किसी एक को मौका दे सकती है। पूर्व अध्यक्ष व विधायक अशीष शेलार का नाम भी रेस में है। आने वाले दिनों में पार्टी को मुंबई महानगरगपालिका के चुनाव का सामना करना पड़ेगा। चुनाव में पार्टी को महाविकास आघाडी के शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा के सामने उतरना पड़ सकता है। एक संभावना शिवसेना-राकांपा गठबंधन, कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबले की भी हो सकती है।

BMC में भी बदलाव संभव
राज्य नेतृत्व पर फैसला होने के बाद बीएमसी में भी नेतृत्व में बदलाव होने की उम्मीद है। मनोज कोटक के सांसद बन जाने के बाद बीजेपी को बीएमसी में नए ग्रुप लीडर की तलाश है। पार्टी अभी तक विपक्ष में बैठने को लेकर भी फैसला नहीं ले पा रही है। कोटक की अनुपस्थिति से कई बार बड़े मुद्दों पर पार्टी दमदारी से भूमिका रखने में पिछड़ जाती है।