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राज्य सरकार बुजुर्गों घर-घर टीके को लेकर दिशा-निर्देश तैयार करें: बांबे हाईकोर्ट10

मुंबई: बांबे हाईकोर्ट ने कहा कि वह राज्य सरकार की ओर से बुजुर्गों के लिए घर-घर जाकर टीके लगाने के विषय में सरकार के दिशा-निर्देश तैयार करने की प्रगति से संतुष्ट नहीं है। सरकार इस बारे में उपयुक्त दिशा-निर्देश तैयार करे। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि सरकार 20 जुलाई तक बिस्तर में पड़े बुजुर्गों व दिव्यांगों के टीकाकरण को लेकर दिशा-निर्देश तैयार कर लेगी।
इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि सरकार ने पूरे राज्य भर में सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे लोगों की जानकारी मंगाई थी जो घर में टीका लेना चाहते है। अब तक सरकार को 13 हजार 584 लोगों के जवाब मिले है। जो घर में टीका लेने के इच्छुक है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह संख्या कोई बहुत ज्यादा नहीं है। सरकार घर घर टीका देने की सुविधा के बारे में व्यापक रुप से प्रचार प्रसार करें। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सुविधा के बारे में पता चल सके। हाईकोर्ट में बिस्तर से उठ पाने में असमर्थ बुजुर्गों व दिव्यांगों को घर-घर कोरोना का टीका दिए जाने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। यह याचिका पेशे से वकील ध्रृति कपाडिया व कुणाल तिवारी ने दायर की है।
खंडपीठ ने कहा कि सरकार बुजुर्गों के टीकाकरण को लेकर प्रभावी नीति बनाए अन्यथा इस अभियान में देरी होगी। फिलहाल हम दिशा-निर्देश बनाने के काम की प्रगति से संतुष्ट नहीं है। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर 20 जुलाई 2021 को सुनवाई रखी है। पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि वह प्रयोग के तौर बुजुर्गों को घर-घर टीका देने की शुरुआत करेंगी।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ध्रृति कपाडिया ने कहा कि बुजुर्गों के लिए शुरु किए गए घर-घर टीकाकरण अभियान के बारे में सरकार व मुंबई महानगरपालिका को व्यापक रुप से प्रचार प्रसार करने के लिए कहा जाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस टीकाकरण अभियान के बारे में जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि घर-घर टीकाकरण अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए हेल्पलाइन की शुरुआत की जाए।