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मैं आपकी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं…मैं गाती रहूंगी और आम आदमी के दर्द को जुबान दूंगी

बिहार: चर्चित भोजपुरी लोकगायिका नेहा सिंह राठौर, लॉकडाउन के बाद से सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। उनके गानों में व्यवस्था के खिलाफ आम आदमी का दर्द उभरकर आता है। उन्हीं नेहा को यूपी पुलिस ने हाथरस बलात्कार कांड के बाद गाये उनके नये गीत को लेकर धमकाया तो उन्होंने पुलिस को दो-टूक जवाब देते हुए हुए कहा कि मैं आपकी धमकियों से डरने वाली नहीं हूं। मैं गाती रहूंगी और आम आदमी के दर्द को जुबान दूंगी।
नेहा कहती हैं, ये एकदम सच है कि एक कलाकार के तौर पर मुझे आपके सहयोग और प्रेम की जरूरत है, लेकिन खुद से छोटी एक बच्ची की निर्मम हत्या पर मेरा चुप रहना, इसकी कीमत कभी नहीं हो सकती। मुझे नहीं चाहिए ऐसा सहयोग और ऐसा प्रेम, जो मेरी अंतरात्मा की आवाज़ छीन ले। रही बात ‘रामराज्य’ की, तो व्यंग्य आप नहीं समझ पाए, इसमें मेरा कोई दोष नहीं है।
मेरे राम इतने कमजोर नहीं हैं। मेरे राम इतने साधारण नहीं हैं। राम की मेरी संकल्पना में राम न सिर्फ मेरे ईश्वर हैं, बल्कि मेरे परम मित्र भी हैं, पर ये समझ पाना इतना सरल नहीं है। आपकी साम्प्रदायिकता आपको धर्म से दूर कर रही है. राजनीतिक दल के प्रति आपकी अंधभक्ति आपको लोकतंत्र से दूर कर रही है। पार्टी सरकार नहीं है। सरकार देश नहीं है, समझिये इसे। आलोचना से सरकार भले ही कमजोर होती हो, पर लोकतंत्र मजबूत होता है। रही बात मेरी, तो अनफॉलो करने का डर दिखाकर आप मेरी आवाज़ नहीं बन्द कर सकते। फॉलोवर बढ़ना-घटना मामूली बातें हैं। फॉलोवर बढ़ाने, मशहूर होने और पैसा कमाने की लालसा होती तो मैं भोजपुरी फ़िल्म उद्योग का रुख करती। ये सब बेकार चीजें वहाँ थोक भाव में हैं। संक्षेप में समझिये। आपकी धमकियों से डरकर मैं चुप नहीं हो सकती। मेरा धर्म मुझे चुप रहने की अनुमति नहीं देता।
सच ये है कि सरकार जनता के लिए होती है, जनता सरकार में लिए नहीं होती। ये बात जितनी जल्दी समझ ली जाय उतना अच्छा। विश्वास कीजिये, बोलने से फर्क पड़ता है। खुद देख लीजिए।