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‘लिव-इन रिलेशनशिप’ है महाविकास अघाड़ी सरकार, जिस दिन यह गिर जाएगी, हमारे पास जिम्मेदारी होगी और हम एक मजबूत सरकार देंगे: फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने उद्धव सरकार पर बड़ा हमला बोला है। फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार एक परिवार नहीं है, बल्कि तीनों पार्टियों का ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ है। उन्होंने कहा कि वह यह समझने में असफल रहे हैं कि एमवीए सरकार का संचालन किसके हाथों में है क्योंकि सत्तारूढ़ दलों के बीच ‘अत्यधिक मनमुटाव’ है।
सरकार में कलह के बारे में खबरों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री और राज्य कांग्रेस प्रमुख बालासाहेब थोरात ने कहा था कि एमवीए एक परिवार की तरह है और इसके घटक भाइयों की तरह हैं।

देवेन्द्र फडणवीस ने एक मराठी समाचार चैनल की ओर से आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा क‍ि हम इस सरकार को गिराने वाले नहीं हैं। हमें इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है। फडणवीस ने कहा कि वैचारिक रूप से भिन्न दलों की सरकार देश में कभी नहीं चल पाई है। उन्होंने कांग्रेस पर एमवीए जैसी सरकार को नहीं चलने देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा क‍ि उनके बीच अत्यधिक मनमुटाव है। थोरात को कुछ भी कहने दो, उनका एक विभाजित परिवार है। बल्कि यह एक परिवार ही नहीं है। गलत शब्द का इस्तेमाल करने के लिए मुझे माफ कर दो, लेकिन यह एक लिव-इन रिलेशनशिप है।

लम्बे समय तक नहीं चल पाएगी उद्धव सरकार
पूर्व सीएम फडणवीस ने कहा क‍ि यह सरकार लम्बे समय तक नहीं चल पाएगी। यह अपने मतभेदों के कारण ही गिर जायेगी। जिस दिन यह गिर जाएगी, हमारे पास जिम्मेदारी होगी और हम एक मजबूत सरकार देंगे। उन्होंने सरकार को तीन इंजनों वाली एक ट्रेन के रूप में बताया। बीजेपी नेता ने कहा कि तीसरा इंजन ट्रेन के बीच में है, जिसे उन्होंने जोड़ा, तीन अलग-अलग दिशाओं से खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा क‍ि यह मुख्यमंत्री हैं जो सरकार के प्रमुख हैं, लेकिन बहुत सारे सुपर मुख्यमंत्री, स्व-घोषित मुख्यमंत्री और नेता हैं। लेकिन यह शोध का विषय है, कि सरकार किनके हाथों में है?

NCP के साथ सरकार बनाना ‘असफल प्रयोग’
देवेंद्र फडणवीस ने यह भी स्वीकार किया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता अजित पवार के साथ पिछले वर्ष सरकार बनाने का उनका प्रयास एक ‘असफल प्रयोग’ था। उन्होंने कहा कि यह ‘बेहतर होता’ यदि उन्होंने यह कदम नहीं उठाया होता।
बता दें कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के क्रमश: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद यह सरकार लगभग 80 घंटे चल सकी थी।