ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहर

मुंबई सेंट्रल रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर को CBI ने किया गिरफ्तार!

23 लाख नकद और ज्वेलरी बरामद; विदेश में बैंक खाते होने का पता चला…

मुंबई: रेलवे ठेकेदार से रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने मध्य रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर (PCME 54150) अशोक कुमार गुप्ता और दो अन्य को गिरफ्तार किया है।
बताया गया कि भारतीय रेल सेवा 1985 बैच के अधिकारी गुप्ता के सीएसएमटी स्थित ऑफिस और आवास पर मारे गए छापे के दौरान करोड़ों रुपए की बेनामी संपत्ति का भी पता चला है। सीबीआई ने सोमवार 26 सितंबर को दोपहर से शाम तक उनके कार्यालय एवं आवास पर छानबीन की। सीबीआई ने लगभग 23 लाख रुपए नगद भी बरामद किया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोलकाता की एक निजी कंपनी का टेंडरिंग ‘बिल’ मध्य रेलवे के यांत्रिक विभाग के पास लंबित था। जिसके एवज में सीएमई ने रिश्वत की मांग की। उनके निर्देश पर उनका ड्राइवर बांद्रा में कार्यालय वाली निजी फर्म से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया। सूत्रों के मुताबिक, अशोक गुप्ता रिश्वत लेने के लिए अपने ड्राइवर का इस्तेमाल करते थे। उनका ड्राइवर ही उनके बताये अनुसार, सामने वाले शख्स से रिश्वत के पैसे कलेक्ट करता था और बाद में वह पैसे उन तक पहुंचाता था।
सीबीआई के मुताबिक, प्रधान मुख्य यांत्रिक अभियंता A.K. Gupta के मुंबई, कोलकाता, गाजियाबाद, नोएडा, देहरादून, दिल्ली समेत 10 ठिकानों पर तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान 23 लाख नगद, करीब 40 लाख रुपए के हीरे सहित आभूषण बरामद किए गए हैं। लगभग 8 करोड़ रुपए के निवेश का विवरण मिला है।
नोएडा, हरिद्वार, देहरादून और दिल्ली में जमीन और मकान के आलावा सिंगापुर और संयुक्त राज्य अमेरिका में 3 विदेशी बैंक खातों में लगभग 2,00,000 अमेरिकी डॉलर की जमा राशि का भी पता चला है। आरोपी और परिवार के सदस्यों के नाम से एक एनआरआई बैंक खाता और अन्य बैंक खाते पाए गए हैं। एक बैंक लॉकर की भी पहचान की गई है, जो अभी तक खुला नहीं है।

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने कोलकाता की निजी कंपनी ‘आनंद सेल्स कॉरपोरेशन’ में साझेदार आदित्य टिबरेवाल और अशोक गुप्ता के ड्राइवर अब्दुल कलाम शेख को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि इंजीनियर ने उसके चालक शेख को टिबरेवाल से एक लाख रुपये की रिश्वत लेने को कहा था। घूस की रकम कोलकाता के कांट्रैक्टर ने मुंबई स्थित अपने पार्टनर के जरिए उसे भिजवाया था। घूस के तौर पर एक लाख रूपये इंजीनियर के आफिस में ड्राइवर को दी गई।