ब्रेकिंग न्यूज़महाराष्ट्रमुंबई शहरराजनीतिशहर और राज्य बालासाहेब की 95वीं जयंती: मुंबई में पहली बार स्थापित हुई बालासाहेब की 11 फीट ऊँची प्रतिमा, एक मंच पर नज़र आये उद्धव और राज ठाकरे! 23rd January 2021 networkmahanagar 🔊 Listen to this मुंबई, (राजेश जायसवाल): महाराष्ट्र की राजनीति में अलग दबदबा रखने वाले शिवसेना संस्थापक हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे की आज जयंती है। बालासाहेब ठाकरे यहां तक कहते थे ”मैं लोकशाही नहीं, बल्कि ठोकशाही पर विश्वास करता हूं”! आज बालासाहेब की 95वीं जयंती के मौके पर उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण उनके बेटे व राज्य के सीएम उद्धव ठाकरे ने किया। खास बात यह रहा कि मुंबई के कोलाबा इलाके में आयोजित इस कार्यक्रम में बालासाहेब ठाकरे के भतीजे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे भी मौजूद थे। दोनों भाइयों के बीच हुई मुलाकात के दौरान गर्मजोशी देखने को मिली। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, महापौर किशोरी पेडणेकर, जयंत पाटिल, बालासाहेब थोरात, छगन भुजबल, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई, दादाजी भुसे, उदय सामंत, असलम शेख, विधान परिषद में विरोधी पक्षनेता प्रविण दरेकर, सांसद अरविंद सावंत, मुंबई महानगरपालिका आयुक्त इकबाल सिंह चहल, रश्मी ठाकरे, आदित्य ठाकरे, अमित ठाकरे सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।बता दें कि बाल ठाकरे का जन्म 23 जनवरी,1926 को हुआ था। उन्होंने साल 1966 में शिवसेना की स्थापना की थी। उनके निधन के पश्चात उनके पुत्र उद्धव ठाकरे पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री की प्रतिमा के निकट हुई स्थापनाबाल ठाकरे के (17 नवंबर 2012) निधन के आठ साल बाद यह प्रतिमा एमजी रोड पर गेटवे ऑफ इंडिया के बिल्कुल समीप डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक पर स्थापित की गई है। प्रतिमा के ठीक बगल में पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री का स्टैच्यू है। महाराष्ट्र की राजनीति पर खासा प्रभाव रखने वाले बाल ठाकरे का अंतिम संस्कार उसी शिवाजी पार्क में किया गया था, जहां उन्होंने शिवसेना की पहली आमसभा को संबोधित किया था। शिवाजी पार्क के सामने स्थित मुंबई के महापौर निवास परिसर में ही बालासाहेब ठाकरे का एक भव्य स्मारक भी बनाया गया है। …जब प्रतिमा लगाने का विरोध भी हुआबता दें कि बाल ठाकरे की प्रतिमा को लेकर स्थानीय लोग 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देकर इसकी स्थापना का विरोध कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के मुताबिक, सार्वजनिक सड़कों पर कोई भी प्रतिमा नहीं स्थापित की जा सकती। इस विरोध के बारे में ‘आपली मुंबई’ नाम के एक एनजीओ (NGO) के प्रेसिडेंट वाइस एडमिरल (रिटायर्ड) आईसी राव ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने 2019 के दिसंबर में भी इसका विरोध किया था।एडमिरल (रिटायर्ड) आईसी राव ने कहा, ‘2013 का सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश है कि सार्वजनिक सड़कों पर कोई भी मूर्ति नहीं लगाई जा सकती। इससे पैदल चलने वालों की सुरक्षा तो प्रभावित होगी ही और जब मूर्ति पर माल्यार्पण का कोई कार्यक्रम होगा तो सड़कें बंद हो जाएंगी। हमारा मामला सुरक्षा से जुड़ा है ना कि राजनीतिक। सैकड़ों लोग सेल्फी लेने लगेंगे और ट्रैफिक की समस्या खड़ी हो जाएगी। ट्रैफिक आइलैंड पर कोई जगह नहीं बचेगी।’ शरद पवार ने भी श्रद्धांजलि अर्पित कीराष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने भी सोशल मीडिया में बालासाहेब को याद करते हुए लिखा- ‘बाल ठाकरे ने अलग-अलग सामाजिक मुद्दों पर टिप्पणी करने हेतु एक कार्टूनिस्ट के रूप में अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। दिवंगत नेता की शब्दों पर अच्छी पकड़ ने उन्हें एक अच्छा वक्ता बनाया एवं उनकी राज्य की राजनीति पर अच्छी पकड़ थी’। एक महान राष्ट्रवादी थे बालासाहेब: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरेइससे पहले शनिवार दोपहर सीएम उद्धव ने अपने पिता के योगदान को याद करते हुए कहा कि बालासाहेब ने संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन में भाग लिया था। उन्होंने कहा, ‘वह एक महान राष्ट्रवादी और हिंदुत्व के उज्ज्वल प्रतीक थे।’ पूर्व सीएम तथा विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि दी। Post Views: 215