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मुख्यमंत्री केजरीवाल ने किया सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन, श्रेय को लेकर भिड़े AAP-BJP कार्यकर्ता

नई दिल्ली , यमुना नदी पर बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज का रविवार शाम को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उद्घाटन किया। हालांकि, AAP और BJP के बीच श्रेय लेने की होड़ ने उद्घाटन से पहले बदसूरत मोड़ ले लिया। उद्घाटन स्थल पर उस वक्त हंगामा हो गया, जब BJP के स्थानीय सांसद मनोज तिवारी के पहुंचने पर AAP और बीजेपी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दरअसल दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ‘बिना निमंत्रण’ के वहां पहुंच गए। इस दौरान बीजेपी और APP के कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उद्घाटन स्थल पर धक्कामुक्की भी देखने को मिली, जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की। तिवारी ने जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस पर धक्कामुक्की और बदसलूकी का आरोप लगाया है, वहीं AAP ने तिवारी और उनके समर्थकों पर मारपीट और हुड़दंग का आरोप लगाया है। मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को संभालने का काम किया। हालांकि मनोज तिवारी का कहना है कि उन्हें उद्घाटन समारोह के लिए न्योता मिला है। हंगामे के बाद मनोज तिवारी ने कहा, पुलिस के जिन लोगों ने मुझसे धक्का-मुक्की की है, उनकी शिनाख्त (पहचान) हो गई है। मैं इन सबको पहचान चुका हूं और 4 दिन में इनको बताऊंगा कि पुलिस क्या होती है।

बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी : मैं यहां से सांसद हूं फिर दिक्कत क्या है? मैं क्या कोई अपराधी हूं? मुझे पुलिस ने क्यों घेरा? मैं यहां उनके (केजरीवाल) के स्वागत के लिए हूं। मेरे साथ पुलिस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बदसलूकी की।

बता दें कि शनिवार को तिवारी ने ट्वीट कर दिल्ली सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उद्घाटन के मौके पर वह उपस्थित रहेंगे और वहां से सांसद होने के नाते मुख्यमंत्री का स्वागत करेंगे। मनोज तिवारी ने कहा, कई साल तक इस ब्रिज का काम रुका हुआ था। मैंने इसे दोबारा शुरू करवाया लेकिन उद्घाटन अरविंद केजरीवाल कर रहे हैं।

श्रेय को लेकर जंग : डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि बीजेपी ने सिग्नेचर ब्रिज का काम रुकवाने के लिए हर संभव कोशिश की। सिसोदिया ने ट्वीट में कहा कि नाकारा अफसरों को इंचार्ज बनाकर एक साल फाइलें नहीं हिलने दीं। अफसरों को डराया धमकाया। हमने लड़- लड़कर फाइलें क्लियर करवाईं। हर हफ्ते निरीक्षण किया। …आखिर सपना पूरा हुआ। उन्होंने मनोज तिवारी को जवाब देते हुए कहा कि यह पुल बीजेपी के लिए शर्मनाक हो सकता है, दिल्ली के लिए गर्व का अवसर है।

कई बार डेडलाइन मिस होने के बाद आखिरकार 14 साल में बना ब्रिज : यह ब्रिज नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली और बाहरी दिल्ली को जोड़ रहा है। करीब 13 साल पहले सिग्नेचर ब्रिज का प्लान किया गया था। यह प्रोजेक्ट 2004 में मंजूर हुआ था और इसे 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए तैयार किया जाना था। मार्च 2010 में इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू हुआ और बाद में इसकी डेडलाइन दिसंबर 2013 कर दी गई। सोमवार से इस ब्रिज पर वाहनों का आवागमन भी शुरू हो जाएगा। जब यह प्रोजेक्ट बनाया गया था तब इसकी लागत सिर्फ 464 करोड़ रुपये थी। ब्रिज की लागत बढ़ती गई और विभागों के बीच आपसी खींचतान भी बढ़ती गई। रिवाइज एस्टिमेट्स को लेकर फाइलें चलती रहीं।
7 जुलाई 2017 को फाइलों के खेल को देखकर डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने सख्त लिखित टिप्पणी की और कहा कि फाइलों में सिग्नेचर-सिग्नेचर खेलने से ब्रिज पूरा नहीं होगा। डेप्युटी सीएम ने लिखा था कि सिग्नेचर ब्रिज ऐसा लगता है कि फाइलों पर सिग्नेचर का सिंबल बन गया है और सिग्नेचर कलेक्ट करने से सिग्नेचर ब्रिज नहीं बनेगा। पीडब्ल्यूडी और डीटीआईडीसी को मिलकर रिवाइज एस्टिमेट फाइनल करना होगा ताकि ब्रिज को पूरा करने के लिए जरूरी फंड जारी किया जा सके। दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि डेप्युटी सीएम की इस सख्ती के बाद रिवाइज एस्टीमेट तैयार हुआ और फिर काम पूरा हुआ है।