छत्तीसगढ़ रायपुर में नाबालिग को रिश्तेदारों ने आठ साल तक बनाए रखा ‘बंधक’ बिना खाना-पानी के कराते थे काम! FIR दर्ज 21st April 202221st April 2022 Network Mahanagar 🔊 Listen to this रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां मां-बाप के खराब रिश्तों का खमियाजा बच्चे को आठ साल तक भुगतना पड़ा है। जो बच्चा होस्टल में पढ़ रहा था, वह मौसी के घर काम करने को मजबूर हो गया। इस तरह 8 साल तक बंधक रहा। यह कहानी उस किशोर की है, जिसके माता-पिता ने दूसरी शादी कर ली तो 9 साल की उम्र में उसके सिर से अभिभावक का साया उठ गया। ऐसे में स्वार्थ में डूबी मौसी ने समाज के सामने सहानुभूति का प्रदर्शन करते हुए बच्चे को अपने पास रख लिया। मौसा-मौसी बच्चे को प्रताड़ित करने लगे। उसकी पढ़ाई छुड़वा दी और घर का पूरा काम बच्चे से लेने लगे। उसे भरपेट भोजन तक नहीं देते, बात-बात पर डॉटते और मारते पीटते थे। पिछले आठ साल से बच्चा यह प्रताड़ना झेलते हुए अब 17 साल का किशोर हो गया है। पड़ोसियों ने प्रताड़ना का वीडियो बनाकर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग तक पहुंचाया। इस आधार पर पुलिस टीम ने बुधवार रात को राजेंद्रनगर इलाके से रेस्क्यू कर बच्चे को छुड़वा लिया है। मामले में राजेंद्रनगर थाना पुलिस ने रायपुर के अमलीडीह स्थित सोलस हाइट्स सोसाइटी के फ्लैट में रहने वाली उसकी मौसी और मौसा के खिलाफ FIR दर्ज कर लिया है। फिलहाल, अभी दोनों की गिरफ्तारी होनी बाकी है। पुरानी बस्ती सीएसपी राजेश चौधरी ने बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता अभिमन्यु बरिहा (33) की शिकायत पर राजेंद्रनगर पुलिस थाने में धारा जेजे एक्ट 75,323 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। कचना में वर्ष 2014 से पहले करण कुमार (परिवर्तित नाम) की मां लक्ष्मी (परिवर्तित नाम) ने दूसरी शादी करने के बाद अपने आठ साल के बेटे का पालन-पोषण करने के लिए बड़ी बहन सविता कुमारी (परिवर्तित नाम) को सौंप दिया था। बच्चे को साथ लेकर सविता कुमारी नंवबर 2021 में न्यू राजेंद्रनगर इलाके के सोलस हाइट्स ब्लाक-डी, मकान नंबर 502 में आकर रहने लगी। कुछ दिन तक तो बच्चे को ठीक से रखा। परन्तु बाद में बच्चे की पढ़ाई-लिखाई बंद करवाकर घर में बंधक बनाकर रखा। घर का सारा काम उससे करवाने लगे। कामकाज में थोड़ी-सी गलती होने पर किशोर की पिटाई करने के साथ खाना तक नहीं देते थे। पड़ोसियों ने की दिन-रात मदद ‘सोलस हाइट्स सोसाइटी’ के फ्लैट में बंधक बनाकर 17 साल के नाबालिग को रखने की जानकारी पड़ोसियों ने वीडियो बनाकर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम को दी। इसके बाद बुधवार देर शाम को पुलिस टीम ने रेस्क्यू कर किशोर को छुड़ाया। इस बीच थाने पहुंची जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने किशोर का बयान दर्ज करने के साथ मेडिकल कराया। मेडिकल जांच में मारपीट की पुष्टि की गई है। किशोर के शरीर पर चोटों के कई निशान भी पाए गए हैं। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि किशोर को बंधक बनाकर घर में रखने की जानकारी होने पर हम लोगों ने दिन-रात उसका ध्यान रखा। भोजन, पानी आदि खिड़की से देकर उसकी मदद की। जब प्रताड़ना बढ़ने लगी, तब वीडियो बनाकर पुलिस को भेजा। पुलिस के मुताबिक किशोर के सगे माता-पिता मूलत: ओडिशा के रहने वाले हैं। भिलाई के चरोदा में कुछ साल रहने के बाद वर्ष 2014 कचना में आकर किराए के मकान में रहने लगे। इस दौरान किशोर को होस्टल में रखकर पढ़ाई करवाई जाती थी। किशोर की मां और पिता ने अलग-अलग शादी कर ली थी, तब से वह अपनी मौसी के साथ ही रह रहा था। मौसी यहां एक सुपर बाजार में एचआर हेड के पद पर कार्य करती है। बच्चों के नाम लिखा था पत्र- मुझे इंसाफ मिले मैं 17 वर्ष का हूं और चरौंदा भिलाई का रहने वाला हूं। जब मैं छोटा था, तब मेरे पापा और मेरी मां दोनों अलग हो गए थे। मुझे दादी के पास छोड़ दिया और पापा ओडिशा चले गए। मुझे दादी और चाचा ने पाला-पोसा। नौ साल का था, तब मेरी मां और मौसी दोनों चरौंदा आए और बोले कि हम पढ़ाएंगे। मैंने धमतरी और अभनपुर के होस्टल में रहकर चौथी कक्षा तक पढ़ाई की। 2014 से मैं रायपुर में रहता हूं। ब्रेस्ट कैंसर की वजह से 2019 में मेरी नानी का निधन हो गया। उसके बाद मैं, मेरी मौसी आठ महीने तक शंकर नगर में रहे। 2020 में मेरे मौसाजी ने मुझे मारना-पीटना शुरू कर दिया। घर में हर छोटी-बड़ी चीज के लिए मुझे मारते थे। नवंबर, 2021 में हम भावना नगर से अमलीडीह में रहने आ गए। मां और मौसी मुझे लोगों को ये बताने से मना करती थीं कि हम कौन हैं। वे कहते थे कि सबको बताना कि हम मौसी हैं। अगर गलती से भी कहीं बोला कि मां और बड़ी मां हैं तो वहीं मारूंगी। उसके बाद से मेरा घर से नीचे जाना बंद हो गया। मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि मुझे इंसाफ मिले। बाल संरक्षण अधिकारी संजय निराला ने बताया कि बंधक बनाकर किशोर के साथ मारपीट करने वाली मौसी और उसके पति के खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। रेस्क्यू कर छुड़ाए गए किशोर की सीडब्ल्यूसी में काउंसलिंग कराई गई। उसने अपने बयान में दो रिश्तेदारों पर मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। जो उसे कहीं आने-जाने नहीं देते थे। किशोर ने सगे माता-पिता के पास रहने से साफ इन्कार किया है, लिहाजा उसे माना कैंप स्थित बालगृह में रखा गया है। वह चौथी के बाद की पढ़ाई करना चाहता है। सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। Post Views: 158