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शिंदे सरकार पर जमकर बरसे शरद पवार, बोले- गुजरात में इलेक्शन है…तो महाराष्ट्र में छुट्टी क्यों?

मुंबई: महाराष्ट्र में सियासी घमासान जारी हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विवादित बयान दिया। उनकी ऐसे बयान देने की आदत रही है। इस पद पर एक जिम्मेदार व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिए। कभी सावित्रीबाई फुले और महात्मा फुले तो कभी छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे राज्य और देश के आदर्शों पर उनके विवादित बयानों से स्थिति विकट हो जाती है। पीएम नरेंद्र मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करें।

गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के वक्तव्यों की खुलकर आलोचना की। वरिष्ठ एनसीपी नेता पवार ने गुजरात चुनाव पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। उन्होंने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गुजरात में विधानसभा इलेक्शन होने जा रहा है, लेकिन मतदान वाले दिन महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में छुट्टी की घोषणा की गई है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ किसी और राज्य में मतदान के लिए किसी और राज्य के कुछ इलाकों में छुट्टियों की घोषणा की गई हो! इससे साफ पता चलता है कि अबकी बार गुजरात में बीजेपी के लिए परेशानियां बढ़ाने वाले हालात हैं। वरना और क्या दूसरा क्या बात है?
बता दें कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं को लेकर एनसीपी मुखिया पवार ने कहा कि उन्हें इसका फिलहाल कोई आभास नहीं है, ना ही उन्हें इसकी संभावनाओं के संबंध में कुछ बोलना है। वे बिना किसी तथ्य के कोई बात नहीं करेंगे। लेकिन उन्होंने शिंदे सरकार पर निशाना इसलिए साधा हैं कि जब आत्मविश्वास की कमी होती है तभी ज्योतिष का ही सहारा लिया जाता है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के सीएम शिंदे पर अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने यह आरोप लगाया है कि जब वे नासिक दौरे पर थे तो उन्होंने ज्योतिष से मुलाकात की थी। शरद पवार ने दोबारा यह दोहराया कि शिंदे सरकार सत्ता का उपयोग विरोधियों पर मामले दर्ज करवाने में कर रही है।

कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बोले पवार
फिलहाल, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद काफी गरमाई हुई है। इस मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कारवार, बेलगाम, निपाणी जैसे इलाकों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए कर्नाटक को क्या दिया जा सकता है, इस विषय पर चर्चा से समाधान निकाला जा सकता है, लेकिन कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई के भड़काऊ बयान से चीजें और बिगड़ सकती हैं। केंद्र सरकार अपनी जिम्मेदारियों से अधिक समय तक नहीं बच सकती। उन्हें यह सीमा-विवाद सुलझाना ही पड़ेगा।