ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य मुंबई: शरद पवार बोले- महाराष्ट्र की राजनीति ने देश को नई राह दिखाई 24th January 202024th January 2020 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन का श्रेय राज्य के अल्पसंख्यकों को जाता है, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि बीजेपी सत्ता में दोबारा वापस लौटे। यही वजह रही कि अल्पसंख्यकों ने बीजेपी के खिलाफ वोटिंग की। इसके बाद बदलते सियासी माहौल में एनसीपी-शिवसेना-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई। महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटनाक्रम ने देश को एक राह दिखाई है।एनसीपी चीफ शरद पवार ने मुंबई में पार्टी की अल्पसंख्यक इकाई की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव परिणाम आने के कई दिन बाद भी जब बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बन पाई, तब शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आईं और काफी विचार-विमर्श के बाद राज्य में सरकार बनाई। एनसीपी ने कई लोगों से ली सलाहपवार ने खुलासा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने उनसे कहा था कि यदि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ हाथ मिलाती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी लेकिन बीजेपी को महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखा जाना चाहिए। शिवसेना के साथ संभावित तालमेल के बारे में महाराष्ट्र के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के लोगों से भी सलाह ली गई थी। हमें अल्पसंख्यकों की ओर से कहा गया कि यदि आप शिवसेना का साथ लेना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी को दूर रखिए। इसीलिए अल्पसंख्यकों ने भी शिवसेना के साथ सरकार बनाने का स्वागत किया।महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटनाक्रम ने देश को एक राह दिखाई है। उन्होंने इस पहल के लिए समुदाय की प्रशंसा की। पवार ने दावा किया कि अल्पसंख्यकों ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट नहीं किया। अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय करते हैं, तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है। एनसीपी ने इस पर जोर दिया था कि राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग कल्याणकारी कार्यों के लिए उनकी पार्टी को दिया जाना चाहिए। एनसीपी ने कई लोगों से ली सलाहपवार ने खुलासा किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने उनसे कहा था कि यदि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ हाथ मिलाती है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी लेकिन बीजेपी को महाराष्ट्र में सत्ता से दूर रखा जाना चाहिए। शिवसेना के साथ संभावित तालमेल के बारे में महाराष्ट्र के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली के लोगों से भी सलाह ली गई थी। हमें अल्पसंख्यकों की ओर से कहा गया कि यदि आप शिवसेना का साथ लेना चाहते हैं, तो आप ऐसा कर सकते हैं, लेकिन बीजेपी को दूर रखिए। इसीलिए अल्पसंख्यकों ने भी शिवसेना के साथ सरकार बनाने का स्वागत किया।महाराष्ट्र की राजनीति में इस घटनाक्रम ने देश को एक राह दिखाई है। उन्होंने इस पहल के लिए समुदाय की प्रशंसा की। पवार ने दावा किया कि अल्पसंख्यकों ने विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट नहीं किया। अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य जब कोई निर्णय करते हैं, तो यह किसी पार्टी की हार सुनिश्चित करने के लिए होता है। एनसीपी ने इस पर जोर दिया था कि राज्य सरकार में अल्पसंख्यक मामलों का विभाग कल्याणकारी कार्यों के लिए उनकी पार्टी को दिया जाना चाहिए। Post Views: 133