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12 विधायकों का नामांकन मामला: अमित शाह से मिले राज्यपाल कोश्यारी, बॉम्बे HC ने उचित समय के भीतर फैसला लेने की कही थी बात

मुंबई: विधान परिषद में 12 विधायकों के नामांकन पर बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के कुछ घंटे बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। उच्च न्यायालय ने कहा है कि राज्य के राज्यपाल उचित समय के भीतर विधायकों के नामांकन पर निर्णय लेने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, राजभवन ने शुक्रवार शाम को हुई बैठक को शिष्टाचार भेंट करार दिया।
राज्यपाल कोश्यारी द्वारा अपने कोटे से विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्यों के रूप में 12 व्यक्तियों को नामित करने के लिए महाराष्ट्र मंत्री परिषद द्वारा भेजे गए प्रस्ताव पर निर्णय लेने में देरी राज्यपाल और महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण बन गया है।

बॉम्बे हाईकोर्ट का आदेश
उच्च न्यायालय ने नामांकनों पर फैसला लेने के संबंध में राज्यपाल को निर्देश के अनुरोध के लिए नासिक के एक व्यक्ति द्वारा दाखिल याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि विधान परिषद (एमएलसी) के सदस्यों के रूप में 12 व्यक्तियों को नामित करने के लिए राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को ‘उचित समय के भीतर’ स्वीकार या अस्वीकार करना महाराष्ट्र के राज्यपाल का ‘संवैधानिक दायित्व’ है।

नवंबर 2020 में हुई थी 12 नामों की सिफारिश
बता दें कि मंत्री परिषद ने नवंबर 2020 में परिषद के सदस्यों के लिए 12 नामों की सिफारिश की थी। राज्यपाल के कोटे से सदस्यों का कार्यकाल पिछले साल जून में खत्म हो गया था। सरकार ने दलील दी थी कि राज्यपाल को नामांकन पर उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लेना चाहिए और वह अपना निर्णय लंबित नहीं रख सकते।

संजय राउत बोले- राज्यपाल बहुत अच्छे इंसान, उन पर पार्टी का काफी दबाव है
महाराष्ट्र में राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच 12 विधायकों की लिस्ट को लेकर तनातनी चल रही है। बॉम्बे हाइकोर्ट ने भी गवर्नर भगतसिंह कोश्यारी को संविधान के तहत काम करने की सलाह दी है।
इसी मुद्दे पर शिवसेना सांसद और वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तारीफ करते हुए कहा है कि वह एक अच्छे इंसान हैं। मैं उन्हें काफी नजदीक से जानता हूं लेकिन उनके ऊपर पार्टी का काफी दबाव है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य के गवर्नर की नियुक्ति पॉलिटिकल ही होती है लेकिन उनके ऊपर भी एक जिम्मेदारी होती है।
हालांकि, उन्हें संविधान के तहत काम करना चाहिए। राउत ने कहा कि राज्यपाल को उच्च न्यायालय ने अपरोक्ष रूप से फटकार लगाई है क्योंकि वह विधायकों की सूची के बारे में जवाब नहीं दे रहे थे। फिलहाल इस मसले पर महामहिम की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

राज्यपाल को प्यादा नही बनना चाहिए: राउत
राउत ने कहा कि राज्यपाल को किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधि ना बनकर अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं महाराष्ट्र के गवर्नर को तब से जानता हूं। जब वह मुख्यमंत्री थे और फिर सांसद बने, मैंने उनके साथ काम किया है। उनके व्यवहार से यह साफ झलकता है कि वह किसी राजनीतिक दल के प्रति समर्पित हैं। जबकि, उन्हें संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना चाहिए। राउत ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राज्यपाल जल्द ही 12 विधायकों के बारे में फैसला लेंगे।