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शरद पवार बोले- सत्ता का दुरुपयोग कर रही है बीजेपी सरकार; एनसीपी के 10 बड़े नेताओं की हुई जांच!

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब किए जाने को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक एनसीपी के 10 बड़े नेताओं की जांच की जा चुकी है। कुछ के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि अनिल देशमुख को तकरीबन 13-14 महीने जेल में रखा गया। उन पर एक शैक्षणिक संस्था के लिए 100 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया गया, लेकिन जांच के बाद जो चार्जशीट दाखिल की गई उसमें 100 करोड़ की रकम घटाकर 20 करोड़ कर दी गई। इसका मतलब यह है कि विपक्ष के नेताओं पर अतिरंजित आरोप लगाए जाते हैं।
100 करोड़ रुपये का आरोप सुनकर लोगों को झटका लगा था, लेकिन इस तरह के अतिरंजित करने वाले आरोप जानबूझकर बदनामी के लिए लगाए जाते हैं। पवार ने कहा कि अनिल देशमुख ने अपनी जिस शैक्षणिक संस्था के लिए रकम ली थी, वह रकम अब भी उस शैक्षणिक संस्था के खाते में पड़ी है, लेकिन अनिल देशमुख को 13 से 14 महीने जेल के सजा भुगतनी पड़ी। यह सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण है।

ईडी को कुछ हासिल नहीं होगा: भुजबल
जयंत पाटिल की ईडी के समक्ष पेशी पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल ने कहा कि बीजेपी, सीबीआई और ईडी देश में दहशत का वातावरण निर्मित कर रही हैं। जब तक दहशत का यह आलम चलेगा हम आंदोलन करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जयंत पाटिल की जांच से ईडी को कुछ हासिल नहीं होने वाला।

9 घंटे तक ईडी ने की जयंत पाटिल से पूछताछ!
बता दें कि एनसीपी के वरिष्ठ नेता जयंत पाटिल से सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। ईडी के सवालों का जवाब देने के बाद जयंत पाटिल से राज्य के सभी नेताओं ने फोन पर बातचीत की और उनका हालचाल लिया।
जब पाटिल से इस विषय पर मीडिया ने पूछा कि किस-किस नेता ने आपको कॉल किया तो उन्होंने कहा कि मैं किसी का नाम नहीं लूंगा। सभी पार्टी में मेरे मित्र हैं सबने कॉल किया। अगर मैं किसी का नाम लेना भूल गया तो ठीक नहीं होगा। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि अजित पवार ने आपको कॉल किया? इस पर जयंत पाटिल ने कहा कि अजित पवार ने कॉल नहीं किया! जयंत पाटिल के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में दिनभर सियासी चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
वहीं, दूसरी तरफ जब जयंत पाटिल से ईडी पूछताछ कर रही थी तो एनसीपी के बड़े नेता उनसे दूरी बनाए हुए नजर आए। जयंत पाटिल जब ईडी कार्यालय पहुंचे थे तब एनसीपी कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के बाहर आक्रामक रूप से विरोध प्रदर्शन किया। उस वक्त एनसीपी के प्रमुख नेताओं के पार्टी कार्यालय में मौजूद रहने की उम्मीद थी। हालांकि, ईडी कार्यालय पर जब जयंत पाटिल से पूछताछ की जा रही थी, तब एनसीपी ऑफिस में कोई वरिष्ठ नेता मौजूद नहीं था।
हैरत की बात यह है कि अजित पवार, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, राजेश टोपे, धनंजय मुंडे, दिलीप वलसे पाटिल और सुनील तटकरे में से कोई भी पार्टी ऑफिस में नहीं आया। सिर्फ जितेंद्र आव्हाड ही वहां मौजूद नजर आये। ऐसे में इस बात की भी चर्चा है कि ईडी के चक्कर में फंसे जयंत पाटिल क्या पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं। वह भी तब जब उन्हें मदद की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस बीच जयंत पाटिल मंगलवार सुबह शरद पवार से मिलने उनके निवासस्थान सिल्वर ओक गए। इस बैठक में जयंत पाटिल और शरद पवार के बीच ईडी की जांच पर चर्चा हुई की संभावना है।